रांचीः राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी मांगों को लेकर चौदहवें दिन भी राजभवन के सामने सत्याग्रह आंदोलन पर डटे हैं. बुधवार को जल संसाधन मंत्री मिथिलेश ठाकुर से प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है. इस दौरान मंत्री ने आंदोलनरत इन कर्मचारियों को आश्वासन दिया है और कहा कि सरकार आपसबों के लिए काफी चिंतित है.
झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ की सदस्य डॉ. कमला बानरा ने कहा कि पिछले चौदह दिनों से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत संविदा असिस्टेंट प्रोफेसर राजभवन के समक्ष सत्याग्रह आंदोलन पर हैं. इन शिक्षकों के कारण ही राज्य की जीईआर रेट बढ़ी है. ऐसे में तीन वर्षों से कार्यरत 900 अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को हटाकर दोबारा नए सिरे से उसी पद पर शिक्षकों को बहाल करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायसंगत नहीं है. इन 900 शिक्षकों के पदों को छोड़कर जो बड़ी संख्या में अन्य रिक्त पद हैं, उन पर नियुक्ति की जानी चाहिए.
आश्वासन नहीं किया जा रहा है पूरा
झारखंड के उच्च शिक्षा विभाग ने एक जनवरी 2021 को जो संकल्प पारित किया है, वह राज्य सरकार की शिक्षा नीति और अनुबंधकर्मियों को दिए गए आश्वासनों के ठीक विपरीत है. जिसके कारण हम सभी शिक्षक राजभवन के सामने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन पर विगत 14 दिनों से बैठे हैं. यह स्पष्ट है कि राज्य अपने लोककल्याणकारी भूमिका को भी निभाने में पूरी तरह असमर्थ सिद्ध हो रहा है.
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सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
वर्तमान सरकार ने प्रतिपक्ष में रहते हुए सभी शिक्षकों से वादा किया था कि अगर हमारी सरकार बनेगी तो अनुबंधकर्मियों को सम्मान की जिंदगी मिलेगी, समान कार्य समान वेतन मिलेगा. सम्मान और अधिकार देने के बजाय तीन वर्षों तक सेवा लेने के बाद 31 मार्च से अनुबंधकर्मी असिस्टेंट प्रोफेसरों को ही हटाने के लिए एक जनवरी 2021 को संकल्प पारित कर दिया गया. उच्च शिक्षा के शिक्षकों को अपनी मांग मनवाने के लिए सड़क पर उतरना पड़े तो निसंदेह यह सरकार की घोर लापरवाही है.
लगातार कर रहे हैं मांग
अनुबंध सहायक प्राध्यापकों का सम्मान करते हुए निश्चित मासिक मानदेय के साथ 65 वर्षों की आयु तक सेवा विस्तार करें. डॉ. मीरा ने कहा कि ये हमारी नैसर्गिक और न्यायोचित मांग है. इन्हीं मांगों को लेकर 28 जनवरी से ही घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन पर बैठे हैं.