रांचीः राज्य में स्थायी स्थानीय नीति जल्द लागू हो, इस मांग को लेकर मूलवासी सदन मोर्चा ने बीते दिन राजभवन के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य में स्थानीय नीति लागू नहीं होने से यहां के स्थानीय लोगों को नुकसान हो रहा है. बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. वहीं पांचवी अनुसूची के तहत पेसा कानून को सख्ती से पालन नहीं होने से रैयतों की जमीन को लूटी जा रही है. इस पर अंकुश लगाने के लिए मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल में शामिल पद्मश्री मधु मसूरी हंसमुख ने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.
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मूलवासी सदन मोर्चा के पदाधिकारी छितिज राय ने कहा कि स्थानीय नीति लागू नहीं होने के कारण झारखंड के स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जो लाभ यहां के स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए वह लाभ स्थानीय नीति प्रभावित नहीं होने के कारण बाहरी लोग ले रहे हैं. इन्हीं मुद्दों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है.
ऐसे छलका दर्द
पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख ने कहा कि झारखंड का दुर्भाग्य है कि 20 साल बाद भी यहां की स्थानीय नीति परिभाषित करने में सरकारें असफल रहीं हैं. उन्होंने कहा कि जब झारखंड राज्य बना तो एक तरफ बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो दूसरी तरफ पूरा झारखंड खुशी से झूम रहा था. लेकिन अलग राज्य बनने पर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. आज लोगों की जमीनें लूटी जा रहीं हैं. स्थानीय लोग अपनी मांग को लेकर भटक रहे हैं लेकिन सरकारी संस्थानों तक में उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है.