रांचीः एटीएस के डीएसपी नीरज और पतरातू थाने के सब इंस्पेक्टर सोनू साव को जेल में बंद गैंगस्टर अमन साव के गुर्गों ने सोमवार की रात गोली मारकर घायल कर दिया. ये घटना तब घटी जब एटीएस डीएसपी नीरज रामगढ़ पुलिस की सहायता से अमन साव के गुर्गों को दबोचने गए थे. यह घटना यह साबित कर रहा है कि अमन साव के लिए जेल ही उसका सम्राज्य बन गया है और अब वह पुलिस वालों को भी अपना निशाना बना रहा है.
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अमन साव गिरोह बना बड़ी चुनौतीः झारखंड में अमन साव गिरोह पुलिस के लिए चुनौती बन रहा है. रांची में कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता पर फायरिंग व हजारीबाग में रित्विक कंपनी के शरत बाबू की हत्या के बाद अमन साव के गुर्गों ने पुलिस पर भी हमला बोल दिया. अमन जेल से ही अपने गैंग को बेहद सफलतापूर्वक ऑपरेट कर रहा है. पुलिस उसका कुछ बिगाड़ नहीं पा रही है, उल्टा उसके गुर्गे पुलिस पर ही हमला कर रहे हैं.
सोमवार को पुख्ता सूचना मिलने के बाद एटीएस डीएसपी नीरज कुमार अपनी टीम और रामगढ़ पुलिस के साथ अमन के गुर्गों को दबोच ने के लिए पतरातू में डेरा डाले हुए थे. लेकिन अमन के गुर्गे तो हाथ नहीं लगे उनके साथ मुठभेड़ में डीएसपी नीरज को ही गोली लग गई. नीरज को कवर कर रहे पतरातू थाने के सब इंस्पेक्टर सोनू साव ने जब अपराधियों को ललकारा तो उन्हें भी गोली मार दी गई. दोनों को आनन-फानन में सोमवार की देर रात रांची के एक निजी अस्पताल में लाया गया. डीएसपी नीरज को पेट में गोली लगी है जबकि दरोगा को जांघ में. देर रात तक अस्पताल में झारखंड पुलिस के आला अफसरों का तांता लगा रहा. डीजीपी सहित तमाम पुलिस अधिकारी अस्पताल में ही मौजूद रहे. डीजीपी ने दावा किया है कि किसी भी कीमत पर अमन साव गिरोह को बख्शा नहीं जाएगा.
घायलों की स्थिति खतरे से बाहरः अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार घायल डीएसपी नीरज और दारोगा सोनू की स्थिति अब खतरे से बाहर है. डॉक्टरों की टीम ने देर रात ऑपरेशन कर दोनों की गोलियां भी निकाल दी है. उन दोनों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है.
दहशत का दूसरा नाम बना अमनः अमन साव गिरोह की जांच में जुटी पुलिस के समक्ष चौकानें वाले खुलासे हुए हैं. अमन साव के कथित गुर्गे मयंक सिंह के नाम पर फेसबुक पोस्ट कर दहशत फैलायी जाती है. रांची पुलिस और एटीएस ने जब पोस्ट की जांच की तब पाया कि फेसबुक जिस मोबाइल नंबर से एक्टिव है, वह नंबर दुमका जेल की लोकेशन पर सक्रिय है. अमन साव वर्तमान में दुमका जेल में ही बंद है. राज्य पुलिस के आला अधिकारियों को अंदेशा है कि अमन साव के द्वारा खुद इस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
मलेशिया में बैठकर किया जा रहा फोनः पुलिस ने अमन साव और मयंक सिंह के नाम पर आने वाले इंटरनेट कॉल की जांच की, तब यह पाया गया है कि सभी कॉल मलेशिया से किए जा रहे हैं. पुलिस को अंदेशा है कि गिरोह का कोई सदस्य विदेश में बैठा है, जो वहां से सिर्फ फोन कर धमकाने का काम करता है. पुलिस कई नंबरों की आईएमआई जांच के बाद मलेशिया से फोन किए जाने के नतीजे पर पुलिस पहुंची है. पुलिस ने अमन साव और मयंक सिंह के नाम पर आने वाले फोन के पोर्ट व आईएमआई की जांच कर मिलान की, तब यह पाया कि एक ही आईएमआई नंबर से कई नंबर सक्रिय हैं. नामकुम में बीते दिनों कारोबारी विक्रम शर्मा से भी 50 लाख की रंगदारी अमन साव गिरोह ने मांगी थी. इस नंबर का आईएमआई व दुमका जेल के लोकेशन पर सक्रिय मोबाइल फोन का आईएमआई और पोर्ट का मिलान हुआ है.