रांची: जमशेदपुर के मानगो दुष्कर्म मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत प्रार्थी को मामले में शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने के लिए समय दिया है. प्रार्थी को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि मामले की जांच सीबीआई को क्यों दिया जाए. प्रार्थी की ओर से शपथ पत्र पेश किए जाने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.
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जमशेदपुर दुष्कर्म मामले में सीबीआई जांच की मांग: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई न्यायाधीश मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई. अदालत ने प्रार्थी से यह जानना चाहा कि सीबीआई जांच का आदेश क्यों दिया जाए, जबकि मामले की जांच चल ही रही है. जिस पर प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाई कि मामले में मंत्री के भाई, पुलिस के वरीय पदाधिकारी एवं अन्य को आरोपी बनाया गया है. झारखंड पुलिस या सीआईडी से इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है. इसलिए मामले की जांच सीबीआई को दी जाए.
अदालत ने प्रार्थी को शपथ पत्र के माध्यम से सभी जानकारी अदालत में पेश करने को कहा है. जिस पर प्रार्थी की अधिवक्ता ने शपथ पत्र पेश करने के लिए समय की मांग की, जिस पर अदालत ने उन्हें समय दिया. पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना के पांच वर्ष के बाद 22 लोगों को आरोपी बनाया गया. पीड़िता की ओर से जमशेदपुर कोर्ट में मामले से जुड़े 22 अन्य लोगों को आरोपी बताते हुए बयान दर्ज कराने की अपील की थी, जिसपर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अनुमति प्रदान की.
इस मामले में तत्कालीन पटमदा डीएसपी अजय केरकेट्टा, एक मंत्री के भाई गुड्डू गुप्ता, तत्कालीन एमजीएम थाना प्रभारी समेत कई बड़े लोगों के नाम सामने आए थे. इस मामले में आरोपितों ने नाबालिग से कई जगहों पर दुष्कर्म किया है. इसमें पुलिस अधिकारी सहित अन्य बड़े लोग शामिल हैं. दोनों आरोपितों ने पीड़िता को घर में अकेला पाकर दुष्कर्म किया था और वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद इस मामले की जांच सीआइडी कर रही है. सीआइडी जांच से असंतुष्ट पीडि़ता की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआइ जांच की मांग की है.