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ट्राइब्स इंडिया शोरूम्स आदिवासियों के लिए बने अच्छे बाजार, कोरोना काल में भी अच्छी हो रही है बिक्री - ट्राइब्स इंडिया शोरूम की डिमांड बढ़ी

केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय की ओर से संचालित ट्राईफेड ने ट्राइब्स इंडिया शोरूम की शुरुआत की थी. आदिवासियों की ओर से बनाए गए आभूषणों की यहां काफी डिमांड है. कोरोना काल में भी सामानों की जमकर बिक्री हो रही है.

Demand increased of goods in Tribes India showroom new delhi
दिल्ली के ट्राइब्स इंडिया शोरूम की डिमांड बढ़ी
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Published : Feb 26, 2021, 4:22 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय की ओर से संचालित ट्राईफेड ने ट्राइब्स इंडिया शोरूम की शुरुआत की थी. देश भर में कुल 123 ट्राइब्स इंडिया के शोरूम है, जिसमें आदिवासियों की ओर से बनाए गए कपड़े, आभूषण और पेंटिंग सहित हर तरह की चीजें बिक्री की जाती है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-'एकलव्य' आदिवासी बच्चों के लिए वरदान और केंद्र सरकार बनी 'गुरु द्रोणाचार्य'



आदिवासी कारीगरों की आय में वृद्धि का प्रयास

दिल्ली के महादेवा रोड स्थित ट्राइब्स इंडिया के शोरूम में सेल्समैन का काम कर रहे झारखंड स्थित सिमडेगा के जॉर्ज ने बताया कि यहां हर दिन भारी संख्या में ग्राहक आते हैं और खरीदारी करते हैं. आदिवासियों की ओर से बनाए गए आभूषणों की यहां काफी डिमांड है. अभी डिस्काउंट भी चल रहा है, इससे लोग ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं. कोरोना काल में भी सामानों की जमकर बिक्री हो रही है. आदिवासियों के उत्पाद खरीदने में लोगों में बहुत उत्सुकता रहती है. बता दें कि आदिवासी कारीगरों की आय में वृद्धि हो और उनकी आजीविका को बनाए रखने के मकसद से ट्राइब्स इंडिया शोरूम की स्थापना की जाती है.

ये भी पढ़ें-आदिवासी बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहा है एकलव्य आवासीय विद्यालय, द्रोणाचार्य की भूमिका में केंद्र सरकार


वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देना उद्देश्य

वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी इस तरह की पहल की जाती है. दिल्ली के शोरूम में वन धन प्राकृतिक उत्पाद, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पादों की भी भरमार है, जो कोरोना महामारी के दौर में आवश्यक उत्पाद है. ट्राइब्स इंडिया शोरूम के कारण आदिवासी कारीगरों के हस्तशिल्प को बड़ा बाजार मिलता है. दिल्ली के ट्राइब्स इंडिया शोरूम में 27 राज्यों के कला और शिल्प उत्पाद रखे हुए हैं. आदिवासियों के कल्याण के लिए एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में ट्राईफेड ने अपने ट्राइब्स इंडिया नाम के खुदरा आउटलेट के नेटवर्क के माध्यम से आदिवासी कला और शिल्प की खरीद और विपणन शुरू की है.

नई दिल्ली: केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय की ओर से संचालित ट्राईफेड ने ट्राइब्स इंडिया शोरूम की शुरुआत की थी. देश भर में कुल 123 ट्राइब्स इंडिया के शोरूम है, जिसमें आदिवासियों की ओर से बनाए गए कपड़े, आभूषण और पेंटिंग सहित हर तरह की चीजें बिक्री की जाती है.

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आदिवासी कारीगरों की आय में वृद्धि का प्रयास

दिल्ली के महादेवा रोड स्थित ट्राइब्स इंडिया के शोरूम में सेल्समैन का काम कर रहे झारखंड स्थित सिमडेगा के जॉर्ज ने बताया कि यहां हर दिन भारी संख्या में ग्राहक आते हैं और खरीदारी करते हैं. आदिवासियों की ओर से बनाए गए आभूषणों की यहां काफी डिमांड है. अभी डिस्काउंट भी चल रहा है, इससे लोग ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं. कोरोना काल में भी सामानों की जमकर बिक्री हो रही है. आदिवासियों के उत्पाद खरीदने में लोगों में बहुत उत्सुकता रहती है. बता दें कि आदिवासी कारीगरों की आय में वृद्धि हो और उनकी आजीविका को बनाए रखने के मकसद से ट्राइब्स इंडिया शोरूम की स्थापना की जाती है.

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वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देना उद्देश्य

वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी इस तरह की पहल की जाती है. दिल्ली के शोरूम में वन धन प्राकृतिक उत्पाद, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पादों की भी भरमार है, जो कोरोना महामारी के दौर में आवश्यक उत्पाद है. ट्राइब्स इंडिया शोरूम के कारण आदिवासी कारीगरों के हस्तशिल्प को बड़ा बाजार मिलता है. दिल्ली के ट्राइब्स इंडिया शोरूम में 27 राज्यों के कला और शिल्प उत्पाद रखे हुए हैं. आदिवासियों के कल्याण के लिए एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में ट्राईफेड ने अपने ट्राइब्स इंडिया नाम के खुदरा आउटलेट के नेटवर्क के माध्यम से आदिवासी कला और शिल्प की खरीद और विपणन शुरू की है.

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