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हेमंत ने तबरेज की मौत पर उठाए सवाल, सीपी सिंह ने कहा- चोर था तबरेज कारगिल का सिपाही नहीं

सरायकेला-खरसावां में तबरेज अंसारी की कथित मॉब लिंचिंग से हुई मौत मामले में प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. डॉक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार तबरेज की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. इस मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा, वहीं सीपी सिंह ने कहा कि तबरेज की मौत दुखद है लेकिन विपक्ष महिमामंडन न करें.

हेमंत ने तबरेज की मौत पर उठाए सवाल
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Published : Sep 13, 2019, 9:19 PM IST

Updated : Sep 13, 2019, 9:56 PM IST

रांची: झारखंड के सियासत में तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस घमासान के बीच राज्य के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने सरायकेला खरसावां में तबरेज की कथित भीड़ से पिटाई के बाद हुई मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सीपी सिंह के अनुसार तबरेज एक चोर था ना कि सीमा पर शहीद हुआ कोई जवान.

हेमंत ने तबरेज की मौत पर उठाए सवाल

हेमंत ने साधा निशाना
वहीं, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने तबरेज मामले कल लेकर कहा कि उनके कार्यकाल में कभी मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई. बीजेपी के शासन काल में इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही है, इस पर सरकार को विचार करना चाहिए. हेमंत सोरेन के अनुसार झारखंड में तबरेज अंसारी का ही एकमात्र मामला नहीं है यहां पलामू के सतबरवा में भी 12 निर्दोष लोगों को नक्सली बताकर मार दिया गया था, जबकि नकली नक्सली बनाकर युवाओं को जेल भेजने का काम भी किया गया था. हेमंत ने झारखंड के पूर्व डीजीपी पर पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व डीजीपी झारखंड को नक्सल मुक्त घोषित करने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम करने वाले थे, लेकिन उसके ठीक एक दिन पहले चाईबासा में एक बड़ी वारदात हो गई, जिसकी वजह से वह कार्यक्रम टाल दिया गया था.

मौत दुखद लेकिन महिमा मंडित न करें
तबरेज अंसारी की मौत के मामले में सरायकेला-खरसावां पुलिस ने 13 नामजद आरोपियों में 11 के खिलाफ 29 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन तीन दिन पहले इन 11 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत लगाए गए हत्या के आरोप को हटा लिया गया है और वे अब आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मुकदमे का सामना करेंगे.

इसे भी पढ़ें:- तबरेज मॉब लिंचिंग: सभी आरोपियों को क्लीन चिट, पुलिस ने कहा- हार्ट अटैक से हुई मौत

इस मामले को लेकर लगातार पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है. पुलिस को निशाना बनाया जाने के सवाल पर ही जब झारखंड के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि तबरेज की मौत दुखद है, लेकिन उसे महिमामंडित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तबरेज कोई कारगिल का शहीद सिपाही नहीं बल्कि एक शातिर चोर था. सीपी सिंह के अनुसार तबरेज के पिता भी मेरी जानकारी के अनुसार चोरी के धंधे में ही थे और उनकी भी हत्या हुई थी. उन्होंने कहा कि इस मामले में सिर्फ एक ही दुखद पहलू यह है कि आम लोगों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था.

कौन था तबरेज
तबरेज अंसारी पुणे में एक मजदूर और वेल्डर के तौर पर काम करता था. वह ईद मनाने के लिए घर आया था.17 जून 2019 की रात मोटरसाइकिल चुराने के संदेह में सरायकेला खरसावां के धतकीडीह गांव के लोगों ने उसे पकड़ लिया. भीड़ ने अंसारी को एक खंभे से बांध दिया और उसे डंडों और लोहे की सरिया से पीटा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. तबरेज अंसारी की 22 जून को मौत हो गई. तबरेज की मौत मामले में पुलिस ने कुल 13 लोगों को नामजद किया था.

रांची: झारखंड के सियासत में तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस घमासान के बीच राज्य के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने सरायकेला खरसावां में तबरेज की कथित भीड़ से पिटाई के बाद हुई मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सीपी सिंह के अनुसार तबरेज एक चोर था ना कि सीमा पर शहीद हुआ कोई जवान.

हेमंत ने तबरेज की मौत पर उठाए सवाल

हेमंत ने साधा निशाना
वहीं, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने तबरेज मामले कल लेकर कहा कि उनके कार्यकाल में कभी मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई. बीजेपी के शासन काल में इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही है, इस पर सरकार को विचार करना चाहिए. हेमंत सोरेन के अनुसार झारखंड में तबरेज अंसारी का ही एकमात्र मामला नहीं है यहां पलामू के सतबरवा में भी 12 निर्दोष लोगों को नक्सली बताकर मार दिया गया था, जबकि नकली नक्सली बनाकर युवाओं को जेल भेजने का काम भी किया गया था. हेमंत ने झारखंड के पूर्व डीजीपी पर पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व डीजीपी झारखंड को नक्सल मुक्त घोषित करने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम करने वाले थे, लेकिन उसके ठीक एक दिन पहले चाईबासा में एक बड़ी वारदात हो गई, जिसकी वजह से वह कार्यक्रम टाल दिया गया था.

