रांची: सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा में सूप, दउरा और पूजन सामग्री का खास महत्व होता है. इसको लेकर सभी शहरों के अलग-अलग जगहों में सूप दउरा और पूजन सामग्री का बाजार सजकर तैयार हो गया है, जहां लोग आकर खरीदारी कर रहे हैं. इस बार वैश्विक महामारी कोरोना के बीच सूर्य उपासना का महापर्व छठ संपन्न होगा.
4 दिनों तक होती है छठ पूजा
रांची में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत नहाए खाए के साथ हो जाती है. छठ व्रत करने वाले दउरा और सूप में ही पूजन सामग्री रखकर छठ घाट पहुंचते हैं और भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर सुख समृद्धि की कामना करते हैं. छठ पर्व के समय में सूप और दउरा की मांग बढ़ जाती है, जिसके कारण इसके कीमतों में भी इजाफा हो जाता है. सूप, दउरा और पूजन सामग्री के दामों में आए उछाल से लोगों को थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है, लेकिन बावजूद इसके पूजा में उपयोग होने वाले पूजन सामग्री कहीं छूट ना जाए इसका भी लोग खास ध्यान रख रहे हैं.
स्वच्छता का प्रतिक है छठ पूजा
छठ महापर्व स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है, जिसे लेकर दुकानदार भी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं, ताकि छठ व्रतियों को किसी प्रकार का कोई दिक्कत ना हो. इस खास मौके पर श्रद्धालुओं की मांग को पूरा करने के लिए रांची में व्यवसायियों ने दुमका, जामताड़ा, गिरिडीह के अलावा अन्य जिलों से सूप और दउरा मंगाकर स्टोर किया है. विक्रेताओं के मुताबिक ट्रांसपोर्टिंग चार्ज बढ़ने की वजह से इस बार महंगाई बढ़ गई है, बावजूद इसके छठ व्रतियों को पूजा करने में कोई परेशानी ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है. बाजारों में सूप 40 से 60 रुपये और दउरा 60 से 240 रुपये प्रति पीस बिक रहा है. वहीं पूजन सामग्री बेचने वाले गुड्डू लाल श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के कारण पूजन सामग्री के मूल्यों में भी थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, अखरोट, छोहाड़ा जैसे चीजों की कीमत में इस बार अधिक महंगी हो गई है.
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छठ पूजा बिहार में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, लेकिन राजधानी रांची में भी इस पर्व के प्रति लोगों में आस्था दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि वर्तमान समय में यहां भी बड़े पैमाने पर यह पर्व मनाए जाने लगा है. इस बार जलाशय में पूजा करने की अनुमति राज्य सरकार ने नहीं दी है, लिहाजा लोग अपने घरों पर ही भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे.