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रांचीः निगम परिषद की बैठक में पांच विषय जोड़ने पर विवाद, मेयर ने नगर आयुक्त को शो कॉज कर मांगा जवाब - रांची मेयर ने आयुक्त को दिया शो कॉज

रांची नगर निगम की गुरुवार को होने वाली बैठक से पूर्व विवाद सामने आया है. दरअसल निगम आयुक्त ने बैठक के एजेंडे में पांच विषयों को जोड़ दिया है जिस पर मेयर आशा लकड़ा ने आपत्ति जताई है. उन्होंने आयुक्त को शो-कॉज कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है.

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Published : Mar 24, 2021, 9:43 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 2:51 PM IST

रांचीः रांची नगर परिषद की बैठक गुरुवार को होनी है. परिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित बजट को पारित किया जाना है. परिषद की बैठक को लेकर सभी सदस्यों को एजेंडा की कॉपी भेज दी गई है, लेकिन नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने मेयर आशा लकड़ा से अनुमति लिए बिना एजेंडा में पांच विषयों को जोड़ दिया है.

यह भी पढ़ेंः लाउडस्पीकर से अजान देने पर रोक की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में PIL, ध्वनि प्रदूषण का दिया हवाला

इसको लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि नगर आयुक्त ने अपनी मनमानी करते हुए मेयर से अनुमति लिए बिना संबंधित विषयों को एजेंडा में शामिल किया है. जिस पर मेयर ने बुधवार को नगर आयुक्त को शो-कॉज कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है.

दरअसल परिषद की बैठक को लेकर सदस्यों के बीच एजेंडा की कॉपी भेजने से पूर्व ही मेयर ने संबंधित विषयों पर नगर आयुक्त से कुछ बिंदुओं पर महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी थी, लेकिन नगर आयुक्त ने मेयर के निर्देशों का न तो अनुपालन किया और न ही संबंधित विषयों पर मांगी गई जानकारी दी.

साथ ही संबंधित विषयों पर रोक लगाते हुए परिषद की बैठक में इन विषयों को शामिल नहीं करने का निर्देश दिया है. मेयर ने कहा है कि नगर आयुक्त की मंशा ठीक नहीं है. मेयर की अनुमति के बिना इन विषयों को एजेंडा में शामिल करने के पीछे उनका उद्देश्य क्या है. नगर आयुक्त की इस कार्यशैली से रांची नगर निगम में बड़ा घोटाला होने की संभावना है.

आयुक्त पर मनमानी का आरोप

उन्होंने कहा कि कार्यवृत्त संख्या-03 और 04 के तहत यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि Solar mounted 60 watt LED Light with battery और विभिन्न मोहल्लों और वार्ड के अंदरूनी हिस्सों में अधिष्ठापित LED लाइटों को पैनल से जोड़कर टाइमर से संचालित किए जाने का कार्य पूर्व में चयनित एजेंसी के माध्यम से किया जाना है या इस कार्य के लिए नए सिरे से एजेंसी का चयन किया जाएगा.

इसी प्रकार, कार्यवृत्त संख्या-05 के तहत निगम क्षेत्र के पांच पार्कों का संचालन NGO के माध्यम से कराए जाने के विषय पर नगर आयुक्त से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.

यह भी पढ़ेंः गेहूं के खेत में लगी भीषण आग, 150 बीघे की फसल जलकर राख

कार्यवृत्त संख्या-06 के तहत वार्ड 27 और 28 में सड़क और नाली निर्माण योजना की स्वीकृत राशि में वृद्धि की गई है, लेकिन नगर आयुक्त ने स्वीकृत राशि में की गई वृद्धि का तकनीकी पक्ष स्पष्ट नहीं किया.

इसी प्रकार कार्यवृत्त संख्या-08 के तहत नगर विकास विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल भार एवं जल संयोजन नियमावली-2020 पर भी नगर आयुक्त से कई बिंदुओं को स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन उन्होंने मांगी गई जानकारी का कोई तार्किक जवाब नहीं दिया.

