रांची: अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के तत्वाधान में सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ की ओर से मजदूरों ने अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान सीसीएल प्रबंधक और केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद किया.
मजदूरों के हितों पर हमला
संघ की मानें तो मजदूर काफी मेहनत कर रहे हैं लेकिन सरकार और कोल इंडिया प्रबंधक लगातार मजदूरों के हितों पर हमला कर रहा है. सरकार कोल इंडिया के घाटा का बहाना बनाकर खदानों को बंद कर रही है. जेबीसीसीआई में यह तय किया गया है कि कई मुद्दे जैसे मेडिकल अनफिट आदि को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जो काफी गंभीर मामला है. इसके खिलाफ संघ की ओर से लगातार प्रबंधन से मांग की जा रही है लेकिन वे अबतक पूरी नहीं हुई है.
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वेतन भत्ता और सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने की भी मांग
सीसीएल कर्मचारियों की मानें तो सीएमपीएफ कार्यालय में घोर भ्रष्टाचार है, जिसपर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए. इसके अलावा उनकी मांग है कि कंपनी में ठेकेदार बदलने पर स्किल्ड ठेका मजदूर को ना बदला जाए और मजदूरों को बेहतर आवासीय सुविधा तत्काल कंपनी उपलब्ध कराए. इसके अलावा सीपीआरएमएस स्कीम को कैशलेस करने की भी मांग की है. सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन थर्ड पार्टी कोल संपलिंग पर अविलंब रोक लगाए, ताकि कॉल उद्योग का घाटा निरस्त हो सके. वहीं, 1 जनवरी 2017 से सेवानिवृत्त कामगारों को 20 लाख ग्रेजुएटी का लाभ देने की मांग की गई है. ठेका मजदूरों को एचपीसी के अनुसार, वेतन भत्ता और सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने की भी मांग की गई है.