मौत दुखद लेकिन महिमा मंडित न करें
तबरेज अंसारी की मौत के मामले में सरायकेला-खरसावां पुलिस ने 13 नामजद आरोपियों में 11 के खिलाफ 29 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन तीन दिन पहले इन 11 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत लगाए गए हत्या के आरोप को हटा लिया गया है और वे अब आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मुकदमे का सामना करेंगे.

इसे भी पढ़ें:- तबरेज मॉब लिंचिंग: सभी आरोपियों को क्लीन चिट, पुलिस ने कहा- हार्ट अटैक से हुई मौत

इस मामले को लेकर लगातार पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है. पुलिस को निशाना बनाया जाने के सवाल पर ही जब झारखंड के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि तबरेज की मौत दुखद है, लेकिन उसे महिमामंडित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तबरेज कोई कारगिल का शहीद सिपाही नहीं बल्कि एक शातिर चोर था. सीपी सिंह के अनुसार तबरेज के पिता भी मेरी जानकारी के अनुसार चोरी के धंधे में ही थे और उनकी भी हत्या हुई थी. उन्होंने कहा कि इस मामले में सिर्फ एक ही दुखद पहलू यह है कि आम लोगों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था.

कौन था तबरेज
तबरेज अंसारी पुणे में एक मजदूर और वेल्डर के तौर पर काम करता था. वह ईद मनाने के लिए घर आया था.17 जून 2019 की रात मोटरसाइकिल चुराने के संदेह में सरायकेला खरसावां के धतकीडीह गांव के लोगों ने उसे पकड़ लिया. भीड़ ने अंसारी को एक खंभे से बांध दिया और उसे डंडों और लोहे की सरिया से पीटा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. तबरेज अंसारी की 22 जून को मौत हो गई. तबरेज की मौत मामले में पुलिस ने कुल 13 लोगों को नामजद किया था.

Intro:बोले रघुवर के मंत्री चोर था तबरेज कारगिल का सिपाही नहीं ,महिमामंडित ना करें उसे

झारखंड के सियासत में तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस घमासान के बीच राज्य के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने सरायकेला खरसावां में तबरेज  की कथित भीड़ से पिटाई के बाद हुई मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सीपी सिंह के अनुसार तबरेज एक चोर था ना की सीमा पर शहीद हुआ कोई जवान।


मौत दुखद लेकिन महिमा मंडित न करे

तबरेज अंसारी के मौत के मामले में सरायकेला-खरसावां  पुलिस ने 13 नामजद आरोपियों में 11 के खिलाफ 29 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन तीन दिन पहले इन 11 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत लगाए गए हत्या के आरोप को हटा लिया गया है और वे अब आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मुकदमे का सामना करेंगे। इस मामले को लेकर लगातार पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस को निशाना बनाया जाने के सवाल पर ही जब झारखंड के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि तबरेज की मौत दुखद है ।लेकिन उसे महिमामंडित नहीं किया जाना चाहिए ।उन्होंने कहा कि तबरेज कोई कारगिल का शहीद सिपाही नहीं बल्कि एक शातिर चोर था ।सीपी सिंह के अनुसार तबरेज के पिता भी मेरी जानकारी के अनुसार चोरी के धंधे में ही थे और उनकी भी हत्या हुई थी।सीपी सिंह के अनुसार इस मामले में सिर्फ एक ही  दुखद पहलू यह है कि आम लोगों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था।

बाइट - सिपी सिंह , मंत्री ,झारखंड सरकार


हेमंत ने साधा निशाना

वही नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने तबरेज मामले कल लेकर कहा की  उनके कार्यकाल में कभी मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई। बीजेपी के शासन काल में इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही है इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। हेमंत सोरेन के अनुसार झारखंड में तबरेज अंसारी का ही एकमात्र मामला नहीं है यहां पलामू के सतबरवा में भी 12 निर्दोष लोगों को नक्सली बताकर मार दिया गया था। जबकि नकली नक्सली बनाकर युवाओं को जेल भेजने का काम भी किया गया था। हेमंत ने झारखंड के पूर्व डीजीपी पर पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व डीजीपी झारखंड को नक्सल मुक्त घोषित करने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम करने वाले थे। लेकिन उसके ठीक एक दिन पहले चाईबासा में एक बड़ी वारदात हो गई। जिसकी वजह से वह कार्यक्रम टाल दिया गया था।

बाइट - हेमंत सोरेन ,पूर्व मुख्यमंत्री ,झारखंड

कौन था तबरेज

तबरेज अंसारी पुणे में एक मजदूर और वेल्डर के तौर पर काम करता था। वह ईद मनाने के लिए घर आया था। 17 जून 2019 की रात  मोटरसाइकिल चुराने की कोशिश के संदेह में सरायकेला खरसावां के धतकीडीह गांव के लोगों ने उसे पकड़ लिया। भीड़ ने अंसारी को एक खंभे से बांध दिया और उसे डंडों तथा लोहे की सरिया से पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।तबरेज अंसारी की 22 जून को मौत हो गई। तबरेज के बाद पुलिस ने इस मामले में कुल 13 लोगों को नामजद किया गया था।



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Last Updated : Sep 13, 2019, 9:56 PM IST
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