रांची: झारखंड में बिजली चोरी रोकने के लिए तेजी से प्रीपेड स्मार्ट मीटर झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम द्वारा लगाया जा रहा है. रांची के कई इलाकों में स्मार्ट मीटर लगा भी दिए गए हैं. ऐसे में अब कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी CPM ने स्मार्ट मीटर को जनविरोधी बताते हुए इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई की घोषणा कर दी है.
ये भी पढ़ें: गाजा में शांति बहाली को लेकर यूनाइटेड नेशन के प्रस्ताव पर भारत की अनुपस्थिति शर्मनाक: वृंदा करात
सीपीएम के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने बिजली विभाग को पूरी तरह निजी हाथों में सौंप देने का षड्यंत्र करार दिया है. उन्होंने कहा कि पूरे नवंबर महीने में जोरदार आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी वामदलों का मोर्चा भी बनाया जाएगा. सीपीएम नेता प्रकाश विप्लव ने कहा कि राज्य में स्मार्ट मीटर का सबसे ज्यादा नुकसान आम उपभोक्ताओं को हो रहा है. झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम द्वारा लगाए जा रहे प्रीपेड स्मार्ट मीटर सत्यापित नहीं हैं. लिहाजा उपभोक्ताओं को उपभोग से अधिक का बिल आ रहा है. यह सुरक्षित भी नहीं है ऐसी संभावना भी व्यक्त की जा रही है.
रांची रेलवे स्टेशन पर सीपीएम का प्रदर्शन: सीपीएम के प्रदेश सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण के खिलाफ सीपीएम रांची रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करेगा. जिसमें स्मार्ट बिजली मीटर का मुद्दा भी रहेगा. पार्टी के राज्य सचिव ने कहा कि हम सब प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार बिजली को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपना चाहती है. उन्होंने कहा कि एक और आपत्ति यह है कि झारखंड में सरकार 100 यूनिट तक के बिजली का बिल माफ करती है. ऐसे में प्री पेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद उन गरीब उपभोक्ताओं का क्या होगा यह बड़ा सवाल है.
माकपा नेता ने कहा कि गरीब और छोटे छोटे उपभोक्ताओं द्वारा एक और दो बल्ब जलाने से बिजली चोरी नहीं होती बल्कि बड़े बड़े भ्रष्टाचारी अधिकारियों की मिलीभगत से की जाती है. उन्होंने कहा कि जल्द कुसई स्थित बिजली विभाग के मुख्यालय का भी घेराव किया जाएगा. सीपीएम की योजना जनसरोकार के इस मुद्दे को जनता के समर्थन से आंदोलन के रूप में चलाने की है.