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ईडी की जांच में खुलासाः हवाला कारोबारियों ने चार बैंकों के खाते से ही खपा दिए वीरेंद्र राम के 121 करोड़ की ब्लैक मनी

मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी ने बड़ा और अहम खुलासा किया है. ईडी की जांच में ये बात सामने आई है कि हवाला कारोबारियों ने सिर्फ चार बैंकों के खाते से ही निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 121 करोड़ की ब्लैक मनी को खपा दिया.

hawala businessmen spent black money of suspended engineer Virendra Ram in Jharkhand
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Published : Jul 16, 2023, 11:10 AM IST

रांचीः झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विकास कि निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के पास 100 करोड़ से ज्यादा की काली कमाई की थी. काली कमाई को खपाने के लिए दिल्ली के हवाला कारोबारी विभिन्न बैंकों का इस्तेमाल करते थे. ईडी की जांच में जो बात सामने आई है, उसके अनुसार बीरेंद्र राम के 121 करोड़ रुपए मात्र 4 बैंकों के जरिए ही हवाला कारोबारियों ने खपा दिए.

इसे भी पढ़ें- Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने हरीश यादव को किया गिरफ्तार, 121.83 करोड़ के ट्रांजेक्शन में थी अहम भूमिका

चार बैंक के खातों से 121 करोड़ ट्रांसफरः झारखंड के ग्रामीण कार्य विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 121 करोड़ खपाने और राम के रिश्तेदारों में पैसे ट्रांसफर किए जाने के लिए सिर्फ चार बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ था. ईडी ने हवाला कारोबारी हरीश यादव की गिरफ्तारी के बाद पीएमएलए कोर्ट को जानकारी दी है. ईडी ने कोर्ट में यह बताया है कि वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के खाते में मेसर्स ओयकूल टेक्नोलॉजी से पैसे डाले गए थे. इसके अलावा सचिन गुप्ता के नाम से खोले गए फर्जी कंपनियों श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स, मेसर्स अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स और मेसर्स ओम ट्रेडर्स के खातों से मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी.तीन फर्जी कंपनियां तारा चंद ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोली थी. पूर्व में गिरफ्तार हो चुके ताराचंद और नीरज मित्तल ने इन बैंक खातों के जरिए 121 करोड़ ट्रांसफर किए थे.

हरीश यादव को दिए गए थे ओटीपी व खाते में ट्रांसफर के लिए दो फोनः ईडी ने जांच में पाया है कि हरीश यादव ही सारे बैंक खातों को हैंडल किया करता था. इसके लिए नीरज मित्तल ने हरीश को दो मोबाइल फोन दिए थे. ट्रांजेक्शन से जुड़े ओटीपी उन्हीं नंबरों पर आते थे. इस मोबाइल के चैट डिटेल्स भी ईडी ने जांच के क्रम में हासिल किया है. ईडी ने जांच में पाया है कि हरीश यादव ने ताराचंद के कहने पर सीए मुकेश मित्तल के ड्राइवर के बेटे मनीष के खाते में 10 लाख डलवाए थे. इसके बदले उसे महज 2 हजार का कमीशन मिला था. बाद में मुकेश मित्तल ने ये पैसे गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर कराए थे.

राम प्रकाश भाटिया से लेता था कैशः गिरफ्तारी के बाद हरीश यादव ने बताया है कि वह राम प्रकाश भाटिया से कैश राशि लेता था. दस बार से अधिक कैश में उसने राशि ली. इसके बाद उतनी ही राशि वह बैंक खातों में ट्रांसफर करता था. हरीश ने स्वीकारा है कि वह कमीशन लेकर खातों में पैसे डालता था. आरोपी के पास से इडी ने सारे तथ्य हासिल किए है. ईडी ने यह भी लिखा है कि मनी लॉन्ड्रिंग की चेन में हरीश यादव अहम कड़ी है. मनी लॉन्ड्रिंग में सहभागिता के बाद ही आरोपियों ने घूस के पैसों से अचल संपत्ति में बड़ा निवेश किया.

अब एसीबी भी दर्ज करेगी एफआईआरः झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ अब एसीबी में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और प्रिवेंशन आफ करप्शन (पीसी) एक्ट की संगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. वीरेंद्र राम के पैतृक विभाग जल संसाधन विभाग ने ईडी के द्वारा राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इस संचिका पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी अनुमोदन प्राप्त हुआ है. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद जल संसाधन विभाग ने वीरेंद्र राम पर केस दर्ज करने संबंधी पत्र मंत्रिमंडल, निगरानी व सचिवालय विभाग को भेज दिया है. विभाग के द्वारा एसीबी को पत्र भेजे जाने के बाद वीरेंद्र राम पर एसीबी थाना में केस दर्ज कर लिया जाएगा.

बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में वीरेंद्र राम को गिरफ्तार करने के बाद जांच में आए तथ्यों को पीएमएलए 66 के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार को अवगत कराया था. इससे पहले ईडी के पत्र के बाद विधि विभाग ने वीरेंद्र राम पर एफआईआर दर्ज करने की सहमति दी है.

रांचीः झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विकास कि निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के पास 100 करोड़ से ज्यादा की काली कमाई की थी. काली कमाई को खपाने के लिए दिल्ली के हवाला कारोबारी विभिन्न बैंकों का इस्तेमाल करते थे. ईडी की जांच में जो बात सामने आई है, उसके अनुसार बीरेंद्र राम के 121 करोड़ रुपए मात्र 4 बैंकों के जरिए ही हवाला कारोबारियों ने खपा दिए.

इसे भी पढ़ें- Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने हरीश यादव को किया गिरफ्तार, 121.83 करोड़ के ट्रांजेक्शन में थी अहम भूमिका

चार बैंक के खातों से 121 करोड़ ट्रांसफरः झारखंड के ग्रामीण कार्य विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 121 करोड़ खपाने और राम के रिश्तेदारों में पैसे ट्रांसफर किए जाने के लिए सिर्फ चार बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ था. ईडी ने हवाला कारोबारी हरीश यादव की गिरफ्तारी के बाद पीएमएलए कोर्ट को जानकारी दी है. ईडी ने कोर्ट में यह बताया है कि वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के खाते में मेसर्स ओयकूल टेक्नोलॉजी से पैसे डाले गए थे. इसके अलावा सचिन गुप्ता के नाम से खोले गए फर्जी कंपनियों श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स, मेसर्स अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स और मेसर्स ओम ट्रेडर्स के खातों से मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी.तीन फर्जी कंपनियां तारा चंद ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोली थी. पूर्व में गिरफ्तार हो चुके ताराचंद और नीरज मित्तल ने इन बैंक खातों के जरिए 121 करोड़ ट्रांसफर किए थे.

हरीश यादव को दिए गए थे ओटीपी व खाते में ट्रांसफर के लिए दो फोनः ईडी ने जांच में पाया है कि हरीश यादव ही सारे बैंक खातों को हैंडल किया करता था. इसके लिए नीरज मित्तल ने हरीश को दो मोबाइल फोन दिए थे. ट्रांजेक्शन से जुड़े ओटीपी उन्हीं नंबरों पर आते थे. इस मोबाइल के चैट डिटेल्स भी ईडी ने जांच के क्रम में हासिल किया है. ईडी ने जांच में पाया है कि हरीश यादव ने ताराचंद के कहने पर सीए मुकेश मित्तल के ड्राइवर के बेटे मनीष के खाते में 10 लाख डलवाए थे. इसके बदले उसे महज 2 हजार का कमीशन मिला था. बाद में मुकेश मित्तल ने ये पैसे गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर कराए थे.

राम प्रकाश भाटिया से लेता था कैशः गिरफ्तारी के बाद हरीश यादव ने बताया है कि वह राम प्रकाश भाटिया से कैश राशि लेता था. दस बार से अधिक कैश में उसने राशि ली. इसके बाद उतनी ही राशि वह बैंक खातों में ट्रांसफर करता था. हरीश ने स्वीकारा है कि वह कमीशन लेकर खातों में पैसे डालता था. आरोपी के पास से इडी ने सारे तथ्य हासिल किए है. ईडी ने यह भी लिखा है कि मनी लॉन्ड्रिंग की चेन में हरीश यादव अहम कड़ी है. मनी लॉन्ड्रिंग में सहभागिता के बाद ही आरोपियों ने घूस के पैसों से अचल संपत्ति में बड़ा निवेश किया.

अब एसीबी भी दर्ज करेगी एफआईआरः झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के खिलाफ अब एसीबी में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और प्रिवेंशन आफ करप्शन (पीसी) एक्ट की संगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. वीरेंद्र राम के पैतृक विभाग जल संसाधन विभाग ने ईडी के द्वारा राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इस संचिका पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी अनुमोदन प्राप्त हुआ है. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद जल संसाधन विभाग ने वीरेंद्र राम पर केस दर्ज करने संबंधी पत्र मंत्रिमंडल, निगरानी व सचिवालय विभाग को भेज दिया है. विभाग के द्वारा एसीबी को पत्र भेजे जाने के बाद वीरेंद्र राम पर एसीबी थाना में केस दर्ज कर लिया जाएगा.

बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में वीरेंद्र राम को गिरफ्तार करने के बाद जांच में आए तथ्यों को पीएमएलए 66 के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार को अवगत कराया था. इससे पहले ईडी के पत्र के बाद विधि विभाग ने वीरेंद्र राम पर एफआईआर दर्ज करने की सहमति दी है.

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