रांची: मोदी सरकार वैश्विक महामारी कोरोना और इसकी वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान सामने आई प्रवासी श्रमिकों की समस्या के स्थाई समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए सरकार देश में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के लिए रोजगार का डाटाबेस तैयार कर रही है. फिलहाल इसके लिए सर्वेक्षण का काम चल रहा है.
रोजगार के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने की तैयारी
डाटाबेस तैयार होने के बाद सरकार श्रमिकों को रोजगार देने वाली संस्थाओं या प्रोफेशनल्स के बीच समन्वय स्थापित करते हुए श्रमिकों को रोजगार के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सिलसिलेवार तरीके से काम करेगी. राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार ने यह जानकारी दी है.
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तकनीकी विवरणों की जांच
मंत्री गंगवार ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संबद्ध कार्यालय, श्रम ब्यूरो को प्रवासी कामगारों से संबंधित अखिल भारतीय सर्वेक्षण, घरेलू कामगारों से संबंधित अखिल भारतीय सर्वेक्षण, व्यवसायियों की ओर से उत्पन्न रोजगार से संबंधित अखिल भारतीय सर्वेक्षण और परिवहन क्षेत्र में सृजित रोजगार से संबंधित अखिल भारतीय सर्वेक्षण को निम्नलिखित चार सर्वेक्षण कराने का कार्य सौंपा गया है. श्रम ब्यूरो की ओर से कराए जा रहे सभी सर्वेक्षणों का सूचीपत्र, प्रतिदर्श डिजाइन और अन्य तकनीकी विवरणों की जांच करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए भारत सरकार ने 9 सितंबर 2020 को एक विशेषज्ञ समूह गठित किया था.
कीमतों में कमी लाने के लिए प्रयास जारी
देश में लोहा और इस्पात की बढ़ती मांग के अनुरूप उपलब्धता में कमी और इस वजह से लोहा-इस्पात की कीमतों में वृद्धि से सरकार चिंतित है. सरकार ने लोहा और इस्पात की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में कमी लाने के लिए घरेलू उत्पादन में तेजी लाने के लिए कई कदम उठाए हैं. बुधवार को राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी दी है. मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सांसद पोद्दार के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि लौह अयस्क और इस्पात की मांग और आपूर्ति में असंतुलन के कारण हाल के महीनों में लोहा और इस्पात की कीमतों में वृद्धि हुई है.
लोहा-इस्पात की कीमतों में वृद्धि
लौह अयस्क की कमी को लोहा-इस्पात की कीमतों में वृद्धि की बड़ी वजह बताते हुए मंत्री ने कहा कि नवंबर 2020 तक लौह अयस्क का उत्पादन 112 एमटी ही रहा, जबकि पिछले साल इसकी अवधि के दौरान 152 एमटी लौह अयस्क का उत्पादन हुआ था. मार्च 2020 की नीलामी के बाद ओडिशा में 13 चालू खनन पट्टों का ऑपरेशन नहीं हुआ, जिसके कारण इसकी उपलब्धता कम हुई और इस वजह से लौह अयस्क के मूल्य में वृद्धि हुई.