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Jharkhand Governor CP Radhakrishnan: सीपी राधाकृष्णन बने झारखंड के नए गवर्नर, रमेश बैस को मिली महाराष्ट्र की जिम्मेदारी

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का गवर्नर बनाया गया है. सीपी राधाकृष्णन को झारखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन झारखंड के 11वें राज्यपाल होंगे.

Jharkhand Governor Ramesh Bais sent to Maharashtra
सीपी राधाकृष्णन को झारखंड का नया राज्यपाल बनाया गया
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Published : Feb 12, 2023, 10:05 AM IST

Updated : Feb 12, 2023, 10:31 AM IST

रांचीः झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस अब महाराष्ट्र के राज्यपाल की भूमिका अदा करेंगे. उनकी जगह सीपी राधाकृष्णन को झारखंड का गवर्नर बनाया गया है. भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति ने रमेश बैस को महाराष्ट्र का गवर्नर मनोनीत किया है.

इसे भी पढ़ें- Governor Returned Finance Bill: राज्यपाल ने सरकार को लौटाया वित्त विधेयक, बीमा के विषय पर विधि विभाग से मंतव्य मांगने का सुझाव

देश की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड के गवर्नर के पद से हटने के बाद रमेश बैस को झारखंड का गवर्नर बनाया गया था. रमेश बैस अपने पूरे कार्यकाल के दौरान कई मसलों को लेकर सुर्खियों में रहे. विधानसभा से पारित कई बिल को अपनी आपत्तियों के साथ लौटाने के अलावा सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग के मंतव्य पर तरह-तरह के बयान की वजह से चर्चा में रहे. सबसे खास बात है कि रमेश बैस अपने पूरे कार्यकाल के दौरान बार-बार कहते रहे कि बेशक वह संवैधानिक पद पर हैं लेकिन उनका सीधा सरोकार जनता से है और जरूरत पड़ेगी तो वह प्रोटोकॉल भी तोड़ेंगे. आपको बता दें कि सीपी राधाकृष्णन कोयंबटूर से दो बार भाजपा के लोकसभा सांसद रह चुके हैं.

बड़ा फेरबदलः बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन झारखंड के 11वें राज्यपाल होंगे. रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फेरबदल करते हुए 13 राज्य के गवर्नर और एलजी में फेरबदल किया. उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर करते हुए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को वहां का नया गवर्नर नियुक्त किया. इसके साथ ही लद्दाख के एलजी राधा कृष्णन माथुर का इस्तीफा मंजूर करते हुए, अरुणाचल के ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा को लद्दाख का नया एलजी नियुक्त किया. इसके अलावा झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का गवर्नर बनाया गया है.

इसके अलावा राष्ट्रपति ने लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल प्रदेश, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम, गुलाब चंद कटारिया को असम, शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ भेजा गया गया है और छत्तीसगढ़ की गवर्नर अनुसुइया उइके को मणिपुर की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. साथ ही मणिपुर के गवर्नर ला गणेशन को नागालैंड का राज्यपाल बनाया गया है.

जानिए, झारखंड के नए राज्यपाल के बारे मेंः सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरूपुर जिला में हुआ था. साधारण परिवार से आने वाले सीपी राधाकृष्णन 16 साल की उम्र से यानी 1973 से आरएसएस और जन संघ से संगठनों से जुड़े रहे. इसके बाद 1998 के कोयम्बटूर बम धमाकों के बाद 1998 और 1999 के आम चुनावों में उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की. 2004 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ अपने संबंधों को समाप्त करने के बाद गठबंधन बनाने पर काम किया.

सीपी राधाकृष्णन ने बाद में 2004 के चुनावों के लिए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के साथ संबंध बनाने के लिए राज्य इकाई के साथ काम किया. 2012 में राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ निष्क्रियता का विरोध करने के लिए मेट्टुपालयम में गिरफ्तारी दी. दक्षिण और तमिलनाडु से भाजपा के सबसे वरिष्ठ और सम्मानित नेताओं में से हैं. 2014 में कोयम्बटूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए भाजपा का उम्मीदवार नामित किया गया और तमिलनाडु की दो बड़ी पार्टी डीएमके और एआईएडीएमके के गठबंधन के बिना, उन्होंने 3 लाख 89 हजार 000 से अधिक मतों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जो तमिलों में सबसे अधिक था.

