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रांची: 52 दिनों बाद प्रवासी मजदूर का शव अफ्रीका से पहुंचा झारखंड, परिजनों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद

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Published : Jul 19, 2020, 5:26 PM IST

अफ्रीका के मरूतानिया में 27 मई को हजारीबाग के एक युवक की मौत हो गई थी. उसके शव को झारखंड लाने के लिए ईटीवी भारत की ओर से लगातार पहल की जा रही थी. जिसके बाद सीएम हेमंत सोरेन के पहल से 52 दिनों महादेव सोरेन का शव अफ्रीका से झारखंड पहुंचा है. महादेव के परिजनों ने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया है.

Dead body of migrant worker reached Jharkhand from Africa after 52 days
अफ्रीका से शव पहुंचा झारखंड

रांची: हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना भीलवाड़ा पंचायत के बिस्वा निवासी महादेव सोरेन का शव 52 दिनों के बाद अफ्रीका से रांची पहुंचा. जिसके बाद शव को एंबुलेंस के माध्यम से पैतृक आवास ले जाया गया. पिछले 27 मई को महादेव सोरेन का मौत अफ्रीका के मरूतानिया में हो गई थी.

देखें पूरी खबर



मृतक महादेव सोरेन अफ्रीका के करपतरु ट्रांसमिशन में इलेक्ट्रीशियन का काम करता था. महादेव सोरेन की मौत के बाद कंपनी ने मुआवजा देने में आनाकानी करना शुरू कर दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली और समाजसेवी महेंद्र कुमार ने कंपनी पर लगातार दबाव बनाया. जिसके बाद कंपनी ने 6 लाख 50 हजार रुपया का मुआवजा दिया, साथ ही कंपनी ने महादेव सोरेन के अंतिम संस्कार के लिए 55 हजार रुपये भी दिए. महादेव सोरेन का 4 बच्चा भी है. इस घटना के बाद से उनकी बीवी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है.


इसे भी पढ़ें:- रांची में बनाए गए चार नए कोविड केयर सेंटर, उपायुक्त ने की घरों में रहने की अपील

अफ्रीका से महादेव सोरेन का शव 20 दिन पहले दिल्ली पहुंचा था, जिसके बाद झारखंड लाया गया. महादेव सुरेंद्र के शव को झारखंड तक लाने के लिए ईटीवी भारत की ओर से भी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अफ्रीका सरकार से बात कर शव लाने की पहल की थी. दिल्ली से शव आने के बाद रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर शव को रिसीव करने पहुंचे प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली और हीरामन ने ईटीवी भारत का भी धन्यवाद दिया है.

रांची: हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना भीलवाड़ा पंचायत के बिस्वा निवासी महादेव सोरेन का शव 52 दिनों के बाद अफ्रीका से रांची पहुंचा. जिसके बाद शव को एंबुलेंस के माध्यम से पैतृक आवास ले जाया गया. पिछले 27 मई को महादेव सोरेन का मौत अफ्रीका के मरूतानिया में हो गई थी.

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मृतक महादेव सोरेन अफ्रीका के करपतरु ट्रांसमिशन में इलेक्ट्रीशियन का काम करता था. महादेव सोरेन की मौत के बाद कंपनी ने मुआवजा देने में आनाकानी करना शुरू कर दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली और समाजसेवी महेंद्र कुमार ने कंपनी पर लगातार दबाव बनाया. जिसके बाद कंपनी ने 6 लाख 50 हजार रुपया का मुआवजा दिया, साथ ही कंपनी ने महादेव सोरेन के अंतिम संस्कार के लिए 55 हजार रुपये भी दिए. महादेव सोरेन का 4 बच्चा भी है. इस घटना के बाद से उनकी बीवी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है.


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अफ्रीका से महादेव सोरेन का शव 20 दिन पहले दिल्ली पहुंचा था, जिसके बाद झारखंड लाया गया. महादेव सुरेंद्र के शव को झारखंड तक लाने के लिए ईटीवी भारत की ओर से भी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अफ्रीका सरकार से बात कर शव लाने की पहल की थी. दिल्ली से शव आने के बाद रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर शव को रिसीव करने पहुंचे प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली और हीरामन ने ईटीवी भारत का भी धन्यवाद दिया है.

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