रांची: झारखंड में क्रिप्टोकरेंसी हैकिंग (Cryptocurrency Hacking in Jharkhand) के जरिये भी साइबर अपराधी लोगों को चूना लगा रहे हैं. इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (Indian Cyber Crime Coordination Center) ने क्रिप्टोकरेंसी हैकिंग को लेकर आगाह किया है. इस संबंध में सेंटर ने पत्र लिखकर झारखंड पुलिस को जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
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झारखंड है साइबर अपराधियों का गढ़: झारखंड के जामताड़ा, देवघर, धनबाद और गिरिडीह जिले साइबर अपराधियों के गढ़ माने जाते हैं. झारखंड में बैठे-बैठे साइबर अपराधी भारत के अलग-अलग राज्यों में ठगी की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं. झारखंड को साइबर क्राइम (Cyber Crime in Jharkhand) का गढ़ माना जाता है. यही वजह है कि इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर ने क्रिप्टोकरेंसी के हैकिंग को लेकर झारखंड पुलिस को आगाह किया है. बताया गया है कि साइबर अपराधी किसी भी दूसरे व्यक्ति के कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल उसकी जानकारी के बगैर कर क्रिप्टोकरैंसी हैक कर सकते हैं. क्रिप्टोकरैंसी अटैक (Cryptocurrency Attack) को साइबर अपराधियों के लिए काफी लाभ दायक बताया गया है. कंप्यूटर में वायरस के जरिए अटैक कर सिस्टम हैक किया जा सकता है.
कैसे किया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी हैक: साइबर अपराधी या हैर्क्स गलत लिंक भेजकर कंप्यूटर सिस्टम को हैक करते हैं. ये लिंक अपराधी ई-मेल के जरिए भेजते हैं फिर उसी लिंक के माध्यम से हैकर्स क्रिप्टोकरैंसी माइनिंग कोड प्राप्त कर लेते हैं. झारखंड पुलिस को भेजे गए सुझाव में इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर के थ्रेट एनालिटिक्ल यूनिट ने बताया है कि क्रिप्टोकरैंसी हैक न हो इसके लिए जरूरी है कि कंप्यूटर सिस्टम में एंटी वायरस सॉल्यूशन रखें, ताकि किसी साइबर अटैक को रोका जा सके.