रांचीः झालसा (jharkhand state legal services authority) के कार्यकारी अध्यक्ष अपरेष कुमार सिंह के निर्देश पर डालसा रांची (district state legal services authority) की ओर से गूगल मीट (google meet) के माध्यम से पीएलवी (PLV) की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई. इस दौरान झालसा की ओर से लाॅच की गई योजना ‘शिशु’ के बारे में पीएलवी को दिशा-निर्देश दिया गया. वहीं पारा लीगल वालंटियर ने ऐसे 12 बच्चों की खोज की है, जिनके माता-पिता की कोरोना के चलके मौत हो गई.
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अनाथ बच्चों को संरक्षित करने के लिए सरकार प्रयासरत
कोरोना महामारी (corona pandemic) में बड़ी संख्या में बच्चों ने अपने मां-बाप को खो दिया है. कई ऐसे गरीब बच्चे हैं जिनके रहने का भी ठिकाना नहीं है. ऐसे बच्चों पर पहाड़ टूट पड़ा है. ऐसे बच्चों को संरक्षित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. वहीं झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (JHALSA) ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DALSA) को ऐसे बच्चों को चिंहित करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद डालसा कोरोना काल (corona pandemic) में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों की चलाश में जुट गया. इसी के तहत पारा लीगल वालंटियर ने 12 बच्चों की खोज की है. शिशु स्कीम के तहत बच्चों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी.
बच्चों को शिशु स्कीम के तहत लाभ
बुधवार को डालसा सचिव अभिषेक कुमार ने पीएलवी (PLV) की ऑनलाइन बैठक की. इस दौरान वालंटीयर को स्कीम के बारे में बताया गया. पीएलवी को डालसा सचिव की ओर से निर्देश दिया गया कि वैसे बच्चे जिनके माता-पिता का देहांत कोविड-19 से हुआ है, उनके भरण-पोषण और अन्य जरूरते पूरी नहीं हो पा रही है, वैसे बच्चों का चयन कर जिला प्रशासन के सहयोग से उन सभी बच्चों को शिशु स्कीम के तहत लाभ पहुंचाया जाए. वहीं 12 बच्चों की सूची और आवेदन डालसा कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया. आवेदन प्राप्त होने के बाद अविलंब जिला प्रशासन के सहयोग से उन सारे बच्चों को शिशु स्कीम के तहत लाभ पहुंचाया जाएगा.