रांची: राजधानी में बैंक पदाधिकारी के आत्महत्या मामले में उनके परिजनों ने प्रशासन और सरकार से न्याय की गुहार लगाई है. सोमवार को बैंक अधिकारी के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. इस दौरान उनके परिजन भी मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने सरकार से मामले में मदद की गुहार लगाई है.
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बता दें कि रविवार को रांची के चुटिया थाना क्षेत्र स्थित अनंतपुर मोहल्ले में बैंक ऑफ इंडिया के लोन ऑफिसर ने आत्महत्या कर ली. बैंक पदाधिकारी का नाम सुप्रियो मजूमदार है, जिसकी उम्र 30 से 32 साल बताई गई है. आत्महत्या करने के बाद मृतक के परिजनों ने तुरंत ही पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया. फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
दबाव बनाकर कराया गया था लोन सैंक्शन: पोस्टमार्टम कराने पहुंचे परिजनों ने कहा कि सुप्रियो पिछले कुछ दिनों से काफी डरे हुए थे. जबकि कुछ महीने पहले ही सुप्रियो को बैंक की तरफ से प्रमोशन मिला था. जिसके बाद उन्हें रांची में पोस्टिंग दी गयी थी. परिजनों ने बताया कि रामगढ़ में नौकरी के दौरान सुप्रियो के उच्च पदाधिकारी डीके सिंह और प्रफुल कुमार बेरा के द्वारा एक लोन सैंक्शन कराया गया था. जिसमें दोनों अधिकारियों ने सुप्रियो मजूमदार पर दबाव बनाते हुए लोन सैंक्शन करवाया था. जिसमें वित्तीय अनिमियतता पाने के बाद पुलिस केस दर्ज किया गया था. फिर पूरे मामले की सीबीआई से भी जांच कराई गई थी.
सीबीआई की क्लीन चीट के बाद भी पुलिस बना रही थी दबाव: पूरे मामले पर सीबीआई जांच पूरी होने के बाद सुप्रियो मजूमदार को क्लीन चीट दिया गया. फिर प्रमोशन देकर उन्हें रांची में पोस्टिंग दी गई थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से उसी पुराने केस में रामगढ़ पुलिस के द्वारा सुप्रियो मजूमदार को डराया धमकाया जा रहा था.
बार-बार रामगढ़ पुलिस सुप्रिया मजूमदार को बुलाकर जेल भेजने की धमकी दे रही थी. सुप्रियो मजूमदार पुलिस के इस रवैये से काफी डर गए. उन्होंने अपने परिजनों से सारी परेशानी साझा की. परिजनों को मामले की जानकारी होने के बाद सुप्रियो के परिवार से जुड़े सभी लोग बीते शुक्रवार को रामगढ़ पुलिस के अधिकारियों से मिलने गए. जहां पर रामगढ़ पुलिस ने एसपी से मिलने की बात कही.
एसपी से मिलने पहुंचे परिजन और सुप्रियो मजूमदार को उनके रीडर ने बुला लिया और जेल भेजने की बात कह कर डराने लगे. रीडर के उस रवैया से सुप्रियो मजूमदार काफी डर गए. वे अपने परिजनों को बार-बार यही कह रहे थे कि शायद कहीं उन्हें जेल ना जाना पड़ जाए.
जेल जाने के डर में दे दी जान: परिजनों और उनके वकीलों के द्वारा बार-बार काउंसलिंग करने के बावजूद भी सुप्रियो मजूमदार के मन से जेल जाने का डर नहीं जा रहा था. परिजनों के अनुसार, इसी डर की वजह से सुप्रियो मजूमदार ने रविवार को आत्महत्या कर अपनी जान दे दी. फिलहाल, सुप्रिया मजूमदार की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. परिजनों ने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाया कि सुप्रियो के ऊपर जिन लोगों ने भी दबाव बनाया है, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, ताकि आने वाले दिनों में किसी के साथ ऐसी घटना ना घट सके.