कोयम्बटूर से 2019 के चुनाव के लिए एक बार फिर से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया. वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं और उन्हें पार्टी के आलाकमान द्वारा केरल भाजपा प्रभारी नियुक्त किया गया था. वो 2016 से 2019 तक अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आता है.

रांचीः झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस अब महाराष्ट्र के राज्यपाल की भूमिका अदा करेंगे. उनकी जगह सीपी राधाकृष्णन को झारखंड का गवर्नर बनाया गया है. भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति ने रमेश बैस को महाराष्ट्र का गवर्नर मनोनीत किया है.

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देश की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड के गवर्नर के पद से हटने के बाद रमेश बैस को झारखंड का गवर्नर बनाया गया था. रमेश बैस अपने पूरे कार्यकाल के दौरान कई मसलों को लेकर सुर्खियों में रहे. विधानसभा से पारित कई बिल को अपनी आपत्तियों के साथ लौटाने के अलावा सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग के मंतव्य पर तरह-तरह के बयान की वजह से चर्चा में रहे. सबसे खास बात है कि रमेश बैस अपने पूरे कार्यकाल के दौरान बार-बार कहते रहे कि बेशक वह संवैधानिक पद पर हैं लेकिन उनका सीधा सरोकार जनता से है और जरूरत पड़ेगी तो वह प्रोटोकॉल भी तोड़ेंगे. आपको बता दें कि सीपी राधाकृष्णन कोयंबटूर से दो बार भाजपा के लोकसभा सांसद रह चुके हैं.

बड़ा फेरबदलः बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन झारखंड के 11वें राज्यपाल होंगे. रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फेरबदल करते हुए 13 राज्य के गवर्नर और एलजी में फेरबदल किया. उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर करते हुए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को वहां का नया गवर्नर नियुक्त किया. इसके साथ ही लद्दाख के एलजी राधा कृष्णन माथुर का इस्तीफा मंजूर करते हुए, अरुणाचल के ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा को लद्दाख का नया एलजी नियुक्त किया. इसके अलावा झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का गवर्नर बनाया गया है.

इसके अलावा राष्ट्रपति ने लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल प्रदेश, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम, गुलाब चंद कटारिया को असम, शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ भेजा गया गया है और छत्तीसगढ़ की गवर्नर अनुसुइया उइके को मणिपुर की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. साथ ही मणिपुर के गवर्नर ला गणेशन को नागालैंड का राज्यपाल बनाया गया है.

जानिए, झारखंड के नए राज्यपाल के बारे मेंः सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरूपुर जिला में हुआ था. साधारण परिवार से आने वाले सीपी राधाकृष्णन 16 साल की उम्र से यानी 1973 से आरएसएस और जन संघ से संगठनों से जुड़े रहे. इसके बाद 1998 के कोयम्बटूर बम धमाकों के बाद 1998 और 1999 के आम चुनावों में उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की. 2004 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ अपने संबंधों को समाप्त करने के बाद गठबंधन बनाने पर काम किया.

सीपी राधाकृष्णन ने बाद में 2004 के चुनावों के लिए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के साथ संबंध बनाने के लिए राज्य इकाई के साथ काम किया. 2012 में राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ निष्क्रियता का विरोध करने के लिए मेट्टुपालयम में गिरफ्तारी दी. दक्षिण और तमिलनाडु से भाजपा के सबसे वरिष्ठ और सम्मानित नेताओं में से हैं. 2014 में कोयम्बटूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए भाजपा का उम्मीदवार नामित किया गया और तमिलनाडु की दो बड़ी पार्टी डीएमके और एआईएडीएमके के गठबंधन के बिना, उन्होंने 3 लाख 89 हजार 000 से अधिक मतों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जो तमिलों में सबसे अधिक था.

कोयम्बटूर से 2019 के चुनाव के लिए एक बार फिर से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया. वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं और उन्हें पार्टी के आलाकमान द्वारा केरल भाजपा प्रभारी नियुक्त किया गया था. वो 2016 से 2019 तक अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आता है.

Last Updated : Feb 12, 2023, 10:31 AM IST
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