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सरकार ने गांवों में शुरू कराई कोरोना जांच अभियान, बगैर उपकरणों के जैसे-तैसे हो रही जांच - थर्मल गन क्या है

झारखंड सरकार कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए गांवों में जांच के लिए मंगलवार से अभियान शुरू किया है. लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त उपकरण नहीं दिए हैं. इससे जांच में दिक्कत आ रही है. पिठोरिया पंचायत में छह आंगनबाड़ी केंद्र हैं पर स्वास्थ्यकर्मियों को दो ही थर्मल गन दी गई है.

Corona testing campaign in villages started Government of Jharkhand but not enough equipment was given to employees
सरकार ने गांवों में शुरू कराई कोरोना जांच अभियान
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Published : May 25, 2021, 9:01 PM IST

रांचीः झारखंड सरकार कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए गांवों में जांच के लिए मंगलवार से अभियान शुरू किया है. कोरोना जांच के लिए शुरू हुआ यह विशेष अभियान 5 जून तक चलेगा. इसके तहत एक लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगे. किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने के बाद उनकी दवा कराई जाएगी और आइसोलेट किया जाएगा. गांव में चलाए जा रहे इस विशेष अभियान का मकसद गांव में संक्रमितों के आंकड़े का पता लगाना है. लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त उपकरण न दिए जाने से योजना पर सवाल उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-झारखंड में रोज 45+ के 50 हजार लोगों को कोरोना का टीका देने का लक्ष्य

राज्य में मंगलवार यानी 25 मई से चलाए जा रहे विशेष कोरोना जांच अभियान में कोरोना फ्रंट वॉरियर्स के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहिया और सखी मंडल की सदस्य को शामिल किया गया है. ये घर-घर जाकर थर्मल गन और ऑक्सीमीटर से तापमान और ऑक्सीजन की जांच कर रहे हैं. लेकिन कांके प्रखंड के पिठोरिया जैसे पंचायत में मात्र दो थर्मल गन कर्मचारियों को मिली है. इससे पंचायतभर के लोगों का तापमान जांच करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है. पंचायत के सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर एक थर्मल गन और ऑक्सीमीटर की आवश्यकता है लेकिन सिर्फ दो थर्मल गन ही पिठौरिया पंचायत में उपलब्ध हो पाई है.

खास बात
बता दें पिठोरिया पंचायत में 6 आंगनबाड़ी केंद्र हैं और प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में एक थर्मल गन और ऑक्सीमीटर दिया जाए तो लोगों का तापमान और ऑक्सीजन लेवल जांचने में मदद मिलेगी.

रांचीः झारखंड सरकार कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए गांवों में जांच के लिए मंगलवार से अभियान शुरू किया है. कोरोना जांच के लिए शुरू हुआ यह विशेष अभियान 5 जून तक चलेगा. इसके तहत एक लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगे. किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने के बाद उनकी दवा कराई जाएगी और आइसोलेट किया जाएगा. गांव में चलाए जा रहे इस विशेष अभियान का मकसद गांव में संक्रमितों के आंकड़े का पता लगाना है. लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त उपकरण न दिए जाने से योजना पर सवाल उठा रहे हैं.

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राज्य में मंगलवार यानी 25 मई से चलाए जा रहे विशेष कोरोना जांच अभियान में कोरोना फ्रंट वॉरियर्स के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहिया और सखी मंडल की सदस्य को शामिल किया गया है. ये घर-घर जाकर थर्मल गन और ऑक्सीमीटर से तापमान और ऑक्सीजन की जांच कर रहे हैं. लेकिन कांके प्रखंड के पिठोरिया जैसे पंचायत में मात्र दो थर्मल गन कर्मचारियों को मिली है. इससे पंचायतभर के लोगों का तापमान जांच करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है. पंचायत के सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर एक थर्मल गन और ऑक्सीमीटर की आवश्यकता है लेकिन सिर्फ दो थर्मल गन ही पिठौरिया पंचायत में उपलब्ध हो पाई है.

खास बात
बता दें पिठोरिया पंचायत में 6 आंगनबाड़ी केंद्र हैं और प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में एक थर्मल गन और ऑक्सीमीटर दिया जाए तो लोगों का तापमान और ऑक्सीजन लेवल जांचने में मदद मिलेगी.

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