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12 जिलों में मोबाइल कोरोना जांच की तैयारी में जुटी झारखंड सरकार, 24 घंटे में आएगी आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट

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Published : May 22, 2021, 9:58 PM IST

झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 25 हजार 836 बेड बनाया गया, जिसमें 17565 बेड खाली हैं. यह जानकारी शनिवार को आईईसी के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में दी. उन्होंने कहा कि राज्य के 12 जिलों में मोबाइल वैन के माध्यम से कोरोना जांच की जाएगी और 24 घंटे में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट मुहैया कराई जाएगी.

Corona test will be done through mobile vans in 12 districts
12 जिलों में मोबाइल कोरोना जांच की तैयारी में जुटी झारखंड सरका

रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की संख्या घटने लगी है. इससे कोरोना को लेकर 25 हजार 836 बेड में से 17565 बेड खाली है, जबकि एक सप्ताह पहले स्थिति दूसरी थी. शनिवार को एनएचएम के आईईसी के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में उक्त जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य के 12 जिलों में मोबाइल वैन के माध्यम से कोरोना जांच की जाएगी और 24 घंटे में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट मुहैया कराई जाएगी.

यह भी पढ़ेंःकोरोना की दूसरी लहर ने बढ़ाई छोटे कारोबारियों की परेशानी, कर्ज लेकर घर चला रहे उद्यमी

सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अब नीचे की ओर रहा है. इसके बावजूद हेल्थ डिपार्टमेंट इसे हल्के में नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि आगे कोई और लहर ना आए, इसके लिए प्लानिंग की जा रही है. तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की बात कही जा रही है. इसे लेकर अभी से कार्ययोजना तैयार की जा रही है.

सभी कोविड अस्पतालों में होगा पीडियाट्रिक्स आईसीयू
बच्चों के लिए राज्य के सभी सुरक्षित कोविड अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू और एसएनसीयू बनाया जा रहा है. इसको लेकर जिलों में काम शुरू हो गया है.

गांवों के लिए बनाई जा रही विशेष कार्ययोजना

त्रीपाठी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का फैलाव नहीं हो, इसको लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर कार्ययोजना बनाई जा रही है. गांवों में घर-घर जाकर कोरोना जांच कर हेल्थ सर्वे किया जा रहा है. इस सर्वे के दौरान कोरोना लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेट करने के साथ साथ दवा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर कोविड टास्क फोर्स बीडीओ की अध्यक्षता में बनाई गई है और पंचायत स्तर पर दो टीमें बनाई गई है.

एंटीजेन टेस्ट निगेटिव होने पर कराया जाएगा आरटीपीसीआर
सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि एंटीजन टेस्ट निगेटिव आने के बाद आरटीपीसीआर जांच करने का भी प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि वैसे ग्रामीण जिनके एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आया है और फिर भी कोरोना का लक्षण है, तो आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन मरीजों को पंचायत स्तर पर आइसोलेट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य के 72249 लोगों को होम आइसोलेशन किट उपलब्ध कराया गया है. इसके साथ ही अब तक 21842 ऑडियो कॉल और 8092 वीडियो कॉल से लोगों को सलाह दी गई है.

मोबाइल वैन से टेस्टिंग को लेकर किया जाएगा एमओयू

कोरोना जांच अभियान के नोडल अधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि वर्तमान में राज्य के आठ सरकारी लैब में आरटीपीसीआर से टेस्टिंग की जा रही है. चार जिलों में आउटसोर्स किया गया है. उन्होंने बताया कि सात जिलों में लैब बनाने का काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्राइवेट एजेंसी जीआईपीएम से राज्य के 12 जिलों में मोबाइल वैन से जांच के लिए एमओयू किया जाएागा, जिसमें पॉजिटिविटी मरीजों की संख्या अधिक है. इसमें रांची, धनबाद, गढ़वा, गुमला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, देवघर, लातेहार, साहिबगंज, जामताड़ा, पाकुड़ शामिल है.

रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की संख्या घटने लगी है. इससे कोरोना को लेकर 25 हजार 836 बेड में से 17565 बेड खाली है, जबकि एक सप्ताह पहले स्थिति दूसरी थी. शनिवार को एनएचएम के आईईसी के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में उक्त जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य के 12 जिलों में मोबाइल वैन के माध्यम से कोरोना जांच की जाएगी और 24 घंटे में आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट मुहैया कराई जाएगी.

यह भी पढ़ेंःकोरोना की दूसरी लहर ने बढ़ाई छोटे कारोबारियों की परेशानी, कर्ज लेकर घर चला रहे उद्यमी

सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अब नीचे की ओर रहा है. इसके बावजूद हेल्थ डिपार्टमेंट इसे हल्के में नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि आगे कोई और लहर ना आए, इसके लिए प्लानिंग की जा रही है. तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की बात कही जा रही है. इसे लेकर अभी से कार्ययोजना तैयार की जा रही है.

सभी कोविड अस्पतालों में होगा पीडियाट्रिक्स आईसीयू
बच्चों के लिए राज्य के सभी सुरक्षित कोविड अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू और एसएनसीयू बनाया जा रहा है. इसको लेकर जिलों में काम शुरू हो गया है.

गांवों के लिए बनाई जा रही विशेष कार्ययोजना

त्रीपाठी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का फैलाव नहीं हो, इसको लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर कार्ययोजना बनाई जा रही है. गांवों में घर-घर जाकर कोरोना जांच कर हेल्थ सर्वे किया जा रहा है. इस सर्वे के दौरान कोरोना लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेट करने के साथ साथ दवा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर कोविड टास्क फोर्स बीडीओ की अध्यक्षता में बनाई गई है और पंचायत स्तर पर दो टीमें बनाई गई है.

एंटीजेन टेस्ट निगेटिव होने पर कराया जाएगा आरटीपीसीआर
सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि एंटीजन टेस्ट निगेटिव आने के बाद आरटीपीसीआर जांच करने का भी प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि वैसे ग्रामीण जिनके एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आया है और फिर भी कोरोना का लक्षण है, तो आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन मरीजों को पंचायत स्तर पर आइसोलेट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य के 72249 लोगों को होम आइसोलेशन किट उपलब्ध कराया गया है. इसके साथ ही अब तक 21842 ऑडियो कॉल और 8092 वीडियो कॉल से लोगों को सलाह दी गई है.

मोबाइल वैन से टेस्टिंग को लेकर किया जाएगा एमओयू

कोरोना जांच अभियान के नोडल अधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि वर्तमान में राज्य के आठ सरकारी लैब में आरटीपीसीआर से टेस्टिंग की जा रही है. चार जिलों में आउटसोर्स किया गया है. उन्होंने बताया कि सात जिलों में लैब बनाने का काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्राइवेट एजेंसी जीआईपीएम से राज्य के 12 जिलों में मोबाइल वैन से जांच के लिए एमओयू किया जाएागा, जिसमें पॉजिटिविटी मरीजों की संख्या अधिक है. इसमें रांची, धनबाद, गढ़वा, गुमला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, देवघर, लातेहार, साहिबगंज, जामताड़ा, पाकुड़ शामिल है.

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