रांची: सीपीआईएम की बैठक में शामिल होने पहुंची पूर्व सांसद सह माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात बुधवार को रांची पहुंची. जहां पर उन्होंने राज्य के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने मणिपुर हिंसा पर चिंता जाहिर की और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 13 मई को मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी. आज दो माह बीतने के बावजूद मणिपुर में हिंसा जारी है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार मणिपुर में स्थिति पर काबू पाने में पूरी तरह से विफल रही है.
मणिपुर हिंसा के लिए भाजपा सरकार को बताया जिम्मेदारः बृंदा करात ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तो हालात पर अपना मुंह तक नहीं खोला है. गृहमंत्री अमित शाह ने हिंसा शुरू होने के पूरे 26 दिन बाद वहां का दौरा किया था, लेकिन स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ. उनके द्वारा दिल्ली में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का भी कोई परिणाम नहीं निकला है. क्योंकि मोदी सरकार ने राज्य के भाजपाई मुख्यमंत्री को हटाने से इनकार कर दिया है.
समान नागरिक संहिता लागू करना जरूरी नहींः समान नागरिक संहिता पर बृंदा करात ने कहा कि पिछले विधि आयोग ने भी इस प्रकार की कसरत की थी और उसके नतीजे में वर्ष 2018 में आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि नागरिक संहिता न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है. अब भाजपा सरकार के इशारे पर फिर से कसरत शुरू हो गई है, लेकिन भाजपा जिस सोच से इस कानून को लागू करना चाह रही है, वह गलत है.
विपक्षी एकता का किया समर्थनः उन्होंने विपक्षी एकता के प्रयासों का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों को जनता के तेजी से बिगड़ते आजीविका के हालात के मुद्दों पर देशव्यापी संयुक्त आंदोलन करना चाहिए, ताकि जनता को उनका हक मिल सके और भाजपा की गलत सोच के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिल सके.
सीपीआई की बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारी पर चर्चाः उन्होंने कहा कि सीपीआई की रांची में हुई बैठक में लोकसभा चुनाव के सबंध में भी चर्चा हुई. जल्द ही माकपा चिन्हित सीटों की घोषणा करेगी. साथ ही झारखंड के वाम और अन्य धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से बातचीत भी की जाएगी.