इससे स्पष्ट है कि नगर आयुक्त रांची नगर निगम में अपनी मनमानी करना चाहते हैं. मेयर ने कहा है कि मेरा यह कर्तव्य है कि निगम से संबंधित कार्यों और शहरी क्षेत्र के लिए तैयार की गई योजनाओं में पारदर्शिता बरती जाए. आम जनता के पैसों का दुरुपयोग न हो.

रांचीः रांची नगर परिषद की बैठक गुरुवार को होनी है. परिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित बजट को पारित किया जाना है. परिषद की बैठक को लेकर सभी सदस्यों को एजेंडा की कॉपी भेज दी गई है, लेकिन नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने मेयर आशा लकड़ा से अनुमति लिए बिना एजेंडा में पांच विषयों को जोड़ दिया है.

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इसको लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि नगर आयुक्त ने अपनी मनमानी करते हुए मेयर से अनुमति लिए बिना संबंधित विषयों को एजेंडा में शामिल किया है. जिस पर मेयर ने बुधवार को नगर आयुक्त को शो-कॉज कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है.

दरअसल परिषद की बैठक को लेकर सदस्यों के बीच एजेंडा की कॉपी भेजने से पूर्व ही मेयर ने संबंधित विषयों पर नगर आयुक्त से कुछ बिंदुओं पर महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी थी, लेकिन नगर आयुक्त ने मेयर के निर्देशों का न तो अनुपालन किया और न ही संबंधित विषयों पर मांगी गई जानकारी दी.

साथ ही संबंधित विषयों पर रोक लगाते हुए परिषद की बैठक में इन विषयों को शामिल नहीं करने का निर्देश दिया है. मेयर ने कहा है कि नगर आयुक्त की मंशा ठीक नहीं है. मेयर की अनुमति के बिना इन विषयों को एजेंडा में शामिल करने के पीछे उनका उद्देश्य क्या है. नगर आयुक्त की इस कार्यशैली से रांची नगर निगम में बड़ा घोटाला होने की संभावना है.

आयुक्त पर मनमानी का आरोप

उन्होंने कहा कि कार्यवृत्त संख्या-03 और 04 के तहत यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि Solar mounted 60 watt LED Light with battery और विभिन्न मोहल्लों और वार्ड के अंदरूनी हिस्सों में अधिष्ठापित LED लाइटों को पैनल से जोड़कर टाइमर से संचालित किए जाने का कार्य पूर्व में चयनित एजेंसी के माध्यम से किया जाना है या इस कार्य के लिए नए सिरे से एजेंसी का चयन किया जाएगा.

इसी प्रकार, कार्यवृत्त संख्या-05 के तहत निगम क्षेत्र के पांच पार्कों का संचालन NGO के माध्यम से कराए जाने के विषय पर नगर आयुक्त से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.

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कार्यवृत्त संख्या-06 के तहत वार्ड 27 और 28 में सड़क और नाली निर्माण योजना की स्वीकृत राशि में वृद्धि की गई है, लेकिन नगर आयुक्त ने स्वीकृत राशि में की गई वृद्धि का तकनीकी पक्ष स्पष्ट नहीं किया.

इसी प्रकार कार्यवृत्त संख्या-08 के तहत नगर विकास विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल भार एवं जल संयोजन नियमावली-2020 पर भी नगर आयुक्त से कई बिंदुओं को स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन उन्होंने मांगी गई जानकारी का कोई तार्किक जवाब नहीं दिया.

इससे स्पष्ट है कि नगर आयुक्त रांची नगर निगम में अपनी मनमानी करना चाहते हैं. मेयर ने कहा है कि मेरा यह कर्तव्य है कि निगम से संबंधित कार्यों और शहरी क्षेत्र के लिए तैयार की गई योजनाओं में पारदर्शिता बरती जाए. आम जनता के पैसों का दुरुपयोग न हो.

Last Updated : Mar 25, 2021, 2:51 PM IST
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