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रांचीः निजी अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत, परिजनों ने शव देने के लिए दो लाख मांगने का लगाया आरोप

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Published : Sep 17, 2020, 10:42 PM IST

रांची के एक मोहल्ले के कोरोना पेशेंट की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने मरीज के इलाज में लापरवाही और शव देने के एवज में दो लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है.

private hospital in Ranchi
रांची का अस्पताल

रांचीः राजधानी के एक निजी अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत हो गई. इस मामले में मृतक के परिजनों ने शव देने के लिए दो लाख रुपये देने का आरोप लगाया है. इसके अलावा परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है. हालांकि प्रबंधन ने आरोपों से इनकार किया है.

देखें पूरी खबर

दरअसल राजधानी के शैम्फोर्ड अस्पताल में रांची के निरमा झा को सांस में समस्या आने पर 4 सितंबर को भर्ती कराया गया था. 6 सितंबर को निरमा झा की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. गुरुवार को निरमा झा की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. निरमा झा के बेटे अबिनास झा का कहना है कि अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा यह कहा जा रहा था कि कोरोना का इलाज किया जा रहा है लेकिन 11 दिन बाद भी मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव ही आई.

रेफर करने के लिए कहने पर मौत की जानकारी देने का आरोप

निरमा झा के बेटे अबिनास झा ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से बिना बताए ही इलाज किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि जब बिल ज्यादा होने लगा तो उन लोगों ने मरीज को रिम्स रेफर करने की बात कही. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने निरमा झा के मौत होने की बात कह दी और बाकी बचे दो लाख रुपया जमा करने के बाद ही शव देने की बात कही.

ये भी पढ़ें-राज्यपाल और सीएम ने दी पीएम को जन्मदिन की बधाई, कहा- आपके नेतृत्व में भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर

प्रबंधन बोला- प्रशासन को सौंपा जाएगा शव

मामले की जानकारी पर ईटीवी भारत ने शैंफोर्ड अस्पताल के प्रबंधक दिवाकर मेहता से बात की तो उन्होंने कहा कि परिजनों का आरोप निराधार है. उन्होंने कहा कि मरीज की स्थिति काफी दयनीय थी. मरीज के इलाज में अस्पताल के चिकित्सकों ने पूरा प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्य से गुरुवार को मरीज की मौत हो गई. वहीं उन्होंने बाकी बचे 2 लाख रुपये जमा करने की बात पर कहा कि परिजनों पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से पैसे जमा करने के लिए दबाव नहीं बनाया गया. डेड बॉडी को रखने की बात भी नहीं कही गई है क्योंकि मृतक कोरोना पॉजिटिव है ऐसे में आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार डेड बॉडी परिजन को नहीं सौंपा जा सकता, उसे जिला प्रशासन को ही दिया जाएगा.

सरकार ने तय की है अधिकतम दर

झारखंड सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निजी अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए दर तय की गई है. इसके मुताबिक कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अठारह हजार रुपये प्रतिदिन से अधिक नहीं लिया जा सकता है.

रांचीः राजधानी के एक निजी अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत हो गई. इस मामले में मृतक के परिजनों ने शव देने के लिए दो लाख रुपये देने का आरोप लगाया है. इसके अलावा परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है. हालांकि प्रबंधन ने आरोपों से इनकार किया है.

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दरअसल राजधानी के शैम्फोर्ड अस्पताल में रांची के निरमा झा को सांस में समस्या आने पर 4 सितंबर को भर्ती कराया गया था. 6 सितंबर को निरमा झा की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. गुरुवार को निरमा झा की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. निरमा झा के बेटे अबिनास झा का कहना है कि अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा यह कहा जा रहा था कि कोरोना का इलाज किया जा रहा है लेकिन 11 दिन बाद भी मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव ही आई.

रेफर करने के लिए कहने पर मौत की जानकारी देने का आरोप

निरमा झा के बेटे अबिनास झा ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से बिना बताए ही इलाज किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि जब बिल ज्यादा होने लगा तो उन लोगों ने मरीज को रिम्स रेफर करने की बात कही. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने निरमा झा के मौत होने की बात कह दी और बाकी बचे दो लाख रुपया जमा करने के बाद ही शव देने की बात कही.

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प्रबंधन बोला- प्रशासन को सौंपा जाएगा शव

मामले की जानकारी पर ईटीवी भारत ने शैंफोर्ड अस्पताल के प्रबंधक दिवाकर मेहता से बात की तो उन्होंने कहा कि परिजनों का आरोप निराधार है. उन्होंने कहा कि मरीज की स्थिति काफी दयनीय थी. मरीज के इलाज में अस्पताल के चिकित्सकों ने पूरा प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्य से गुरुवार को मरीज की मौत हो गई. वहीं उन्होंने बाकी बचे 2 लाख रुपये जमा करने की बात पर कहा कि परिजनों पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से पैसे जमा करने के लिए दबाव नहीं बनाया गया. डेड बॉडी को रखने की बात भी नहीं कही गई है क्योंकि मृतक कोरोना पॉजिटिव है ऐसे में आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार डेड बॉडी परिजन को नहीं सौंपा जा सकता, उसे जिला प्रशासन को ही दिया जाएगा.

सरकार ने तय की है अधिकतम दर

झारखंड सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निजी अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए दर तय की गई है. इसके मुताबिक कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अठारह हजार रुपये प्रतिदिन से अधिक नहीं लिया जा सकता है.

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