रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में गुरुवार को सुबह युवक की अधजली लाश मिली. हॉस्टल नंबर 5 के पीछे पड़ी डेडबॉडी पर सुबह छह बजे कर्मचारियों की नजर पड़ी. जिसके बाद पुलिस को बुलाया गया. इस मामले की जांच की जा रही है लेकिन मौके से शराब की कई बोतलें मिलने पर हॉस्टल में फैली अव्यवस्था की पोल भी खुल गयी.
इसे भी पढ़ें- रिम्स हॉस्टल में शव बरामदगी का मामलाः तमिलनाडु के डॉ. मदन की है जली हुई लाश, दोस्तों ने की पहचान
रिम्स हॉस्टल में शव मिलने के बाद पुलिस और अस्पताल प्रबंधन द्वारा बारीकी से जांच की जा रही है. पुलिस प्रशासन के द्वारा बताया कि पूरा मामला संदेहास्पद है, यह आत्महत्या है या फिर हत्या, मामले में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. सदर डीएसपी प्रभात कुमार बरवार ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है, एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंची है जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान मदन कुमार के रूप में हुई है, वह तमिलनाडु के रहने वाले थे और रिम्स में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे.
वहीं घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने देखा कि जहां पर घटना हुई है उसके आसपास कई शराब की बोतल फेंकी हुई थीं. आसपास बिखरी बोतलों को लेकर ईटीवी भारत ने रिम्स अधीक्षक डॉक्टर हिरेन बिरूआ से सवाल किया. इस पर उन्होंने भी आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह से हॉस्टल के ऊपर शराब की बोतल पड़ी हुई है, यह पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है.
रिम्स अधीक्षक डॉक्टर हिरेन बिरूआ ने कहा कि हॉस्टल में निगरानी रखने के लिए कई लेवल के सुरक्षाकर्मी हैं. केयरटेकर से लेकर होमगार्ड तक के जवान की तैनाती की गई है. इसके बावजूद भी अस्पताल में शराब की बोतलें धड़ल्ले से पहुंच रही हैं तो निश्चित रूप से जांच का विषय है. रिम्स के हॉस्टल नंबर 5 के छत पर एक नहीं बल्कि कई शराब की बोतल फेंकी पड़ी हैं. तस्वीरें देखने के बाद यही प्रतीत होता है कि यह हॉस्टल नहीं बल्कि शराबियों का अड्डा बन गया हो.
अगस्त महीने में रिम्स हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को लेकर बड़ा बवाल मचा था. छात्रों के कई गुटों के बीच मारपीट भी हुई थी. जिसको लेकर रिम्स प्रबंधन ने सभी हॉस्टल छात्रों को छुट्टी देकर हॉस्टल की व्यवस्था को सुदृढ़ और मजबूत करवाई थी. महज 2 महीने के बाद ही अस्पताल प्रबंधन के दावे की पोल खुल गई. जब दो महीने पहले ही हॉस्टल की व्यवस्था को सुदृढ़ और मजबूत किया गया था तो फिर किस प्रकार और कैसे हॉस्टल की छत पर शराब की बोतलें पहुंच रही हैं.
बता दें कि रिम्स में कुल आठ बॉयज हॉस्टल हैं और आठ गर्ल्स हॉस्टल हैं. जिसमें कुल 1500 से 1800 स्टूडेंट्स रहते हैं. जिस तरह की घटना गुरुवार को हुई वो रिम्स प्रबंधन पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. छात्रों की सुरक्षा का दावा करने वाला रिम्स प्रबंधन शराब की बोतलों को हॉस्टल ले जाने से नहीं रोक पा रहे हैं तो वह सुरक्षा के अन्य मानकों का कितना ध्यान रखते होंगे.