रांची: झारखंड में कोरोना का कहर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन कोरोना के बाद लोगों और स्वास्थ्य विभाग के लिए नई समस्या उत्पन्न हो रही है. दरअसल, बारिश के मौसम में होनी वाले बीमारियों को लेकर राज्य सरकार सचेत हो गई है. राज्य में विभिन्न जगह बारिश के बाद जलजमाव के कारण डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
यह भी पढ़ें: मजनू की LIVE पिटाई...नशे में युवतियों से छेड़खानी करता था युवक, लोगों ने कर दी धुनाई
10 जून तक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों का कहना है डेंगू और चिकनगुनिया के साथ संक्रमण होने से कोरोना की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव एके सिंह ने पत्र जारी करते हुए सभी जिला के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि नगर निगम, नगर पालिका, स्थानीय प्रशासन कम्युनिटी वालंटियर के सहयोग से मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट किया जाए. उन्होंने इस संबंध में 10 जून तक कार्य योजना तैयार कर मुख्यालय को उपलब्ध कराने और 15 जून से प्राथमिकता के आधार पर नियंत्रण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है.
वहीं, इसको लेकर राज्य के वेक्टर बोर्न डिजीज(वीबीडी) के राज्य स्तर के अधिकारी डॉ. एसएन झा बताते हैं कि अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर डेंगू और चिकनगुनिया के रोगियों की रूटीन जांच की व्यवस्था सीएचसी स्तर पर की गई है. किसी भी तरह के बुखार होने पर कोरोना के साथ-साथ मलेरिया और डेंगू का भी जांच किया जा रहा है. इसके अलावा मलेरिया और डेंगू प्रभावित जिलों में जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. साथ ही लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि मलेरिया, डेंगू चिकनगुनिया और कालाजार जैसी बीमारियों से बचने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं.
डेंगू और चिकनगुनिया मरीजों के लिए मुफ्त उपचार की व्यवस्था
राजधानी के रिम्स अस्पताल सहित धनबाद के एसएनएमसीएच, जमशेदपुर के एमजीएम, रांची के सदर अस्पताल, चाईबासा और साहिबगंज के अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया के रोगियों के मुफ्त उपचार की व्यवस्था की गई है. वहीं, चिकित्सकों का भी कहना है कि अगर मच्छरजनित बीमारियों के प्रति लोग सचेत नहीं होते हैं और इस बीमारी के साथ-साथ कोरोना से भी संक्रमित हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में कोरोना ज्यादा भयावह हो सकता है. ऐसे में एहतियात बरतने की जरूरत है.