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पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे की सजा पर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई रोक, कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में हैं दोषी

कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री दिलीप रे की सजा पर रोक लगा दी है. बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने दिलीप रे समेत चार आरोपियों को सजा सुनाई थी.

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दिलीप राय की सजा पर रोक
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Published : Oct 28, 2020, 8:50 AM IST

Updated : Oct 28, 2020, 10:04 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला के मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को मिली सजा पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद सजा पर रोक लगाने के आदेश दिये.

देखें पूरी खबर


दिलीप रे समेत चार आरोपी और दो कंपनियां दोषी
बता दें कि पिछले 26 अक्टूबर को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिलीप रे समेत चार आरोपियों को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी, नित्यानंद गौतम और कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार अग्रवाल को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने दिलीप राय पर दस लाख रुपये, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम पर दो-दो लाख रुपये और महेन्द्र अग्रवाल पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने दोषी कंपनी कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजी पर 60 लाख रुपये और और कैस्ट्रॉन माईनिंग लिमिटेड पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

इसे भी पढ़ें-भारत-अमेरिका का '2+2 प्लान', चीन परेशान


अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे दिलीप रे
पिछले 6 अक्टूबर को कोर्ट ने 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिया था. यह मामला झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा में 105 हेक्टेयर से ज्यादा के कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है. ये कोयला ब्लॉक कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजी लिमिटेड नामक कंपनी को आवंटित की गई थी. दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला के मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को मिली सजा पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद सजा पर रोक लगाने के आदेश दिये.

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दिलीप रे समेत चार आरोपी और दो कंपनियां दोषी
बता दें कि पिछले 26 अक्टूबर को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिलीप रे समेत चार आरोपियों को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी, नित्यानंद गौतम और कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार अग्रवाल को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने दिलीप राय पर दस लाख रुपये, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम पर दो-दो लाख रुपये और महेन्द्र अग्रवाल पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने दोषी कंपनी कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजी पर 60 लाख रुपये और और कैस्ट्रॉन माईनिंग लिमिटेड पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

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अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे दिलीप रे
पिछले 6 अक्टूबर को कोर्ट ने 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिया था. यह मामला झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा में 105 हेक्टेयर से ज्यादा के कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है. ये कोयला ब्लॉक कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजी लिमिटेड नामक कंपनी को आवंटित की गई थी. दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे.

Last Updated : Oct 28, 2020, 10:04 AM IST
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