रांचीः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजभवन के समक्ष किसानों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया. राजभवन के समक्ष सीपीआई की ओर से धरना की शुरुआत "हक की लड़ाई गीत गाकर किया गया. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सह पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने अवाम से आह्वान किया कि किसानों के आंदोलन को भरपूर समर्थन दें और अपने अन्नदाताओं की हिफाजत करें. उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा के लोग किसानों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
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भाकपा राष्ट्रीय समिति सदस्य केडी सिंह ने किसान आंदोलन के बारे में कहा कि किसानों की लड़ाई आज पूरे देश की लड़ाई बन चुकी है. फिर भी केन्द्र सरकार अड़ियल रुख अपनाए हुए है. राज्य कार्यकारिणी सदस्य शशि कुमार ने केंद्र सरकार को धमकी दी और कहा कि अगर खेती से संबंधित काले कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है तो हम सड़क और रेल जाम करेंगे और जेल भरेंगे. उससे भी सरकार नहीं मानी तो हम झारखंड से खनिज राज्य से बाहर नहीं जाने देंगे.
कई लोगों ने विचार व्यक्त किए
सीपीएम नेता प्रकाश विप्लव ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को पंजाब-हरियाणा के किसानों का आंदोलन है. इस तरह का भ्रम इसलिए फैलाया जा रहा है, क्योंकि नरेंद्र मोदी और उसकी सरकार इसमें फंस चुके हैं. वहीं भाकपा नेता उमेश नज़ीर ने कहा कि पूंजीवादी और सांप्रदायिक ताकतें मिलकर किसानों को हराने में जुटी हैं.
इस मौके पर भाकपा नेता गणेश महतो, मजदूर नेता अशोक यादव, फरज़ाना फ़ारूक़ी, लालदेव सिंह, इसहाक अंसारी, केवला उरांव, बन्धन उरांव,सच्चिदानंद मिश्र, पुरन्दर महतो, रशीदी, अजय कुमार सिंह, उमेश नज़ीर, लोकेश आनन्द सहित कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए. सभा की अध्यक्षता पीके पांडेय ने की और धन्यवाद ज्ञापन आदिवासी नेता प्रफुल्ल लिंडा ने किया.