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झारखंड में तेज हुई जातीय जनगणना की मांग, लालू यादव के आह्वान पर हो सकता है जनगणना का बहिष्कार - झारखंड न्यूज

जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर पूरे देश में राजनीति तेज हो गई है. झारखंड में भी बीजेपी को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दल जातीय जनगणना के पक्ष में हैं.

caste census in Jharkhand
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Published : Aug 13, 2021, 7:43 PM IST

रांची: झारखंड में भी अब जाति आधारित जनगणना (Caste Census) की मांग तेज होने लगी है. आज राजधानी रांची में अलग-अलग सामाजिक संगठनों ने बैठक कर जातीय आधारित जनगणना की मांग तेज करने और प्रधानमंत्री को इसके लिए ज्ञापन सौंपने की शुरुआत की.


ये भी पढ़ें- JMM ने की जातीय जनगणना और सरना धर्म कोड की मांग, केंद्र की मंशा पर उठाए सवाल

यादव महासभा ने पीएम मोदी को भेजा ज्ञापन

प्रांतीय यादव महासभा ने आज मोराबादी के अभिनंदन सभागार में बैठक आयोजित कर 2021 की जनगणना में जातीय आधार को शामिल करने की मांग की और डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपकर जनगणना को जातीय आधार पर करने की मांग की.

देखें पूरी खबर
लालू प्रसाद के बयान का समर्थन

प्रांतीय यादव महासभा, झारखंड राज्य अध्यक्ष पितांबर दास ने लालू प्रसाद के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सरकार 2021 की जनगणना में जातीय जनगणना नहीं कराती है तो देश भर के ओबीसी इसका बहिष्कार करें. उन्होंने कहा कि तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2018 में जातीय जनगणना कराने की घोषणा की थी तो अब केंद्र सरकार क्यों इंकार कर रही है.


वहीं, यादव महासभा के जिलाध्यक्ष तपेश्वर यादव ने कहा कि अब पिछड़ा समाज जाग चुका है और अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना से पीछे हटती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा.

ओबीसी आरक्षण मंच ने भी की बैठक

जातीय जनगणना की मांग को लेकर ओबीसी आरक्षण मंच ने भी रांची में बैठक कर ओबीसी/एससी जाति आरक्षण को लेकर तर्क प्रस्तुत किया. वहीं, इसके नेता कैलाश यादव ने घोषणा पत्र जारी कर जातीय जनगणना को सही बताया.

झारखंड में भाजपा छोड़ सभी राजनीतिक पार्टियां भी जातीय जनगणना के पक्ष में है. बिहार और देश के दूसरे हिस्सों की तरह झारखंड में भी जातीय जनगणना के सवाल पर भाजपा अलग थलग पड़ गयी है. राज्य में कांग्रेस, राजद, जदयू, आजसू, झामुमो सहित कई सामाजिक संगठन जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं.

रांची: झारखंड में भी अब जाति आधारित जनगणना (Caste Census) की मांग तेज होने लगी है. आज राजधानी रांची में अलग-अलग सामाजिक संगठनों ने बैठक कर जातीय आधारित जनगणना की मांग तेज करने और प्रधानमंत्री को इसके लिए ज्ञापन सौंपने की शुरुआत की.


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यादव महासभा ने पीएम मोदी को भेजा ज्ञापन

प्रांतीय यादव महासभा ने आज मोराबादी के अभिनंदन सभागार में बैठक आयोजित कर 2021 की जनगणना में जातीय आधार को शामिल करने की मांग की और डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपकर जनगणना को जातीय आधार पर करने की मांग की.

देखें पूरी खबर
लालू प्रसाद के बयान का समर्थन

प्रांतीय यादव महासभा, झारखंड राज्य अध्यक्ष पितांबर दास ने लालू प्रसाद के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सरकार 2021 की जनगणना में जातीय जनगणना नहीं कराती है तो देश भर के ओबीसी इसका बहिष्कार करें. उन्होंने कहा कि तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2018 में जातीय जनगणना कराने की घोषणा की थी तो अब केंद्र सरकार क्यों इंकार कर रही है.


वहीं, यादव महासभा के जिलाध्यक्ष तपेश्वर यादव ने कहा कि अब पिछड़ा समाज जाग चुका है और अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना से पीछे हटती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा.

ओबीसी आरक्षण मंच ने भी की बैठक

जातीय जनगणना की मांग को लेकर ओबीसी आरक्षण मंच ने भी रांची में बैठक कर ओबीसी/एससी जाति आरक्षण को लेकर तर्क प्रस्तुत किया. वहीं, इसके नेता कैलाश यादव ने घोषणा पत्र जारी कर जातीय जनगणना को सही बताया.

झारखंड में भाजपा छोड़ सभी राजनीतिक पार्टियां भी जातीय जनगणना के पक्ष में है. बिहार और देश के दूसरे हिस्सों की तरह झारखंड में भी जातीय जनगणना के सवाल पर भाजपा अलग थलग पड़ गयी है. राज्य में कांग्रेस, राजद, जदयू, आजसू, झामुमो सहित कई सामाजिक संगठन जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं.

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