रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार की नियोजन नीति को रद्द कर दिया है. इसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया बंद की गई है. इसके लिए हेमंत सोरेन सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताते हुए राज्यभर से आये छात्र छात्राओं ने विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया(Demonstration of students near Vidhansabha). पुराने विधानसभा भवन के पास से नए विधानसभा के लिए जुलूस की शक्ल में निकले छात्र छात्राओं को जगरनाथपुर मंदिर के पास पुलिसकर्मियों ने रोक दिया. इसके बाद वहीं आंदोलित छात्र छात्राएं सड़क पर बैठ कर सभा करने लगे.
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छात्रों ने अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए बेरोजगार छात्र संघ के नाम का मोर्चा भी गठित किया है. छात्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन ने यह जानते हुए नियोजन नीति में विधिक रूप से कई तरह की खामियां है इसे विधानसभा से पास किया और छात्रों से धोखा किया. JSSC द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया रोक दिए जाने का विरोध करते हुए आंदोलित छात्र छात्राओं ने कहा कि वह एक के बाद एक डिग्रियां हासिल करते हैं, समय और पैसे दोनों को लगाते हैं, लेकिन जब नौकरी लेने की बारी आती है तो कोई न कोई कारण बताकर नियुक्ति टाल दी जाती है.
छात्र नेता मनोज यादव ने कहा कि जब नियोजन नीति लायी गयी थी उसी समय महाधिवक्ता और कानून के जानकारों ने कहा था कि अदालत के यह नहीं टिकेगा. इसके बाद भी युवाओं को दिग्भ्रमित करने के लिए नियोजन नीति लायी गयी, जो अदालत में टिक नहीं सकी. ऐसे में अब सरकार 15 दिनों के अंदर नई नियोजन नीति लाये और नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करें, अन्यथा राज्य भर के युवा छात्र छात्राएं जोरदार आंदोलन शुरू कर देंगे, क्योकि कोर्ट के फैसले के बाद नियुक्ति प्रक्रिया रुक जाने से छात्र छात्राएं बेरोजगार हो गए हैं और उन्हें अपना भविष्य अंधकार में दिख रहा है.
आंदोलित छात्र छात्राएं विधानसभा तक नहीं पहुंच सकें इसके लिए जगरनाथपुर मंदिर के पास पुलिस की विशेष बैरिकेडिंग की गई थी. ड्रोन कैमरे से छात्र छात्राओं की एक्टिविटी की रिकॉर्डिंग के साथ साथ वाटर कैनन और बड़ी संख्या में पुलिस के जवान को तैनात किया गया था. डीएसपी रैंक के अधिकारी खुद विधि व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे थे.