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साइबर अपराधियों को झारखंड हाई कोर्ट से मिली राहत, अदालत ने दी बेल

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Published : Nov 9, 2020, 10:38 PM IST

फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों से पैसा ठगने वाले देवघर जिले के साइबर अपराधियों को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने साइबर अपराधियों के हिरासत की अवधि और आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.

Cyber criminals of Deoghar got relief from Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: बैंक अधिकारी बनकर लोगों से पैसा ठगने वाले देवघर जिले के साइबर अपराधियों को हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने उसके हिरासत की अवधि को देखते हुए और आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. अदालत ने उन्हें 10-10 हजार के दो निजी मुचलके और मामले की सुनवाई में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दिया है.

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने साइबर अपराध के आरोपी मुकेश मंडल, रवि रावत, लियाकत यादव और सुमन कुमार सहित अन्य की जमानत याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से सुनवाई की.

वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार तिवारी ने अपने-अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान अदालत से जमानत देने का आग्रह किया. अदालत ने उसकी हिरासत की अवधि और अपराधिक इतिहास को देखने के हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया, साथ ही उसे सुनवाई के दौरान सहयोग करने को कहा है.

इसे भी पढे़ं:- झारखंड में बढ़ते दुष्कर्म के मामले पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब


देवघर जिले में साइबर अपराधी बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ओटीपी लेकर अकाउंट से पैसा निकाल लिया करते थे. उसी मामले में देवघर जिले के साइबर थाने में केस दर्ज किया गया था. उसी मामले में आरोपियों ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत दी गई है.

रांची: बैंक अधिकारी बनकर लोगों से पैसा ठगने वाले देवघर जिले के साइबर अपराधियों को हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने उसके हिरासत की अवधि को देखते हुए और आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. अदालत ने उन्हें 10-10 हजार के दो निजी मुचलके और मामले की सुनवाई में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दिया है.

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने साइबर अपराध के आरोपी मुकेश मंडल, रवि रावत, लियाकत यादव और सुमन कुमार सहित अन्य की जमानत याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से सुनवाई की.

वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार तिवारी ने अपने-अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान अदालत से जमानत देने का आग्रह किया. अदालत ने उसकी हिरासत की अवधि और अपराधिक इतिहास को देखने के हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया, साथ ही उसे सुनवाई के दौरान सहयोग करने को कहा है.

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देवघर जिले में साइबर अपराधी बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ओटीपी लेकर अकाउंट से पैसा निकाल लिया करते थे. उसी मामले में देवघर जिले के साइबर थाने में केस दर्ज किया गया था. उसी मामले में आरोपियों ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत दी गई है.

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