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Ranchi Cyber Fraud: दोस्त बना कर खाता खुलवा रहे साइबर क्रिमिनल्स, जाल में फंस रही लड़कियां - लड़कियों से दोस्ती कर साइबर अपराध

साइबर अपराधियों राजधानी रांची में लोगों को फांस कर अपना काम निकाल रहे हैं. ये हर बार नए पैंतरे आजमा रहे हैं. अपराधी लड़कियों से खाता खुलवाकर उनके जरिए ट्रांजेक्शन करते हैं.

Ranchi Cyber Criminal Arrested
रांची साइबर अपराधी लड़कियों से कर रहे दोस्ती
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Published : Jun 28, 2023, 7:05 AM IST

रांची: राजधानी रांची में साइबर अपराधियों का मकड़जाल काफी तेजी से फैल रहा है. शातिर अपराधियों और नक्सलियों की तरह साइबर क्रिमिनल्स भी राजधानी रांची में पनाह ले रहे हैं. जिनकी पहचान करना पुलिस के लिए मुश्किल भरा काम है. रांची पुलिस ने एक बार फिर किराएदार बनकर रह रहे एक साइबर अपराधी को धर दबोचा है. गिरफ्तार साइबर ठग सुनील प्रजापति रांची के कोकर इलाके से दबोचा गया है.

ये भी पढ़ें: Giridih Crime News: साइबर अपराधी को कोलकाता पुलिस ने किया गिरफ्तार, लगभग दो लाख की ठगी का आरोप

लड़कियों से खुलवाता था खाते: एक बात तो साफ है कि साइबर अपराधी हर दिन नए नए तरकीबों को अपना कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. साइबर अपराधियों को किसी ना किसी बैंक खाते की जरूरत पड़ती है. ऐसे में अब साइबर अपराधी राजधानी में रहकर लड़कियों से दोस्ती कर उनके नाम पर खाता खुलवा ले रहे हैं. फिर उस खाते में लोगों से ठगी की गई राशि को ट्रांसफर करते हैं. प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी रितिक श्रीवास्तव की अगुवाई में रांची पुलिस की टीम ने ऐसे ही एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने इन चीजों को किया बरामद: गिरफ्तार ठग का नाम सुनील प्रजापति है रांची के सदर थाना क्षेत्र के भाभा नगर में एक किराए के मकान में रहा करता था. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस के द्वारा उसकी गिरफ्तारी की गई है. गिरफ्तारी के बाद उसके पास से पुलिस ने विभिन्न बैंकों का पांच पासबुक, 12 आधार कार्ड, दो पहचान पत्र और मोबाइल बरामद किया है. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है. मामले का खुलासा करते हुए ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने अपने गिरोह के सदस्यों के नामों का भी खुलासा किया है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है.

ऐसे फांसते हैं भोले-भाले लोगों को: ग्रामीण एसपी ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक लोवाडीह नामकुम के शाखा प्रबंधक ने बीते साल 22 जून को नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि एसबीआई दिल्ली से यह सूचना दी गई कि खाता संख्या 41995042704 के द्वारा साइबर ठगी की राशि ट्रांसफर की गई है. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने जब खाते की जांच की तो पता चला कि खाता अर्चना कुमारी नाम की युवती की है. जांच के दौरान यह भी जानकारी पुलिस को मिली कि मूलरूप से सिमडेगा की रहने वाली अर्चना कुमारी वर्तमान में लोवाडीह में किराए के मकान में रह रही है.

पुलिस की पकड़ में आया अपराधी: पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तब पता चला कि अर्चना के परिचित सोहन कुमार की दोस्ती सुनील प्रजापति के साथ थी. सोहन ने ही सुनील से अर्चना की दोस्ती करवाई. इसी दौरान आरोपी सुनील ने अर्चना को कौशल विकास योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिलवाने का झांसा देकर एसबीआई में खाता खुलवाया. इसके बाद पासबुक आदि सभी चीजें आरोपी ने अपने पास रख ली.

