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कोरोना खौफः 25 मई तक अदालती कार्य बंद रखने की मांग, रांची जिला बार एसोसिएशन ने लगाई गुहार

झारखंड में कोरोना की बेलगाम रफ्तार ने सभी वर्ग को प्रभावित कर दिया. रांची का अधिवक्ता वर्ग भी इसमें शामिल हैं. रांची जिला बार एसोसिएशन कोरोना के खतरे को देखते हुए 25 मई तक अदालती कार्य बंद रखने की मांग की है.

वकील
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Published : May 4, 2021, 7:31 AM IST

Updated : May 4, 2021, 7:46 AM IST

रांचीः महामारी की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर रांची जिला बार एसोसिएशन वकीलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. इस संबंध में प्रशासनिक संयुक्त सचिव पवन रंजन खत्री ने एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव को पत्र लिखकर महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उचित कदम उठाने की मांग की है.

देखें पूरी खबर.

यह भी पढ़ेंः गिरिडीह में वज्रपात से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत, छत का प्लास्टर कराते वक्त हुआ हादसा

उन्होंने कहा है कि अधिवक्ताओं एवं उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए न्यायालय के सभी कार्य को पूर्ण रूप से चाहे वह वर्चुअल हो या फिजिकल बंद रखना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी दूसरी लहर बहुत तेजी से बढ़ रही है और इसके संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए पूर्ण रूप से न्यायालय को कम से कम 25 मई तक बंद रखना चाहिए, ताकि महामारी के चैन को तोड़ा जा सके.

इस महामारी संक्रमण के कड़ी को रोककर ही अधिवक्ताओं एवं उनके परिवारों की सुरक्षित किया जा सकता है. इस महामारी में हम कई अधिवक्ता बंधुओं को खो चुके हैं और आगे खोना नहीं चाहते हैं इसी के लिए सभी लोगों को एकमत होकर पूरा न्यायिक कार्य से अलग रहना चाहिए.

10 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग मिले

साथ ही सभी की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कम से कम बार की ओर से 10 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग दिया जाए, ताकि अधिवक्ता अपने परिवार का पालन कर सके.

वहीं इस संक्रमण से निजात दिलाने को लेकर जिस तरीके से लगातार न्यायालय में वैक्सीनेशन किया जा रहा था उसकी व्यवस्था सुचारू रूप से कराई जाए, ताकि अधिवक्ता अपने परिवार के साथ वैक्सीन ले सकें और इस महामारी के बढ़ते प्रकोप से अधिवक्ताओं और उनके परिवार को बचाया जा सके.

रांचीः महामारी की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर रांची जिला बार एसोसिएशन वकीलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. इस संबंध में प्रशासनिक संयुक्त सचिव पवन रंजन खत्री ने एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव को पत्र लिखकर महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उचित कदम उठाने की मांग की है.

देखें पूरी खबर.

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उन्होंने कहा है कि अधिवक्ताओं एवं उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए न्यायालय के सभी कार्य को पूर्ण रूप से चाहे वह वर्चुअल हो या फिजिकल बंद रखना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी दूसरी लहर बहुत तेजी से बढ़ रही है और इसके संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए पूर्ण रूप से न्यायालय को कम से कम 25 मई तक बंद रखना चाहिए, ताकि महामारी के चैन को तोड़ा जा सके.

इस महामारी संक्रमण के कड़ी को रोककर ही अधिवक्ताओं एवं उनके परिवारों की सुरक्षित किया जा सकता है. इस महामारी में हम कई अधिवक्ता बंधुओं को खो चुके हैं और आगे खोना नहीं चाहते हैं इसी के लिए सभी लोगों को एकमत होकर पूरा न्यायिक कार्य से अलग रहना चाहिए.

10 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग मिले

साथ ही सभी की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कम से कम बार की ओर से 10 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग दिया जाए, ताकि अधिवक्ता अपने परिवार का पालन कर सके.

वहीं इस संक्रमण से निजात दिलाने को लेकर जिस तरीके से लगातार न्यायालय में वैक्सीनेशन किया जा रहा था उसकी व्यवस्था सुचारू रूप से कराई जाए, ताकि अधिवक्ता अपने परिवार के साथ वैक्सीन ले सकें और इस महामारी के बढ़ते प्रकोप से अधिवक्ताओं और उनके परिवार को बचाया जा सके.

Last Updated : May 4, 2021, 7:46 AM IST
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