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दशहरा में भी उदासी! नियुक्ति की मांग को लेकर मोराबादी में डटे रहे सहायक पुलिसकर्मी

दशहरा के दिन भी झारखंड से 25 सौ सहायक पुलिसकर्मियों के चेहरे पर उदासी देखने को मिली. अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर मोरहाबादी मैदान में डटे रहे.

Demonstration of assistant policemen
Demonstration of assistant policemen
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Published : Oct 15, 2021, 7:17 PM IST

रांची: पिछले 20 दिनों से मोराबादी मैदान में धरने पर बैठे सहायक पुलिसकर्मी विजयादशमी के दिन भी आम दिनों की तरह धरना देते नजर आए. अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे पुलिसकर्मियों ने कहा कि भले ही पूरा राज्य और देश विजयादशमी की खुशी मना रहा हो लेकिन हमारे लिए आज भी कोई खुशी नहीं है. इसलिए हम अपने परिवार से अलग होकर अपने हक की मांग के लिए धरने पर बैठे हुए हैं.

ये भी पढ़ें- आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों की मांग पर राजनीति शुरू, बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना

धरने पर बैठे पुलिसकर्मियों से बातचीत करने पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता हितेश कुमार चौधरी ने जब पूछा कि आखिर क्यों वह अपनी बातों को सरकार तक नहीं रख पा रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि सरकार हमारे समायोजन को लेकर गंभीर नहीं है. इसलिए अब हम बेसहारा हो गए हैं.

देखें पूरी खबर
वहीं, धरने पर बैठीं महिलाओं ने कहा कि सरकार को हमारी बात मान लेनी चाहिए, क्योंकि पिछले 4 वर्षों से हम लोग झारखंड के विभिन्न जंगली एवं पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षा देने का काम कर रहे हैं. सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि राज्य के बाहर भी हम सहायक पुलिस कर्मियों से काम लिया जाता है. उसके बावजूद हमारे वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है और ना ही हमें किसी प्रकार की सुविधा या भत्ता मिल रहा है.धरने पर बैठे पुलिसकर्मियों ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर विचार करनी चाहिए. सरकार को समझना चाहिए कि जब हम आम पुलिसकर्मियों की तरह सेवा दे रहे हैं तो फिर वेतन में असमानताएं क्यों है.अब सवाल यह उठता है कि जिस मैदान से सूबे के मुख्यमंत्री विजयादशमी के दिन जनता के बेहतर जीवन की कामना करते हैं. उसी मैदान में विजयादशमी के दिन 12 जिलों से आये 2,500 पुलिसकर्मी अपनी सीधी नियुक्ति को लेकर धरने पर बैठे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि सहायक पुलिस कर्मियों की मांग पर सरकार क्या निर्णय लेती है?

रांची: पिछले 20 दिनों से मोराबादी मैदान में धरने पर बैठे सहायक पुलिसकर्मी विजयादशमी के दिन भी आम दिनों की तरह धरना देते नजर आए. अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे पुलिसकर्मियों ने कहा कि भले ही पूरा राज्य और देश विजयादशमी की खुशी मना रहा हो लेकिन हमारे लिए आज भी कोई खुशी नहीं है. इसलिए हम अपने परिवार से अलग होकर अपने हक की मांग के लिए धरने पर बैठे हुए हैं.

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धरने पर बैठे पुलिसकर्मियों से बातचीत करने पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता हितेश कुमार चौधरी ने जब पूछा कि आखिर क्यों वह अपनी बातों को सरकार तक नहीं रख पा रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि सरकार हमारे समायोजन को लेकर गंभीर नहीं है. इसलिए अब हम बेसहारा हो गए हैं.

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वहीं, धरने पर बैठीं महिलाओं ने कहा कि सरकार को हमारी बात मान लेनी चाहिए, क्योंकि पिछले 4 वर्षों से हम लोग झारखंड के विभिन्न जंगली एवं पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षा देने का काम कर रहे हैं. सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि राज्य के बाहर भी हम सहायक पुलिस कर्मियों से काम लिया जाता है. उसके बावजूद हमारे वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है और ना ही हमें किसी प्रकार की सुविधा या भत्ता मिल रहा है.धरने पर बैठे पुलिसकर्मियों ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर विचार करनी चाहिए. सरकार को समझना चाहिए कि जब हम आम पुलिसकर्मियों की तरह सेवा दे रहे हैं तो फिर वेतन में असमानताएं क्यों है.अब सवाल यह उठता है कि जिस मैदान से सूबे के मुख्यमंत्री विजयादशमी के दिन जनता के बेहतर जीवन की कामना करते हैं. उसी मैदान में विजयादशमी के दिन 12 जिलों से आये 2,500 पुलिसकर्मी अपनी सीधी नियुक्ति को लेकर धरने पर बैठे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि सहायक पुलिस कर्मियों की मांग पर सरकार क्या निर्णय लेती है?
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