रांची: झारखंड में 16 जून को कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या 76 हो गयी. वहीं एक महीने में पहले यानी 15 मई को यह आंकड़ा 31 था. महज एक महीने में झारखंड में कोरोना एक्टिव केस की संख्या (Active Corona Cases in Jharkhand) ढाई गुणा तक बढ़ गयी है. राजधानी रांची में तो स्थिति और खराब है, जहां 15 मई को रांची में सिर्फ 12 एक्टिव केस थे, वह 16 जून तक बढ़कर 42 हो गया. यानी राजधानी में एक महीने में कोरोना के एक्टिव केस साढ़े तीन गुणा बढ़े हैं.
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बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण का खतरा: कोरोना संक्रमण फैलने के संकेत फिर से दिखने लगे हैं. 7 डेज डबलिंग 91826 दिन से एक महीने में घटकर 31533 दिन पर आ गया है लेकिन, लोगों की लापरवाही देखकर लगाता कि कोरोना की दूसरी लहर के खौफनाक मंजर को सबने भुला दिया है. बाजार में दुकानदार हो या खरीददार, चौक चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी हों या रिक्शा ठेलेवाले, अस्पताल में मरीज हों या स्वास्थ्यकर्मी कहीं भी न सोशल डिस्टेंसिग का पालन हो रहा है और न ही चेहरे पर मास्क है कि संक्रमण को रोका जा सके. लापरवाही का आलम यहां तक है कि जिस सदर अस्पताल के कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटर में बड़ी संख्या में संदिग्ध सैंपल देने आते हैं, वहां के स्वास्थ्यकर्मी भी मीडिया के कैमरे देख मास्क लगाकर लगाते हैं. राज्य में मेले पर अभी भी रोक लगी है लेकिन, राजनीतिक दलों की जुलूस और प्रदर्शन लगातार हो रहे हैं, जहां कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं होता.
क्या कहते हैं रांची के नोडल अधिकारी: कोरोना सैंपल टेस्टिंग के रांची नोडल अधिकारी और झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डॉ बिमलेश सिंह राज्य में एक बार फिर कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने को चिंताजनक बताते हुए कहते है कि लोग कोरोना के खत्म हो जाने की समझने की भूल न करें. ईटीवी भारत के माध्यम से उन्होंने समाज के हर वर्ग से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने, 2 गज की दूरी को अभी भी जरूरी मानने, भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से परहेज करने और मास्क लगाने की अपील की.