रांचीः राजधानी के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के सहजानंद चौक के समीप बाइक सवार तीन अपराधियों ने सुषमा बड़ाईक नामक महिला को गोली मार कर घायल कर दिया (Criminals shot Sushma Baraik in ranchi) . घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी फरार हो गए. वहीं महिला को आनन फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां महिला की स्थिति गंभीर बनी हुई है. सुषमा बड़ाईक अपने बॉडीगार्ड के साथ बाइक पर बैठकर अपने घर की तरफ जा रही थी, उसी दौरान अपराधियों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की.
क्या है पूरा मामलाः सुषमा बड़ाईक झारखंड का चर्चित नाम है. पुलिस के द्वारा सुषमा बड़ाईक को एक बॉडीगार्ड भी उपलब्ध करवाया गया था, लेकिन अपराधियों ने बॉडीगार्ड के सामने ही सुषमा बड़ाईक को गोली मार दी. हटिया डीएसपी राजा मिश्रा ने बताया कि अपने बॉडीगार्ड के साथ सुषमा बाइक पर बैठकर कहीं जा रही थी. इसी दौरान तीन की संख्या में अपराधियों ने पीछे से आकर फायरिंग शुरू कर दी. बाइक के पीछे बैठी सुषमा को गोलियां लगी जिसके बाद वह नीचे गिर पड़ी. गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग जब जुटने लगे तो अपराधी तेज गति से बाइक चलाकर मौके से फरार हो गए. वहीं स्थानीय लोगों की सहायता से बॉडीगार्ड ने ही सुषमा को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
सीसीटीवी में हुई पहचानः मिली जानकारी के अनुसार जिन अपराधियों ने सुषमा बड़ाईक पर गोलियां चलाई हैं, उनकी पहचान हो चुकी है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है. गौरतलब है कि सुषमा बड़ाइक ने कई हाईप्रोफाइल लोगों पर मुकदमे कर रखे हैं. पुलिस को शक है कि इन्हीं वजह से सुषमा पर हमला करवाया गया है. हालांकि अभी तक इस मामले की कोई आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है.
सुषमा ने की पहचानः मिली जानकारी के अनुसार तीन अपराधियों ने सुषमा बड़ाईक पर गोली चलाई. सुषमा बड़ाईक को दो गोली लगी है. जिसमें से एक उसके शरीर में फंसी हुई है. जबकि दूसरी गोली शरीर को छेदते हुए निकल गई. जो गोली शरीर के आप-पार हुई उससे बॉडीगार्ड जख्मी हो गया. जिन तीन अपराधियों ने गोली चलाई, उसमें से एक शख्स का नाम दानिश है, जिसकी पहचान सुषमा ने की है.
आईपीएस पर यौन शोषण का आरोप: महिला ने आईपीएस पीएस नटराजन के अलावा दर्जनों लोगों पर रेप, यौन शोषण और रेप की कोशिश के अलग-अलग केस दर्ज करा रखे हैं. मंगलवार को उसकी ओर से दर्ज कराए एक केस में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध इस केस में वह अपना पक्ष खुद ही अदालत में रखने वाली थी, लेकिन सुनवाई से पहले अपराधियों ने उसे गोली मारकर जख्मी कर दिया. बता दें कि इस महिला के यौन शोषण का एक स्टिंग वीडियो वर्ष 2005 में कई टीवी चैनलों पर प्रसारित हुआ था. इस मामले में वर्ष 2012 में आईपीएस पीएस नटराजन को बर्खास्त कर दिया गया था, हालांकि लोअर कोर्ट ने 2017 में नटराजन के पक्ष में फैसला सुनाया था. इस फैसले के बाद महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.