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CSU क्लास 9वीं से PhD तक के विद्यार्थियों को देगी छात्रवृत्ति, संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों का डेटाबेस होगा तैयार

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय 9वीं से पीएचडी तक के विद्यार्थियों को हर साल छात्रवृत्ति देगी. आरयू में संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा.

csu will give scholarship to students from 9th to phd
9वीं से PHD तक के विद्यार्थियों को हर साल देगी छात्रवृत्ति
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Published : Jan 4, 2021, 7:46 PM IST

Updated : Jan 4, 2021, 9:06 PM IST

रांची: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा कहे जाने वाले संस्कृत के विकास को लेकर एक पहल की है. 9वीं से पीएचडी तक के छात्रों को हर साल 5 से 25000 रुपये तक छात्रवृत्ति देने को लेकर तमाम विश्वविद्यालयों के संस्कृत विभागों से आवेदन मांगा गया है. इस पहल को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने सराहना की है.

देखें पूुरी खबर
मेधावी बच्चों को सालाना छात्रवृत्ति देने का निर्णयकेंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने संस्कृत पढ़ने वाले मेधावी बच्चों को सालाना छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है. 9वीं से पीएचडी तक के संस्कृत विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष 5000 से 25000 रुपये तक छात्रवृत्ति दी जाएगी. इसे लेकर एक योजना के तहत काम किया जाएगा. छात्रवृत्ति के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन मांगे गए है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों से इस दिशा में योजना बनाने का निर्देश दिया है. रांची स्थित रांची विश्वविद्यालय को भी केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से दिशा निर्देश मिला है और इसके तहत अब संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को चिन्हित किए जाने को लेकर पहल शुरू की जा रही है. जानकारी मिल रही है कि इंटर तक के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए केवल संस्कृत विषय के अंकों के आधार पर वरीयता क्रम तैयार किए जाएंगे. संस्कृत ऑनर्स के लिए पूर्व के सभी विषयों के पूर्णांक पर वरीयता क्रम निर्धारित की जाएगी.इसे भी पढे़ं-झारखंड को अशांत करने की मनसा रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: बन्ना गुप्ता

जुलाई 2021 से मिलेगी छात्रवृत्ति
जुलाई महीने से डीवीडी के माध्यम से भुगतान शुरू कर दिया जाएगा. नवीं से पीएचडी तक के संस्कृत छात्रों को हर साल 5 से 25000 रुपये तक छात्रवृत्ति दी जाएगी. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की इस पहल को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने सराहना की है. मौके पर उन्होंने कहा है कि संस्कृत सबसे पुरानी भाषा है और भाषा को बढ़ावा देना बेहद ही जरूरी था. इस दिशा में केंद्र सरकार ने हाथ बढ़ाया है और उनके पहल को रांची विश्वविद्यालय भी सराहना करती है. साथ ही रांची विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले संस्कृत छात्रों का डेटाबेस तैयार अब किया जाएगा, ताकि उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ मिल सके.

रांची: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा कहे जाने वाले संस्कृत के विकास को लेकर एक पहल की है. 9वीं से पीएचडी तक के छात्रों को हर साल 5 से 25000 रुपये तक छात्रवृत्ति देने को लेकर तमाम विश्वविद्यालयों के संस्कृत विभागों से आवेदन मांगा गया है. इस पहल को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने सराहना की है.

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मेधावी बच्चों को सालाना छात्रवृत्ति देने का निर्णयकेंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने संस्कृत पढ़ने वाले मेधावी बच्चों को सालाना छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है. 9वीं से पीएचडी तक के संस्कृत विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष 5000 से 25000 रुपये तक छात्रवृत्ति दी जाएगी. इसे लेकर एक योजना के तहत काम किया जाएगा. छात्रवृत्ति के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन मांगे गए है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों से इस दिशा में योजना बनाने का निर्देश दिया है. रांची स्थित रांची विश्वविद्यालय को भी केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से दिशा निर्देश मिला है और इसके तहत अब संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को चिन्हित किए जाने को लेकर पहल शुरू की जा रही है. जानकारी मिल रही है कि इंटर तक के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए केवल संस्कृत विषय के अंकों के आधार पर वरीयता क्रम तैयार किए जाएंगे. संस्कृत ऑनर्स के लिए पूर्व के सभी विषयों के पूर्णांक पर वरीयता क्रम निर्धारित की जाएगी.इसे भी पढे़ं-झारखंड को अशांत करने की मनसा रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: बन्ना गुप्ता

जुलाई 2021 से मिलेगी छात्रवृत्ति
जुलाई महीने से डीवीडी के माध्यम से भुगतान शुरू कर दिया जाएगा. नवीं से पीएचडी तक के संस्कृत छात्रों को हर साल 5 से 25000 रुपये तक छात्रवृत्ति दी जाएगी. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की इस पहल को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने सराहना की है. मौके पर उन्होंने कहा है कि संस्कृत सबसे पुरानी भाषा है और भाषा को बढ़ावा देना बेहद ही जरूरी था. इस दिशा में केंद्र सरकार ने हाथ बढ़ाया है और उनके पहल को रांची विश्वविद्यालय भी सराहना करती है. साथ ही रांची विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले संस्कृत छात्रों का डेटाबेस तैयार अब किया जाएगा, ताकि उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ मिल सके.

Last Updated : Jan 4, 2021, 9:06 PM IST
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