रांची: माकपा नेता सुभाष मुंडा के हत्याकांड को लेकर पुलिस मुख्यालय बेहद गंभीर है. मुख्यालय की तरफ से रांची डीआईजी और एसएसपी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द सुभाष हत्याकांड में शामिल अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाएं. वहीं दूसरी तरफ सुभाष मुंडा के हत्या के विरोध में राजधानी के ग्रामीण और कुछ शहरी इलाकों में सुबह से लेकर दोपहर तक हंगामा होता रहा.
अपराधियों तो जल्द गिरफ्तार करने का आदेश: झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि माकपा नेता सुभाष मुंडा के हत्याकांड को सुलझाने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एसआईटी को रांची के सिटी एसपी लीड कर रहे हैं. टीम में हेड क्वार्टर 2, डीएसपी साइबर, रातू थाना प्रभारी, नगड़ी थाना प्रभारी सहित कई पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया है. आईजी अभियान के अनुसार इस जघन्य हत्याकांड को लेकर पुलिस मुख्यालय बेहद गंभीर है. रांची डीआईजी और एसएसपी को सख्त निर्देश दिया गया है कि वह हर हाल में जल्द से जल्द हत्याकांड में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करें.
पुलिस टीम कर रही छापेमारी: आईजी के अनुसार हत्यारों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई बुधवार की रात से ही शुरू कर दी गई है. ना सिर्फ रांची में बल्कि रांची से बाहर भी टीम छापेमारी कर रही है. जितने भी संदिग्ध इस मामले में अब तक चिन्हित हुए हैं, सब को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है. आईजी अभियान के अनुसार, पूरे मामले में नगड़ी थाना प्रभारी की लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. मामले की तफ्तीश में अगर किसी अन्य अफसर की भी लापरवाही सामने आएगी तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.
सुबह से दोपहर तक होता रहा हंगामा: वहीं दूसरी तरफ सुभाष मुंडा की हत्या से आक्रोशित आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग दिनभर राजधानी में हंगामा करते नजर आएं. जैसे ही सुभाष मुंडा का शव नगड़ी पहुंचा, आक्रोशित स्थानीय लोगों ने शव के साथ ही रांची-गुमला मार्ग को जाम कर दिया. इस सड़क पर जाम की स्थिति दोपहर तक बनी रही. हत्या के विरोध में गुरुवार को रांची बंद का भी बुलाया गया. बंद के दौरान राजधानी में कई स्थानों पर सड़क पर आगजनी भी की गई. रातू, नगड़ी, पुंदाग, बेड़ो, मांडर, ओरमांझी और बरियातू थाना क्षेत्रों में बंद समर्थकों का उत्पात भी देखने को मिला. रांची गुमला और रांची डाल्टनगंज मार्ग पर गुरुवार की सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर के 2 बजे तक जाम की स्थिति बनी रही. खासकर राजधानी के आउटर रिंग रोड को समर्थकों ने घंटों जाम किए रखा. जाम की वजह से गुमला और डाल्टनगंज जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
बुधवार की रात हुआ था जबरदस्त हंगामा: बुधवार को भी हत्या के विरोध में जमकर हंगामा किया गया था. बुधवार की रात करीब सवा आठ बजे ग्रामीण सड़क पर उतर आए. आक्रोशित भीड़ ने दलादली चौक को जाम कर दिया. इसके बाद उग्र भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया. लाठी-डंडे से लैस भीड़ ने रिंग रोड से गुजर रहे दो दर्जन से ज्यादा ट्रक, दो और तीन पहिया वाहनों के शीशे को ना सिर्फ क्षतिग्रस्त किया, बल्कि उनके चालकों के साथ भी जमकर मारपीट की. भीड़ में शामिल ग्रामीण इतना आक्रोशित थे कि दलादली चौक के पास शराब दुकान में घुसकर उसे आग के हवाले कर दिया. उन्होंने दलादली चौक के आसपास दर्जनों झुग्गी-झोपड़ियों को भी नहीं बक्शा. उसमें भी आग लगा दी. भीड़ में महिला, पुरुष और बच्चे भी शामिल थे.
पुलिस पर किया पथराव, सिटी एसपी की गाड़ी तोड़ी: हंगामे और तोड़फोड़ की घटना की जानकारी मिलने के बाद सिटी एसपी शुभांशू जैन बुधवार की रात पुलिस बल के साथ दलादली चौक पहुंचे थे. उन्होंने भीड़ को समझाने का प्रयास किया. इसी दौरान भीड़ उनसे उलझ गयी, धक्का-मुक्की करने लगी. सिटी एसपी ने उन्हे रोकने का प्रयास किया तो भीड़ उन पर और मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों पर टूट पड़ी. वहीं कुछ ग्रामीण अन्य पुलिसकर्मियों को खदेड़ने लगे. उन पर पथराव करने लगी. भीड़ इतनी उग्र थी कि सिटी एसपी की गाड़ी के शीशे को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.
दो पिस्टल से ताबड़तोड़ की फायरिंग: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार की रात पौने आठ बजे माकपा नेता सुभाष मुंडा अपने छोटे भाई अमित मुंडा और चार कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी कार्यालय में बैठे हुए थे. इसी दौरान दो बाइक पर सवार तीन अपराधी उनके कार्यालय के पास पहुंचे. इसमें से मुंह में गमछा लपेटे हुए दो अपराधी उनके कार्यालय में घुसे और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे. दोनों अपराधियों के हाथ में पिस्टल थी. उसी पिस्टल से करीब दस राउंड फायरिंग की गई. इस घटना में सात से आठ गोली सुभाष मुंडा को लगी. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों अपराधी तेजी से बाहर निकले और दो बाइक पर सवार होकर मौके से भाग निकले. घायल अवस्था में पड़े सुभाष को आनन-फानन में कटहल मोड़ स्थित रिंची अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद मौजूद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.