उसके बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी सुनील को कोकर से गिरफ्तार किया. आरोपी सुनील ने पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारी दी. उसने पुलिस को बताया कि उनका गिरोह देशभर में फैला हुआ है. गिरोह के सदस्य लोगों से दोस्ती कर बेरोजगारी भत्ता दिलाने के नाम पर खाता खुलवाते हैं. इसके बाद उस खाते का इस्तेमाल ठगी के पैसे के लिए करते हैं. जिन लोगों का खाता खुलता है, वे उन्हें भी कुछ राशि बेरोजगारी भत्ता के नाम पर देते हैं.

रांची: राजधानी रांची में साइबर अपराधियों का मकड़जाल काफी तेजी से फैल रहा है. शातिर अपराधियों और नक्सलियों की तरह साइबर क्रिमिनल्स भी राजधानी रांची में पनाह ले रहे हैं. जिनकी पहचान करना पुलिस के लिए मुश्किल भरा काम है. रांची पुलिस ने एक बार फिर किराएदार बनकर रह रहे एक साइबर अपराधी को धर दबोचा है. गिरफ्तार साइबर ठग सुनील प्रजापति रांची के कोकर इलाके से दबोचा गया है.

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लड़कियों से खुलवाता था खाते: एक बात तो साफ है कि साइबर अपराधी हर दिन नए नए तरकीबों को अपना कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. साइबर अपराधियों को किसी ना किसी बैंक खाते की जरूरत पड़ती है. ऐसे में अब साइबर अपराधी राजधानी में रहकर लड़कियों से दोस्ती कर उनके नाम पर खाता खुलवा ले रहे हैं. फिर उस खाते में लोगों से ठगी की गई राशि को ट्रांसफर करते हैं. प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी रितिक श्रीवास्तव की अगुवाई में रांची पुलिस की टीम ने ऐसे ही एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने इन चीजों को किया बरामद: गिरफ्तार ठग का नाम सुनील प्रजापति है रांची के सदर थाना क्षेत्र के भाभा नगर में एक किराए के मकान में रहा करता था. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस के द्वारा उसकी गिरफ्तारी की गई है. गिरफ्तारी के बाद उसके पास से पुलिस ने विभिन्न बैंकों का पांच पासबुक, 12 आधार कार्ड, दो पहचान पत्र और मोबाइल बरामद किया है. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है. मामले का खुलासा करते हुए ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने अपने गिरोह के सदस्यों के नामों का भी खुलासा किया है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है.

ऐसे फांसते हैं भोले-भाले लोगों को: ग्रामीण एसपी ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक लोवाडीह नामकुम के शाखा प्रबंधक ने बीते साल 22 जून को नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि एसबीआई दिल्ली से यह सूचना दी गई कि खाता संख्या 41995042704 के द्वारा साइबर ठगी की राशि ट्रांसफर की गई है. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने जब खाते की जांच की तो पता चला कि खाता अर्चना कुमारी नाम की युवती की है. जांच के दौरान यह भी जानकारी पुलिस को मिली कि मूलरूप से सिमडेगा की रहने वाली अर्चना कुमारी वर्तमान में लोवाडीह में किराए के मकान में रह रही है.

पुलिस की पकड़ में आया अपराधी: पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तब पता चला कि अर्चना के परिचित सोहन कुमार की दोस्ती सुनील प्रजापति के साथ थी. सोहन ने ही सुनील से अर्चना की दोस्ती करवाई. इसी दौरान आरोपी सुनील ने अर्चना को कौशल विकास योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिलवाने का झांसा देकर एसबीआई में खाता खुलवाया. इसके बाद पासबुक आदि सभी चीजें आरोपी ने अपने पास रख ली.

उसके बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी सुनील को कोकर से गिरफ्तार किया. आरोपी सुनील ने पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारी दी. उसने पुलिस को बताया कि उनका गिरोह देशभर में फैला हुआ है. गिरोह के सदस्य लोगों से दोस्ती कर बेरोजगारी भत्ता दिलाने के नाम पर खाता खुलवाते हैं. इसके बाद उस खाते का इस्तेमाल ठगी के पैसे के लिए करते हैं. जिन लोगों का खाता खुलता है, वे उन्हें भी कुछ राशि बेरोजगारी भत्ता के नाम पर देते हैं.

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