रांची: झारखंड की राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में अब अपराधियों ने जमीन के प्रोजेक्ट में निवेश करना शुरू कर दिया है. हालांकि यह कोई नई शुरुआत नहीं है, लेकिन अब सुपारी किलर का काम करने वाले अपराधी भी जमीन के धंधे में जबरदस्त मुनाफा को देखते हुए इस कारोबार में किस्मत आजमाने लगे हैं, नतीजतन जमीन को लेकर खून-खराबे के मामले अक्सर सामने आते हैं.
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बड़े से लेकर छोटे अपराधियों के चल रहे हैं जमीन प्रोजेक्ट: राजधानी रांची में एक समय के कुख्यात अपराधी जो जमानत पर छूट चुके हैं वर्तमान में किसी न किसी रूप में जमीन के धंधे में शामिल हैं. इस कारण हत्या, लूट और रंगदारी जैसी घटनाओं को अंजाम देने का रिस्क बना रहता है.अपराधियों ने भू-माफियाओं से सांठगांठ कर जमीन के धंधे में अपना वर्चस्व कायम कर लिया है. अधिकांश अपराधी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जमीन के धंधे में जुड़े हुए हैं. दरअसल, पहले जो अपराधी भू-माफियाओं के इशारे पर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देते थे, वही अपराधी अब भू-माफियाओं के साथ जमीन के कारोबार में पार्टनर बन गए हैं. जमीन पर कब्जे के लिए मारपीट, धमकी देना और उससे भी अगर मामला ना सुलझे तो हत्या कर देना इन अपराधियों का काम है. इसके बदले उन्हें पैसे के साथ-साथ सुपारी के रूप में जमीन भी मिल रही है. वर्ष 2023 में राजधानी रांची में हुए पांच से अधिक हत्या की वारदातों में शामिल अपराधियों को न सिर्फ सुपारी के रूप में लाखों रुपए कैश मिले थे, बल्कि उन्हें जमीन भी मिली थी. साथ ही भू-माफियाओं ने अपराधियों को छोटी-छोटी जमीन पर काम करने का अवसर भी दिया.
जमीन के मामले में ज्यादातर हो रही हत्याएं: रांची के बड़े जमीन कारोबारी कमल भूषण, कमल भूषण के अकाउंटेंट संजय सिंह, माकपा नेता सुभाष मुंडा, कुख्यात अपराधी कालू लामा, सूरज महली, मो फिरोज उर्फ रिंकू इन सब की हत्या पिछले एक साल अंदर हो चुकी है. वैसे तो जमीन कारोबार में पिछले एक साल में कई हत्या के मामले सामने आए, लेकिन यह मामले इसलिए विशेष हैं क्योंकि इनमें हत्या की सुपारी लेने वाले अपराधियों का भी कहीं ना कहीं जमीन के कारोबार में लिंक था. कमल भूषण की हत्या जमीन कारोबार में पैसे के लेनदेन को लेकर ही करायी गई थी. वहीं उनके अकाउंटेंट की हत्या भी इसी वजह से की गई. माकपा नेता सुभाष मुंडा को बबलू पासवान नाम के कुख्यात अपराधी ने अपने दो शूटरों के साथ मिलकर मार डाला था. हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता छोटू ने बबलू पासवान को जमीन के कारोबार में शामिल किया था. जिसमें वह मुनाफा भी कमा रहा था. हत्या के एवज में उसे 15 लाख रुपए के साथ-साथ एक कीमती जमीन का टुकड़ा भी मिला. छोटू के साथ मिलकर बबलू पासवान रांची के नगड़ी और रातू इलाके में जमीन का काम शुरू कर चुका था. बबलू पासवान के जैसे कई ऐसे हिस्ट्रीशीटर हैं जिनपर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं और वे जमीन के कारोबार में शामिल हो चुके हैं. ऐसे लोग आदतन अपराधी हैं और उनके लिए हत्या की वारदात को अंजाम देना बेहद आसान काम है. पुलिस के लिए ऐसे ही अपराधी और भू-माफिया चुनौती बन रहे हैं.
जमीन माफियाओं का रसूख देखकर आकर्षित हो रहे हैं अपराधी: राजधानी में 100 से ज्यादा जमीन दलाल और भू-माफिया हैं जिन्होंने जमीन कारोबार की बदौलत अकूत संपत्ति अर्जित की है. कल तक मोटरसाइकिल पर चलने वाले जमीन कारोबारी अब ऑडी और फॉर्च्यूनर जैसी महंगी गाड़ियों में चलते हैं और खुद का बॉडीगार्ड रख रहे हैं. इनका रसूख देखकर इनके लिए काम करने वाले अपराधी भी अब जमीन के धंधे में जुड़ रहे हैं. उन्हें यह पता चल गया है कि अगर एक जमीन की डील भी सही तरीके से हो गई तो करोड़ों का मुनाफा होगा.
हर तरफ फैला है जमीन कारोबारियों का नेटवर्कः रांची शहर में हर तरफ जमीन कारोबारियों का नेटवर्क फैला है. पूरब में नामकुम, ओरमांझी और टाटीसिल्वे, पश्चिम में रातू और नगड़ी, उत्तर में कांके और पिठोरिया, दक्षिण में हटिया, जगन्नाथपुर और तुपुदाना के इलाके में जमीन कारोबारी अपना धंधा कर रहे हैं. इन इलाकों में कई बड़े गैंगस्टर और कुख्यात अपराधियों के भी लैंड प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जमीन पर कब्जा, दावेदारी और कमीशन के विवाद में हत्या आम बात हो गई है. रांची के कुख्यात अपराधियों का जमीन के धंधे से संबंधित कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जानकारी के अनुसार कुख्यात बिट्टू मिश्रा नगड़ी, पंडरा, रातू सहित अन्य इलाकों की जमीन के धंधे में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है. जबकि जेल में बंद गेंदा सिंह की जमीन कांके रोड और हटिया इलाके में है. गैंगस्टर सुजीत सिन्हा हटिया, कांके के संग्रामपुर, रातू और नगड़ी इलाके की जमीन पर कब्जा दिलाने का ठेका ले रखा है. कई जगहों पर अपराधियों के खुद के जमीन प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं. जिसमें इनके गिरोह से जुड़े सदस्य काम कर रहे हैं. कुख्यात संदीप थापा का भी रांची के रातू और नगड़ी इलाके में बड़े-बड़े लैंड प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
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रांची पुलिस ने की खास प्लानिंगः माकपा नेता सुभाष मुंडा की हत्या के बाद रांची पुलिस की पूरी प्लानिंग ही बदल गई है. जमीन कारोबारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं. 200 से ज्यादा जमीन दलाल, भू-माफिया और इससे जुड़े अपराधी पुलिस की रडार पर हैं. पुलिस की कार्रवाई से जमीन माफिया में हड़कंप मचा हुआ है. मामले को ना सिर्फ रांची डीआईजी और एसएसपी देख रहे हैं, बल्कि पुलिस मुख्यालय भी पूरे मामले में बेहद गंभीर हैं. गृह सचिव तक जमीन से जुड़े मामले को लेकर मीटिंग कर चुके हैं. रांची पुलिस ने शहर और शहर के आसपास के इलाके में सक्रिय जमीन माफियाओं की सूची तैयार की है. जमीन विवाद और गतिविधियों के आधार पर जमीन माफियाओं की तैयार सूची के आधार पर सभी की संपत्ति की जानकारी जुटायी जा रही है. संपत्ति की जानकारी जुटाने के बाद इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी.