रांची: राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर यूनिवर्सल पेंशन योजना तक में पंचायत स्तर पर सहयोग करने वाले स्वयंसेवकों (Panchayat Svayansevak) ने शुक्रवार को तीन सूत्री मांग को लेकर मोरहाबादी से मुख्यमंत्री आवास (Chief Minister House) का घेराव करने के लिए निकले थे. मोराबादी में पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़ते हुए आगे बढ़े स्वयंसेवकों को राजभवन के पास पुलिस ने रोक दिया. यहां आंदोलित पंचायत स्वयंसेवकों को रोकने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
ये हैं पंचायत स्वयंसेवकों की 3 सूत्री मांगें: पंचायत स्वयंसेवकों की मांग है कि उन्हें भी सरकार मानदेय दे. इसके साथ-साथ पंचायत सचिवालय का नाम बदल कर पंचायत सहायक किया जाए तथा सेवा स्थायी की जाए. इसके साथ साथ स्वयंसेवक चाहते हैं कि हर पंचायत सचिवालय भवन में स्वयंसेवकों के लिए एक अलग से कमरा दिया जाए.
विधानसभा चुनाव से पहले झामुमो ने मानदेय और सेवा स्थायी करने का किया था वादा: राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के नेताओं ने कहा कि उन्हें लगातार ठगा जा रहा है. ऐसे में आंदोलन की जगह कोई और रास्ता नहीं बचा है. आंदोलित पंचायत स्वयंसेवकों को रोकने के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी, उपाधीक्षक और बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था. जब पुलिसकर्मियों ने आंदोलित पंचायत स्वयंसेवकों को मुख्यमंत्री आवास जाने से बल पूर्वक रोक दिया तो वे वहीं बैठकर सभा करने लगे.
राज्य के हर पंचायत में हैं चार चार पंचायत स्वयंसेवक: मुख्यमंत्री आवास घेरने आये पंचायत स्वयंसेवक की अनुबंध पर नियुक्ति 2016 में हुई थी. सरकार की महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजनाओं में ये पंचायत स्वयंसेवक सहयोग करते हैं.