रांचीः एटीएम में पैसा भरने वाली एजेंसी को झांसा देकर अलग-अलग बैंकों के 1.45 करोड़ रुपये के गबन (embezzlement from bank in ranchi) का सनसनीखेज मामला सामने आया है. सीएमएस कंपनी के इंटरनल ऑडिट में गबन (embezzlement revealed in internal audit ) का खुलासा हुआ तो कंपनी ने रांची के डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.
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दो कस्टोडियन की मिलीभगत से गबन
एटीएम में पैसा भरने वाली प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों ने मिलीभगत कर बैंकों के 1.45 करोड़ रुपये गायब कर दिए. इसको लेकर सीएमएस कंपनी ने एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर में कंपनी ने अपने ही दो कस्टोडियन पर हेराफेरी का आरोप लगाया है. डोरंडा थाना प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है.
कंपनी के पास रूट संख्या आठ की जिम्मेदारी
सीएमएस कंपनी के अधिकारी सन्नी कुमार ने पुलिस को बताया है कि रूट संख्या आठ के अंतर्गत आने वाले 20 एटीएम में कैश भरने की जिम्मेदारी उनकी एजेंसी के पास है. धुर्वा निवासी नवीन गौतम और मृत्युंजय मिश्रा को एजेंसी ने बतौर कस्टोडियन नियुक्त किया था और उन्हीं के पास यहां के एटीएम में पैसा भरने की जिम्मेदारी थी. आरोप है कि दोनों स्टोडियन ने साजिश के तहत बैंक के 1 करोड़ 45 लाख 44 हजार रुपये का गबन कर लिया.
ऑडिट हुआ तो खुला राज
दरअसल, पैसे के गबन की जानकारी कंपनी के इंटरनल ऑडिट से हुई. ऑडिट में रूट संख्या 8 में पैसों की हेरफेरी का मामला सामने आया. जब पूरी तरह से जांच की गई तब यह जानकारी मिली की काफी पैसे का गबन कर लिया गया है. जिसके बाद नवीन गौतम और मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ कंपनी के अधिकारियों ने डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.
पूर्व में सदर थाना क्षेत्र से गायब हुए थे 5 करोड़
साल 2020 रांची के सदर इलाके में इसी तरह का मामला सामने आया था. जब एटीएम के लिए कैश पहुंचाने वाले कस्टोडियन ने मिलकर 5 करोड़ गायब कर दिए थे. सदर पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद बिहार के अलग-अलग जिलों से कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था. लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक बरामद भी किए गए थे.