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रांची में डीलिस्टिंग आदिवासी महारैली, धर्म बदलने वाले लोगों को एसटी सूची से बाहर करने की मांग

झारखंड में आदिवासियों का धर्म परिवर्तन लोगों का ध्यान तेजी से खींच रहा है. इसको लेकर जनजाति सुरक्षा मंच ने रांची में डीलिस्टिंग आदिवासी महारैली का आयोजन किया (Delisting Adivasi Rally In Ranchi). इसमें वक्ताओं ने धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासियों को एसटी सूची से बाहर करने की मांग उठाई.

Delisting Adivasi rally in Ranchi
रांची में डीलिस्टिंग आदिवासी महारैली
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Published : Nov 27, 2022, 6:06 PM IST

रांची: राष्ट्रीय जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से रविवार को रांची विश्वविद्यालय के मैदान में डीलिस्टिंग आदिवासी महारैली (Delisting Adivasi Rally In Ranchi) का आयोजन किया गया. इसमें धर्म परिवर्तन कर ईसाई या इस्लाम अपनाने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति से बाहर करने पर जोर दिया गया. पूर्व मंत्री स्व. कार्तिक उरांव के प्रस्ताव का जिक्र कर इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाए जाने की मांग की गई.

ये भी पढ़ें-लुकैयाटांड में रविवार को मनाया जाएगा सोबरन सोरेन का 65वां शहादत दिवस, दिशोम गुरु शिबू सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन होंगे शामिल

लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने बताया कि इंदिरा गांधी के समय पूर्व मंत्री कार्तिक उरांव ने प्रस्ताव तैयार कराया था कि धर्म बदलकर ईसाई या इस्लाम धर्म अपनाने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाय, इस प्रस्ताव को 310 से ज्यादा सांसदों की सहमति मिल गई थी. लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लगा कि लोकसभा से यह पास हो जाएगा तो उन्होंने संसद में इस प्रस्ताव को आने से किसी तरह रोक दिया. इसके बाद इस दिशा में काम नहीं हो सका.

देखें पूरी खबर
वहीं छत्तीसगढ़ से आए पूर्व मंत्री गणेश रामजी भगत ने कहा कि जनजाति समाज के वैसे व्यक्ति जिसने धर्म परिवर्तन किया हो उसका आरक्षण सूची से नाम बाहर कर देना चाहिए. पद्मभूषण करिया मुंडा ने भी इस पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा धर्म परिवर्तन करने वालों को आदिवासियों के नाम पर सुविधा न दी जाय, उनकी मदद करनी है तो दूसरा उपाय किया जाय.

बता दें कि जनजाति सुरक्षा मंच कई वर्षों से झारखंड में जनजाति समाज के लोगों की संवैधानिक स्थिति को बेहतर कराने के लिए प्रयासरत है. इसी प्रयास में झारखंड के जनजाति समाज के ऐसे लोगों को जिन्होंने अभी तक धर्म परिवर्तन नहीं किया है और हिंदू धर्म में हैं सिर्फ उन्हें ही अनुसूचित जनजाति का लाभ मिले, इसकी मांग को लेकर रविवार को रांची में डीलिस्टिंग आदिवासी महारैली का आयोजन किया.

ये रहे मोअज्जिजः आज की इस महारैली में पद्म भूषण करिया मुंडा के साथ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दिलमन मींस जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक राजकिशोर, रांची नगर निगम की पार्षद रोशनी खलखो, रांची के पहाड़ जगलाल पहन, जनजाति सुरक्षा मंच के नेता और छत्तीसगढ़ सरकार में पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने अपने अपने विचार प्रकट किए और भारत सरकार से मांग की कि धर्म बदलने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाए और उन्हें आरक्षण का कोई लाभ न दिया जाए जैसा अनुसूचित जाति के मामले में होता है.

रांची: राष्ट्रीय जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से रविवार को रांची विश्वविद्यालय के मैदान में डीलिस्टिंग आदिवासी महारैली (Delisting Adivasi Rally In Ranchi) का आयोजन किया गया. इसमें धर्म परिवर्तन कर ईसाई या इस्लाम अपनाने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति से बाहर करने पर जोर दिया गया. पूर्व मंत्री स्व. कार्तिक उरांव के प्रस्ताव का जिक्र कर इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाए जाने की मांग की गई.

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लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने बताया कि इंदिरा गांधी के समय पूर्व मंत्री कार्तिक उरांव ने प्रस्ताव तैयार कराया था कि धर्म बदलकर ईसाई या इस्लाम धर्म अपनाने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाय, इस प्रस्ताव को 310 से ज्यादा सांसदों की सहमति मिल गई थी. लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लगा कि लोकसभा से यह पास हो जाएगा तो उन्होंने संसद में इस प्रस्ताव को आने से किसी तरह रोक दिया. इसके बाद इस दिशा में काम नहीं हो सका.

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वहीं छत्तीसगढ़ से आए पूर्व मंत्री गणेश रामजी भगत ने कहा कि जनजाति समाज के वैसे व्यक्ति जिसने धर्म परिवर्तन किया हो उसका आरक्षण सूची से नाम बाहर कर देना चाहिए. पद्मभूषण करिया मुंडा ने भी इस पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा धर्म परिवर्तन करने वालों को आदिवासियों के नाम पर सुविधा न दी जाय, उनकी मदद करनी है तो दूसरा उपाय किया जाय.

बता दें कि जनजाति सुरक्षा मंच कई वर्षों से झारखंड में जनजाति समाज के लोगों की संवैधानिक स्थिति को बेहतर कराने के लिए प्रयासरत है. इसी प्रयास में झारखंड के जनजाति समाज के ऐसे लोगों को जिन्होंने अभी तक धर्म परिवर्तन नहीं किया है और हिंदू धर्म में हैं सिर्फ उन्हें ही अनुसूचित जनजाति का लाभ मिले, इसकी मांग को लेकर रविवार को रांची में डीलिस्टिंग आदिवासी महारैली का आयोजन किया.

ये रहे मोअज्जिजः आज की इस महारैली में पद्म भूषण करिया मुंडा के साथ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दिलमन मींस जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक राजकिशोर, रांची नगर निगम की पार्षद रोशनी खलखो, रांची के पहाड़ जगलाल पहन, जनजाति सुरक्षा मंच के नेता और छत्तीसगढ़ सरकार में पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने अपने अपने विचार प्रकट किए और भारत सरकार से मांग की कि धर्म बदलने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाए और उन्हें आरक्षण का कोई लाभ न दिया जाए जैसा अनुसूचित जाति के मामले में होता है.

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