रांची: राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मियों की संख्या का आकलन करने में राज्य सरकार जुटी हुई है. इस संदर्भ में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने सभी विभागों से कई बार जानकारी मांगी है, लेकिन कई विभागों की ओर से अब तक जानकारी नहीं उपलब्ध करायी गई है. इस पर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताई है. मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव को लिखे गए पत्र के अनुसार वित्त विभाग द्वारा इन विभागों को कई बार पत्राचार और स्मारित भी किया गया है. इसके बावजूद राज्य सरकार के कई विभागों ने अब तक आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मियों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं करायी है.
इन विभागों ने अब तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं करायी हैः झारखंड विधानसभा, मुख्यमंत्री सचिवालय, खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले का विभाग, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, कल्याण विभाग, विधि विभाग और परिवहन विभाग.
विभाग जिनके अधीनस्थ कार्यालयों की वांछित सूचना अप्राप्त हैः पंचायती राज विभाग, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग.
विभाग और अधीनस्थ कार्यालयों का नाम सहित सूचना की आवश्यकता हैः ऊर्जा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग.
हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही है कवायदः वित्त विभाग के द्वारा जारी पत्र के अनुसार झारखंड उच्च न्यायालय रांची द्वारा आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मियों के संबंध में जारी अंतरिम न्यायादेश के आलोक में सरकार के द्वारा नीतिगत निर्णय लिया जाना है. जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा यह पहल की गई है. इस मामले में सरकार की गंभीरता को देखते हुए सभी विभागों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों से सभी आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मियों के नाम और पूर्ण ब्योरा अविलंब वित्त विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में आउटसोर्सिंग पर दैनिक मजदूरी पर कर्मचारी काम कर रहे हैं. इन कर्मचारियों के 10 वर्ष लगातार सेवाकाल पूरे होने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नियमित करने की प्रक्रिया चल रही है.