रांची: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा कहे जाने वाले संस्कृत के विकास को लेकर एक पहल की है. 9वीं से पीएचडी तक के छात्रों को हर साल 5 से 25000 रुपये तक छात्रवृत्ति देने को लेकर तमाम विश्वविद्यालयों के संस्कृत विभागों से आवेदन मांगा गया है. इस पहल को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने सराहना की है.
जुलाई 2021 से मिलेगी छात्रवृत्ति
जुलाई महीने से डीवीडी के माध्यम से भुगतान शुरू कर दिया जाएगा. नवीं से पीएचडी तक के संस्कृत छात्रों को हर साल 5 से 25000 रुपये तक छात्रवृत्ति दी जाएगी. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की इस पहल को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने सराहना की है. मौके पर उन्होंने कहा है कि संस्कृत सबसे पुरानी भाषा है और भाषा को बढ़ावा देना बेहद ही जरूरी था. इस दिशा में केंद्र सरकार ने हाथ बढ़ाया है और उनके पहल को रांची विश्वविद्यालय भी सराहना करती है. साथ ही रांची विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले संस्कृत छात्रों का डेटाबेस तैयार अब किया जाएगा, ताकि उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ मिल सके.