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विधानसभा चुनाव को लेकर वाम दल ने भी कसी कमर, वृंदा करात ने की बैठक

विधानसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड में सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में वाम दल ने भी विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी है. सीपीआईएम की पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने अपने नेताओं के साथ बैठक कर कई दिशा निर्देश भी दिए.

वरिष्ठ नेता वृंदा करात
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Published : Aug 18, 2019, 8:21 PM IST

रांची: सीपीआईएम की पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने अपने नेताओं के साथ बैठक के बाद वृंदा करात ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि जिस तरह से भाजपा लगातार तानाशाही रूप आजमा रही है. यह निश्चित रूप से सरकार पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है. वहीं वृंदा करात ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है, जिसकी वाम दल घोर निंदा करती है.

जानकारी देती वरिष्ठ नेता वृंदा करात


उन्होंने सीबीएसई में पढ़ रहे एससी, एसटी स्टूडेंट के लिए 3 गुना फीस बढ़ा दिए जाने को लेकर विरोध जताया तो वहीं उन्होंने किसानों और मजदूरों पर बढ़ रही आर्थिक बोझ को लेकर भी सरकार की कार्यशैली की निंदा की. उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर की नौकिरियों में हो रहे छटनी को लेकर बेरोजगारी और आर्थिक संकट पर भी सरकार को घेरने की कोशिश की.
वृंदा करात ने झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर खुलासा करते हुए कहा कि सीपीआईएम अपनी मजबूत सीटों पर निश्चित रूप से अपने प्रत्याशी खड़ी करेगी, वहीं अन्य वाम दलों के मजबूत सीटों पर सीपीआईएम का समर्थन रहेगा.


कांग्रेस पर भी टिप्पणी करते हुए वृंदा करात ने बताया कि कांग्रेस अभी लगातार कई परेशानियों से जूझ रहा है जो निश्चित रूप से उनकी विचारधारा पर सवाल खड़ा करता है. हालांकि आगामी विधानसभा में जेएमएम और कांग्रेस का क्या रुख होगा यह देखने के बाद ही पार्टी महागठबंधन को लेकर फैसला लेगी,लेकिन वाम दल अपने मजबूत सीटों पर प्रत्याशियों की दावेदारी जरूर पेश करेगी.

ये भी देखें- बेटे की हत्या मामले में फरार पिता गिरफ्तार, भेजा गया जेल


वहीं,उन्होंने सीटों की संख्या को लेकर कहा कि जल्द ही वाम दल के साथ बैठक करने के बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा कि सीपीआईएम और अन्य वाम दल कितने सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेंगे.


बता दें कि जिस तरह से कुछ दिन पहले लोकसभा में आखिरी मौके पर महागठबंधन में वाम दल को मुंह की खानी पड़ी थी, वैसे समय से बचने के लिए वाम दल अभी से ही चुनाव की तैयारी में जुट गई है, ताकि अंतिम समय में किसी तरह के निर्णय लेने में कोई परेशानी न हो. इस मौके पर वृंदा करात के साथ सीपीआईएम के राज्य सचिव गोपी कांत बक्शी, प्रकाश कुमार सहित सीपीआईएम के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.

रांची: सीपीआईएम की पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने अपने नेताओं के साथ बैठक के बाद वृंदा करात ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि जिस तरह से भाजपा लगातार तानाशाही रूप आजमा रही है. यह निश्चित रूप से सरकार पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है. वहीं वृंदा करात ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है, जिसकी वाम दल घोर निंदा करती है.

जानकारी देती वरिष्ठ नेता वृंदा करात


उन्होंने सीबीएसई में पढ़ रहे एससी, एसटी स्टूडेंट के लिए 3 गुना फीस बढ़ा दिए जाने को लेकर विरोध जताया तो वहीं उन्होंने किसानों और मजदूरों पर बढ़ रही आर्थिक बोझ को लेकर भी सरकार की कार्यशैली की निंदा की. उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर की नौकिरियों में हो रहे छटनी को लेकर बेरोजगारी और आर्थिक संकट पर भी सरकार को घेरने की कोशिश की.
वृंदा करात ने झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर खुलासा करते हुए कहा कि सीपीआईएम अपनी मजबूत सीटों पर निश्चित रूप से अपने प्रत्याशी खड़ी करेगी, वहीं अन्य वाम दलों के मजबूत सीटों पर सीपीआईएम का समर्थन रहेगा.


