रांचीः सीपीआईएम कार्यलय में पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने विधानसभा चुनाव को लेकर 15 प्रत्याशियों के नाम की सूची जारी की. इसके साथ ही पार्टी ने विधआनसभा चुनाव के लिए संकल्प पत्र जारी किया है, जिसमें धनबार से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और पूर्व मंत्री निजामुद्दीन अंसारी को पार्टी वर्तमान विधायक राजकुमार यादव देंगे टक्कर. संकल्प पत्र में सीएनटी एसपीटी एक्ट विधेयक में संशोधन, आदिवासी समेत अन्य कमजोर लोगों के भूमि सुधार अधिकार अधिनियम और आरक्षण सहित कई मुद्दों को लेकर बात कही गई.
एनआरसी को चुनाव में बनाया जा रहा मुद्दा
सीपीआईएम के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि एनआरसी के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी सिर्फ चुनाव में उन्माद पैदा करना चाहती है. क्योंकि एनआरसी आंतरिक मुद्दा नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है. अगर सरकार को लगता है कि बांग्लादेश से आकर भारत में लोग रह रहे हैं, तो सरकार को बांग्लादेश सरकार से बात करनी चाहिए. भारत सरकार जिस 1951 के जमीन के कागज के आधार पर एनआरसी नियम लागू करना चाहती है, यह बिल्कुल गलत है. 1956 में ही जमींदारी उन्मूलन और न्यूनतम भूमि सुधार लागू किया गया था. तो ऐसे में एनआरसी को लागू करना निश्चित रूप से बीजेपी का चुनावी मुद्दा है.
सरयू राय को बीजेपी से होना चाहिए अलग
राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि अब सरयू राय को रघुवर दास के खिलाफ नहीं बल्कि पूरे बीजेपी से अलग होकर मजबूती से खड़ा होने की जरूरत है. अगर उनके पास बीजेपी के भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई सबूत है तो उसे सामने लाने ली जरूरत है. अब जनता को बीजेपी की सच्चाई से रूबरू करवाना चाहिए.
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रघुवर सरकार ने 5 सालों में किया भ्रष्टाचार
वहीं, उन्होंने बीजेपी पर तीखे तंज कसते हुए कहा कि जो बीजेपी डर, भूख और भ्रष्टाचार को मिटाने की बात करती थी. वही, पिछले 5 सालों में मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं में शामिल है. रघुवर सरकार भय, भूख और भ्रष्टाचार से भरी हुई सरकार है. इसके साथ ही उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि जिस प्रकार हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ लोग सामने आए हैं, उसी प्रकार झारखंड में ज्यादा से ज्यादा लोग रघुवर सरकार को सत्ता से हटाने का काम करेंगे.