रांची: झारखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र के लिए भी बीते दिनों कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. उसके बाद 7 मार्च से राज्य के सभी स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया. हालांकि, अधिकतर निजी स्कूल प्रबंधक नए सेशन से ही स्कूल खोलने को लेकर तैयारियों में जुटे हैं.
इसे भी पढ़ें: मनचलों की अब खैर नहीं! झारखंड के सरकारी स्कूलों की छात्राएं सीख रहीं आत्मरक्षा के गुर
7 मार्च से खुलेंगे सभी स्कूल: झारखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य में कोरोना की रफ्तार को देखते हुए पहले चरण के निर्णय में रांची समेत सात जिलों के स्कूलों को छोड़कर बाकि जिलों में सभी स्कूल खोलने का निर्णय लिया था और इसी के तहत विभिन्न जिलों में स्कूल संचालित भी हो रहे हैं. अब कोरोना के कम होते रफ्तार को देखते हुए विभाग ने राजधानी रांची समेत सात जिलों के भी स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी है. इस निर्णय के तहत 7 मार्च से राज्य के सभी जूनियर बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जाने की तैयारी है. सरकारी और निजी स्कूल दोनों ही तैयारियों में जुट गए हैं. हालांकि जिले के अधिकतर निजी स्कूल 7 मार्च से स्कूल खोलने के मूड में नहीं है. अधिकतर स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है. जानकारी मिल रही है कि अप्रैल महीने में नए सेशन से स्कूल खोले जा सकते हैं. उसी दौरान जिले के अधिकतर निजी स्कूल जूनियर बच्चों के लिए खोलने की बात कर रहे हैं.
कोरोना गाइडलाइंस का करना होगा पालन: कोरोना महामारी के मद्देनजर गाइडलाइंस का पालन करते हुए तमाम स्कूल खोले जाएंगे. बच्चे प्रोटोकॉल का पालन करें, इसका ध्यान भी रखा जाएगा. अभी स्कूल बसों का परिचालन भी नगण्य है. बच्चों के स्कूल खुल जाने के बाद स्कूल बसों का परिचालन भी नियमित रूप से किया जाएगा और इसे लेकर स्कूल बसों को भी तैयार किया जा रहा है. तमाम स्कूल ओपन करने की तैयारियां हो रही है.
असमंजस में माता-पिता: अभिभावक अभी भी कोरोना महामारी को लेकर असमंजस की स्थिति में है. अभिभावकों की मानें तो अब स्कूल प्रबंधकों को बच्चों का पूरा ध्यान रखना होगा. कोरोना महामारी के मद्देनजर स्कूलों में साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन की प्रॉपर व्यवस्था होनी चाहिए. क्योंकि बच्चे कोरोना प्रोटोकॉल का ख्याल नहीं रख पाएंगे. ऐसे में स्कूल प्रबंधकों की जिम्मेदारी बनती है कि वह स्कूलों में बेहतर माहौल दे और बच्चों के मन में कोरोना को लेकर जो डर बैठा हुआ है उसे दूर करें.
अभिभावकों की इजाजत जरूरी: झारखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने निर्देश दिया है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से पठन-पाठन की व्यवस्था स्कूलों में होनी चाहिए. अभिभावक लिखित रूप से विद्यार्थियों को स्कूल आने की इजाजत देंगे. तब ही विद्यार्थियों को स्कूलों में एंट्री दी जाएगी. कुल मिलाकर कहे तो अभी भी अभिभावकों के निर्णय पर ही बच्चों को स्कूल भेजा जा सकता है. दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने इसकी पूरी जानकारी दी है.