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सावधानः झारखंड में साइबर अपराधियों ने इजाद किया ठगी का नया तरीका, जानिए फ्रॉड से बचने के उपाय

रांची में साइबर अपराधियों की ओर से ठगी के नये नये तरीके इजाद किए जा रहे हैं. इसमें एक है स्पूफ पेमेंट एप spoof app. इसके जरिए साइबर फ्रॉड छोटे-छोटे दुकानदारों को शिकार बना रहे हैं. साइबर डीएसपी यशोधरा कहती हैं कि हाल के दिनों में छोटे ट्रांजेक्शन से संबंधित शिकायतें मिल रही है, जिसकी जांच की जा रही है.

cyber criminals in jharkhand
झारखंड में साइबर अपराधियों ने इजाद किया ठगी का नया तरीका
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Published : Feb 26, 2022, 6:28 PM IST

Updated : Feb 26, 2022, 8:01 PM IST

रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण के दौरान ऑनलाइन पेमेंट का प्रचलन तेजी के साथ बढ़ा है. अलग अलग कंपनियों ने अपने पेमेंट एप लांच कर दिए, जिससे लोग सब्जी से लेकर कीमती गहनों तक की खरीदारी ऑनलाइन पेमेंट के जरिए करने लगे. लेकिन अब यही पेमेंट एप साइबर अपराधियों के लिए ठगी का एक नया हथियार बन गया है. साइबर अपराधियों ने नया तरीका इजाद करते हुए अब अलग अलग पेमेंट एप का स्पूफ तैयार कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इसमें साइबर ठग छोटे-छोटे दुकानदारों को अपना शिकार बना रहा है.

यह भी पढ़ेंःसेक्सटॉर्शन के नाम पर ब्लैकमेलिंग, 1.17 लाख की ठगी के बाद मामला पहुंचा थाने

क्या है स्पूफ और कैसे करता है कामः ऑनलाइन पेमेंट एप पेटीएम, फोन पे, गूगल पे, अमेजन पे से मिलता जुलता स्पूफ एप spoof app है. इस स्पूफ एप के जरिए ठग किसी भी दुकान में जाकर खरीदारी करता है और स्पूफ पेमेंट एप से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं. इस दौरान पेमेंट होता दिखाई तो देता है. लेकिन संबंधित व्यक्ति के खाते तक वह राशि नहीं पहुंचता है. लेकिन ट्रांजेक्शन या पेमेंट कंप्लीट दिखता है. स्थिति यह है कि साइबर फ्रॉड इस एप के जरिए छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों को पेमेंट के नाम पर चूना लगा रहा है. हाल के दिनों में रांची में कई ऐसे मामले साइबर पुलिस के पास पहुंचा है, जिसकी जांच की जा रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

रांची के मोराबादी मैदान में फुटपाथी दुकानदार से स्पूफ ऐप के जरिए हजारों रुपए की ठगी कर ली गई, जो मामला थाना नहीं पहुंची है. वहीं, लोअर बाजार थाना क्षेत्र के एक कारोबारी से स्पूफ एप spoof app के जरिए 50 हजार की ठगी कर ली गई. इससे संबंधित शिकायत साइबर थाने में दर्ज की गई है. इसके साथ ही अरगोड़ा इलाके के एक बीयर बार में साइबर अपराधियों ने पार्टी की और 6300 रुपये का पेमेंट स्पूफ एप के जरिए की. लेकिन राशि संचालक के खाते में ट्रांसफर नहीं हुआ.

साइबर डीएसपी यशोधरा कहती हैं कि बड़ी कंपनियों के पेमेंट एप के स्पूफ खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं. इसकी वजह है कि मालवेयर भेजकर डाटा चोरी या फिर मोबाइल को रिमोट से एक्सेस कर खाते से पैसे गायब किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों ने फोन पे, पेटीएम, अमेजन प्राइम से ठीक मिलता जुलता स्पूफ पेमेंट एप तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल फ्रॉड पेमेंट में कर रहा है.

यह भी पढ़ेंःसंथाल परगना में साइबर अपराधियों पर कसेगा शिकंजा, संपत्ति होगी जब्त

क्या है बचाव के तरीके

  • पैसे पेमेंट होने के बाद तुरंत अपने खाते को चेक करें
  • पेमेंट नहीं आने की स्थिति में अपने कस्टमर से ट्रांजेक्शन हिस्ट्री दिखाने के लिए कहे, क्योंकि इस एप में ट्रांजेक्शन हिस्ट्री नहीं दिखाई देता है.
  • पेमेंट स्केनर का इस्तेमाल वहीं करें, जिसके आसपास संबंधित मोबाइल का सिस्टम है, ताकि ट्रांजेक्शन चेक किया जा सके.
  • पैसे मिलने के बाद ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को तुरंत चेक करना चाहिए
  • पैसे आने की सही जानकारी मिल पाए उसके लिए स्पीकर का प्रयोग करना चाहिए

साइबर डीएसपी ने बताया कि स्पूफ पेमेंट एप में एक बड़ी खामी भी है, जिसका फर्जीवाड़ा आसानी से पकड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि फर्जी पेमेंट एप में पेमेंट हिस्ट्री नहीं दिखाता है. अगर कोई आपको पेमेंट एप के जरिए भुगतान करता है तो तत्काल संबंधित व्यक्ति का पेमेंट हिस्ट्री दिखकर संतुष्ट हो जाए. इसके अलावा अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर लें. इससे साइबर फ्रॉड से बच सकते हैं.

रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण के दौरान ऑनलाइन पेमेंट का प्रचलन तेजी के साथ बढ़ा है. अलग अलग कंपनियों ने अपने पेमेंट एप लांच कर दिए, जिससे लोग सब्जी से लेकर कीमती गहनों तक की खरीदारी ऑनलाइन पेमेंट के जरिए करने लगे. लेकिन अब यही पेमेंट एप साइबर अपराधियों के लिए ठगी का एक नया हथियार बन गया है. साइबर अपराधियों ने नया तरीका इजाद करते हुए अब अलग अलग पेमेंट एप का स्पूफ तैयार कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इसमें साइबर ठग छोटे-छोटे दुकानदारों को अपना शिकार बना रहा है.

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क्या है स्पूफ और कैसे करता है कामः ऑनलाइन पेमेंट एप पेटीएम, फोन पे, गूगल पे, अमेजन पे से मिलता जुलता स्पूफ एप spoof app है. इस स्पूफ एप के जरिए ठग किसी भी दुकान में जाकर खरीदारी करता है और स्पूफ पेमेंट एप से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं. इस दौरान पेमेंट होता दिखाई तो देता है. लेकिन संबंधित व्यक्ति के खाते तक वह राशि नहीं पहुंचता है. लेकिन ट्रांजेक्शन या पेमेंट कंप्लीट दिखता है. स्थिति यह है कि साइबर फ्रॉड इस एप के जरिए छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों को पेमेंट के नाम पर चूना लगा रहा है. हाल के दिनों में रांची में कई ऐसे मामले साइबर पुलिस के पास पहुंचा है, जिसकी जांच की जा रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

रांची के मोराबादी मैदान में फुटपाथी दुकानदार से स्पूफ ऐप के जरिए हजारों रुपए की ठगी कर ली गई, जो मामला थाना नहीं पहुंची है. वहीं, लोअर बाजार थाना क्षेत्र के एक कारोबारी से स्पूफ एप spoof app के जरिए 50 हजार की ठगी कर ली गई. इससे संबंधित शिकायत साइबर थाने में दर्ज की गई है. इसके साथ ही अरगोड़ा इलाके के एक बीयर बार में साइबर अपराधियों ने पार्टी की और 6300 रुपये का पेमेंट स्पूफ एप के जरिए की. लेकिन राशि संचालक के खाते में ट्रांसफर नहीं हुआ.

साइबर डीएसपी यशोधरा कहती हैं कि बड़ी कंपनियों के पेमेंट एप के स्पूफ खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं. इसकी वजह है कि मालवेयर भेजकर डाटा चोरी या फिर मोबाइल को रिमोट से एक्सेस कर खाते से पैसे गायब किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों ने फोन पे, पेटीएम, अमेजन प्राइम से ठीक मिलता जुलता स्पूफ पेमेंट एप तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल फ्रॉड पेमेंट में कर रहा है.

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क्या है बचाव के तरीके

  • पैसे पेमेंट होने के बाद तुरंत अपने खाते को चेक करें
  • पेमेंट नहीं आने की स्थिति में अपने कस्टमर से ट्रांजेक्शन हिस्ट्री दिखाने के लिए कहे, क्योंकि इस एप में ट्रांजेक्शन हिस्ट्री नहीं दिखाई देता है.
  • पेमेंट स्केनर का इस्तेमाल वहीं करें, जिसके आसपास संबंधित मोबाइल का सिस्टम है, ताकि ट्रांजेक्शन चेक किया जा सके.
  • पैसे मिलने के बाद ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को तुरंत चेक करना चाहिए
  • पैसे आने की सही जानकारी मिल पाए उसके लिए स्पीकर का प्रयोग करना चाहिए

साइबर डीएसपी ने बताया कि स्पूफ पेमेंट एप में एक बड़ी खामी भी है, जिसका फर्जीवाड़ा आसानी से पकड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि फर्जी पेमेंट एप में पेमेंट हिस्ट्री नहीं दिखाता है. अगर कोई आपको पेमेंट एप के जरिए भुगतान करता है तो तत्काल संबंधित व्यक्ति का पेमेंट हिस्ट्री दिखकर संतुष्ट हो जाए. इसके अलावा अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर लें. इससे साइबर फ्रॉड से बच सकते हैं.

Last Updated : Feb 26, 2022, 8:01 PM IST
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