रांचीः राजधानी के विभिन्न जगहों पर कोरोना जांच करने वाले सैकड़ों कर्मचारी सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष वेतन की मांग को लेकर घरना पर बैठ गए हैं. धरने पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि जिला प्रशासन और उपायुक्त के निर्देश पर 350 स्वास्थ्यकर्मी वालंटियर के रूप में काम कर रहे हैं, जिनको वेतन नहीं मिल रहा है. वेतन नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गए हैं. विवश होकर आंदोलन करना पड़ा है.
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धरना पर बैठ स्वास्थ्यकर्मियों को बस स्टैंड, एयरपोर्ट, रांची रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर बाहर से आने वाले यात्रियों की कोरोना सैंपल कलेक्ट करने की जिम्मेदारी है. कर्मियों के धरना पर चले जाने की वजह से इन जगहों पर जांच प्रभावित हो गई है. धरना पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि पिछले 8 महीने से सभी कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना जांच कर रहे हैं. लेकिन अधिकतर कर्मियों को तीन माह से वेतन रुका हुआ है. उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिन्हें छह माह से वेतन नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि वेतन नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है.
आंदोलन कर रहे कर्मियों ने कहा कि बकाया वेतन जब तक नहीं मिलेगा, तब तक धरना पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि वेतन की मांग को लेकर सिविल सर्जन से मुलाकत करने की कोशिश की. लेकिन सिविल सर्जन नहीं मिले. इससे मजबूरन धरना पर बैठना पड़ा है.