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विचाराधीन बंदियों के लिए कोरोना से बचाव की ट्रेनिंग, डालसा और आर्ट ऑफ लिविंग का आयोजन - आर्ट ऑफ लिविंग

जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संयुक्त प्रयास से कोविड-19 से बचाव के लिए तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई. डालसा एवं आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम में बंदियों को योग, प्राणायाम और ध्यान का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

Corona prevention training  in ranchi for undertrial prisoners by art of living
विचाराधीन बंदियों के लिए कोरोना से बचाव की ट्रेनिंग
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Published : Jun 5, 2021, 10:18 PM IST

रांचीः जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संयुक्त प्रयास से कोविड-19 से बचाव के लिए तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई. हाई पाॅवर कमिटी के दिशानिर्देश पर ऐसे विचाराधीन बंदी जो सात वर्ष से कम के सजा वाले मामले में न्यायिक अभिरक्षा में हैं, उन्हें जमानत पर छोड़ने का निर्देश दिया है. ऐसे बंदियों को ट्रेनिंग के माध्यम से कोविड एप्रोप्रिएट विहेवियर के बारे में जानकारी दी जा रही है तथा अपने में रोग निरोधक क्षमता कैसे विकसित किया जाय, इसको लेकर योग, प्रणायाम, ध्यान का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें बताया जा रहा है कि खान-पान और दैनिक जीवन किस तरह का हो कि कोविड काल में लोगों की रोग निरोधक क्षमता उन्नत रहे.

Corona prevention training  in ranchi for undertrial prisoners by art of living
विचाराधीन बंदियों के लिए कोरोना से बचाव की ट्रेनिंग
ये भी पढ़ें-झारखंड में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर गरमाई राजनीति, भाजपा ने कहा-चल रहा तबादल उद्योगकार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची परिसर में प्रभारी प्रधान न्यायायुक्त आशुतोष शशि, डालसा सचिव अभिषेक कुमार एवं आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक-सह-एक्सपर्ट मीडिएशन डालसा ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया. प्रभारी प्रधान न्यायायुक्त आशुतोष शशि ने अपने संबोधन भाषण में कहा कि उच्च न्यायालय झारखण्ड के दिशा निर्देश पर गठित हाई पाॅवर कमेटी की ओर से सात वर्ष से कम सजा वाले बंदियों को अपबंधित रूप से संबंधित न्यायालय द्वारा उनके आवेदन पर विचार करने के बाद छोड़ा जाएगा. ऐसे बंदी जो बाहर जाएंगे, उनके लिए इस प्रकार का प्रशिक्षण देकर न केवल कोविड महामारी से बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि वैसे लोग प्रशिक्षण पाकर तनावमुक्त एवं स्वस्थ जीवन जीने में सफल होंगे.
Corona prevention training  in ranchi for undertrial prisoners by art of living
विचाराधीन बंदियों के लिए कोरोना से बचाव की ट्रेनिंग
स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणाजिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव अभिषेक प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित होने से बंदियों को स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है. आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक तथा डालसा के एक्सपर्ट मीडिएशन पंचानन सिंह ने कहा कि इसके पूर्व भी बंदियों को कई बार प्रशिक्षण दिया गया है, लेकिन यह गर्व की बात है कि इस महामारी के काल में बंदियों को इस प्रकार का प्रशिक्षण सुखद और स्वस्थ जीवन जीन में सहायक होगा. व्यक्ति विकास केंद्र झारखण्ड चेप्टर के अध्यक्ष बीके सिन्हा की ओर से वीडियो मैसेज द्वारा कार्यक्रम में कहा गया कि आर्ट ऑफ लिविंग के लिए यह सौभाग्य की बात है.

रांचीः जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संयुक्त प्रयास से कोविड-19 से बचाव के लिए तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई. हाई पाॅवर कमिटी के दिशानिर्देश पर ऐसे विचाराधीन बंदी जो सात वर्ष से कम के सजा वाले मामले में न्यायिक अभिरक्षा में हैं, उन्हें जमानत पर छोड़ने का निर्देश दिया है. ऐसे बंदियों को ट्रेनिंग के माध्यम से कोविड एप्रोप्रिएट विहेवियर के बारे में जानकारी दी जा रही है तथा अपने में रोग निरोधक क्षमता कैसे विकसित किया जाय, इसको लेकर योग, प्रणायाम, ध्यान का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें बताया जा रहा है कि खान-पान और दैनिक जीवन किस तरह का हो कि कोविड काल में लोगों की रोग निरोधक क्षमता उन्नत रहे.

Corona prevention training  in ranchi for undertrial prisoners by art of living
विचाराधीन बंदियों के लिए कोरोना से बचाव की ट्रेनिंग
ये भी पढ़ें-झारखंड में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर गरमाई राजनीति, भाजपा ने कहा-चल रहा तबादल उद्योगकार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची परिसर में प्रभारी प्रधान न्यायायुक्त आशुतोष शशि, डालसा सचिव अभिषेक कुमार एवं आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक-सह-एक्सपर्ट मीडिएशन डालसा ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया. प्रभारी प्रधान न्यायायुक्त आशुतोष शशि ने अपने संबोधन भाषण में कहा कि उच्च न्यायालय झारखण्ड के दिशा निर्देश पर गठित हाई पाॅवर कमेटी की ओर से सात वर्ष से कम सजा वाले बंदियों को अपबंधित रूप से संबंधित न्यायालय द्वारा उनके आवेदन पर विचार करने के बाद छोड़ा जाएगा. ऐसे बंदी जो बाहर जाएंगे, उनके लिए इस प्रकार का प्रशिक्षण देकर न केवल कोविड महामारी से बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि वैसे लोग प्रशिक्षण पाकर तनावमुक्त एवं स्वस्थ जीवन जीने में सफल होंगे.
Corona prevention training  in ranchi for undertrial prisoners by art of living
विचाराधीन बंदियों के लिए कोरोना से बचाव की ट्रेनिंग
स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणाजिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव अभिषेक प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित होने से बंदियों को स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है. आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक तथा डालसा के एक्सपर्ट मीडिएशन पंचानन सिंह ने कहा कि इसके पूर्व भी बंदियों को कई बार प्रशिक्षण दिया गया है, लेकिन यह गर्व की बात है कि इस महामारी के काल में बंदियों को इस प्रकार का प्रशिक्षण सुखद और स्वस्थ जीवन जीन में सहायक होगा. व्यक्ति विकास केंद्र झारखण्ड चेप्टर के अध्यक्ष बीके सिन्हा की ओर से वीडियो मैसेज द्वारा कार्यक्रम में कहा गया कि आर्ट ऑफ लिविंग के लिए यह सौभाग्य की बात है.
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