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डीएवी कपिलदेव के प्राचार्य को हाईकोर्ट से मिली राहत, अदालत ने शर्तों के साथ दी जमानत - Court of Justice Subhash Chandra

डीएवी कपिलदेव के निलंबित प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है (Dav kapildev Principal Got Bail From High Court). अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को 30 हजार रुपए का बेल बांड भरने और अन्य शर्तों के आधार पर जमानत दी है.

Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Nov 21, 2022, 4:43 PM IST

रांची: स्कूल के नर्स के साथ छेड़खानी के आरोप में (Blame Of Molesting School Nurse) निलंबित डीएवी कपिलदेव के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत देने का आदेश दिया (Dav kapildev Principal Got Bail) है. प्रार्थी की ओर से बताया गया कि नर्स के द्वारा काफी देर के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई. जबकि इसका कोई उचित कारण नहीं दिखता है. इसलिए प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को जमानत दी जाए.

ये भी पढ़ें- स्कूल की नर्स को देखकर प्रिंसिपल की नीयत डोली, बीपी चेक कराने के बहाने करने लगा गंदी हरकत

प्रार्थी की ओर से एके कश्यप और अनुराग कश्यप ने की पैरवीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुभाष चंद्रा की अदालत में याचिकाकर्ता मनोज कुमार सिन्हा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. प्रार्थी की ओर से एके कश्यप और अनुराग कश्यप ने पैरवी की. अदालत से जमानत की गुहार लगाई. अधिवक्ताओं ने कोर्ट से कहा कि प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को जमानत दी जाए. इसके लिए उन्होंने कई आदेश का हवाला दिया.

30 हजार रुपए का बेल बांड भरने और अन्य शर्तों पर प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को मिली जमानतः अदालत (Court of Justice Subhash Chandra) ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को 30 हजार रुपए के बेल बांड भरने और अन्य शर्तों के आधार पर जमानत दी है. सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से दलील दी गई कि घटना के दो वर्ष के बाद यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस घटना की सूचक 24 साल की हैं. इतनी देर से प्राथमिकी दर्ज कराने का कोई भी उचित कारण नहीं दिखलाया गया है. जब तत्कालीन प्राचार्य मनोज के द्वारा उसे नर्स के पोस्ट से हटाकर स्कूल के गेट पर दरबान के साथ स्क्रीनिंग करने की ड्यूटी दी गई तो उसने केस दर्ज करा दिया.

ये भी पढ़ें-पूजा सिंघल को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, अदालत ने खारिज की जमानत याचिका

निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थीः बता दें कि निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद मनोज कुमार ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. उनकी जमानत याचिका अपर न्यायायुक्त एसएम शाहजाद की अदालत ने खारिज कर दी थी. मामले के जांच अधिकारी ने जांच पूरी करते हुए मनोज कुमार के खिलाफ 25 जुलाई को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. निलंबित प्राचार्य 30 मई से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में बंद हैं.

रांची: स्कूल के नर्स के साथ छेड़खानी के आरोप में (Blame Of Molesting School Nurse) निलंबित डीएवी कपिलदेव के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत देने का आदेश दिया (Dav kapildev Principal Got Bail) है. प्रार्थी की ओर से बताया गया कि नर्स के द्वारा काफी देर के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई. जबकि इसका कोई उचित कारण नहीं दिखता है. इसलिए प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को जमानत दी जाए.

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प्रार्थी की ओर से एके कश्यप और अनुराग कश्यप ने की पैरवीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुभाष चंद्रा की अदालत में याचिकाकर्ता मनोज कुमार सिन्हा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. प्रार्थी की ओर से एके कश्यप और अनुराग कश्यप ने पैरवी की. अदालत से जमानत की गुहार लगाई. अधिवक्ताओं ने कोर्ट से कहा कि प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को जमानत दी जाए. इसके लिए उन्होंने कई आदेश का हवाला दिया.

30 हजार रुपए का बेल बांड भरने और अन्य शर्तों पर प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को मिली जमानतः अदालत (Court of Justice Subhash Chandra) ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को 30 हजार रुपए के बेल बांड भरने और अन्य शर्तों के आधार पर जमानत दी है. सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से दलील दी गई कि घटना के दो वर्ष के बाद यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस घटना की सूचक 24 साल की हैं. इतनी देर से प्राथमिकी दर्ज कराने का कोई भी उचित कारण नहीं दिखलाया गया है. जब तत्कालीन प्राचार्य मनोज के द्वारा उसे नर्स के पोस्ट से हटाकर स्कूल के गेट पर दरबान के साथ स्क्रीनिंग करने की ड्यूटी दी गई तो उसने केस दर्ज करा दिया.

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निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थीः बता दें कि निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद मनोज कुमार ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. उनकी जमानत याचिका अपर न्यायायुक्त एसएम शाहजाद की अदालत ने खारिज कर दी थी. मामले के जांच अधिकारी ने जांच पूरी करते हुए मनोज कुमार के खिलाफ 25 जुलाई को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. निलंबित प्राचार्य 30 मई से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में बंद हैं.

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