कांग्रेस पर भी टिप्पणी करते हुए वृंदा करात ने बताया कि कांग्रेस अभी लगातार कई परेशानियों से जूझ रहा है जो निश्चित रूप से उनकी विचारधारा पर सवाल खड़ा करता है. हालांकि आगामी विधानसभा में जेएमएम और कांग्रेस का क्या रुख होगा यह देखने के बाद ही पार्टी महागठबंधन को लेकर फैसला लेगी,लेकिन वाम दल अपने मजबूत सीटों पर प्रत्याशियों की दावेदारी जरूर पेश करेगी.

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वहीं,उन्होंने सीटों की संख्या को लेकर कहा कि जल्द ही वाम दल के साथ बैठक करने के बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा कि सीपीआईएम और अन्य वाम दल कितने सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेंगे.


बता दें कि जिस तरह से कुछ दिन पहले लोकसभा में आखिरी मौके पर महागठबंधन में वाम दल को मुंह की खानी पड़ी थी, वैसे समय से बचने के लिए वाम दल अभी से ही चुनाव की तैयारी में जुट गई है, ताकि अंतिम समय में किसी तरह के निर्णय लेने में कोई परेशानी न हो. इस मौके पर वृंदा करात के साथ सीपीआईएम के राज्य सचिव गोपी कांत बक्शी, प्रकाश कुमार सहित सीपीआईएम के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.

Intro:आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड मैं सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है।

इसी को लेकर वाम दल ने भी आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी है। सीपीआईएम की पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने अपने नेताओं के साथ बैठक कर कई दिशा निर्देश भी दिए ।




Body:बैठक के बाद वृंदा करात ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि जिस प्रकार से भाजपा लगातार तानाशाही रूप आजमा रही है यह निश्चित रूप से सरकार पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

वृंदा करात ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाने को लेकर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है, जिसकी वाम दल घोर निंदा करती है।

सीबीएसई में पढ़ रहे एससी एसटी स्टूडेंट के लिए 3 गुना फीस बढ़ा दिए जाने को लेकर विरोध जताया तो वहीं उन्होंने किसानों और मजदूरों पर बढ़ रही आर्थिक बोझ को लेकर भी सरकार के कार्यशैली की निंदा की।वहीं उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर की नौकिरियों में हो रहे छटनी को लेकर बेरोजगारी और आर्थिक संकट पर भी सरकार को घेरने का काम किया।


वृंदा करात ने झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर खुलासा करते हुए कहा कि सीपीआईएम अपने मजबूत सीटों पर निश्चित रूप से अपने प्रत्याशी खड़े करेगी वहीं अन्य वाम दलों के मजबूत सीटों पर सीपीआईएम का समर्थन रहेगा।

कांग्रेस पर भी टिप्पणी करते हुए बृंदा करात ने बताया कि कांग्रेस अभी लगातार कई परेशानियों से जूझ रहा है जो निश्चित रूप से उनकी विचारधारा पल सवाल खड़ा करता है, हालांकि आगामी विधानसभा में जेएमएम और कांग्रेस का क्या रुख होगा यह देखने के बाद ही पार्टी महागठबंधन को लेकर फैसला लेगी लेकिन वाम दल अपने मजबूत सीटों पर प्रत्याशियों की दावेदारी जरूर पेश करेगी।

वहीं उन्होंने सीटों की संख्या को लेकर कहा कि जल्द ही वाम दल के साथ बैठक करने के बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा कि सीपीआई(एम) और अन्य वाम दल कितने सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेंगे।









Conclusion:गौरतलब है कि जिस प्रकार से कुछ दिन पूर्व लोकसभा में आखिरी मौके पर महागठबंधन में वाम दल को मुंह की खानी पड़ी थी वैसे समय से बचने के लिए वाम दल अभी से ही चुनाव की तैयारी में जुट गई है ताकि अंतिम समय में किसी तरह की निर्णय लेने में कोई परेशानी ना हो।

इस मौके पर वृंदा करात के साथ सीपीआईएम के राज्य सचिव गोपी कांत बक्शी, प्रकाश कुमार सहित सीपीआईएम के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

आपको बता दें कि यहां पर सीपीआईएम प्रदेश कार्यालय में बैठक करने के बाद वृंदा करात बोकारो के नेताओं के साथ भी आगामी चुनाव को लेकर बैठक करेगी।

बाइट-वृंदा करात,पूर्व राज्यसभा सांसद व सीपीआई(एम) की वरिष्ठ नेता।
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