रांचीः राजधानी के मोरहाबादी मैदान से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए हजारों की संख्या में एनएचएम अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकलकर्मी निकले हैं. राजभवन के पास पुलिस से उनकी झड़प हो गयी है. इसके प्रदर्शनकारी बैरिकेडिग तोड़कर आगे बढ़ गए हैं. रांची में अनुबंधित मेडिकल स्टाफ का प्रदर्शन काफी जोरदार हो रहा है. झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ और झारखंड अनुबंधित फिजियोथेरेपी संघ ने भी NHM कर्मियों के आंदोलन को समर्थन दिया है.
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झारखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर सेवा दे रहीं ANM/GNM नर्स और अनुबंधित पारा मेडिकलकर्मी अपनी एक सूत्री मांग 'सेवा स्थायीकरण' के लिए मुख्यमंत्री आवास घेरने के लिए आक्रोश मार्च की शक्ल में मोरहाबादी मैदान से निकले. उपाधीक्षक और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में हाथ में अपनी मांग के बैनर और तख्ती लिए आंदोलित नर्सें अलग अलग जिले की समूह के साथ कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास के लिए आगे बढ़ रही हैं.
दो जत्थे में बंट गयीं नर्सेंः अपने आंदोलन को और धार देते हुए खुद को दो जत्थे में बांट लिया है. जब एक ग्रुप को राजभवन के पास गेट नंबर 1 पर पुलिस द्वारा रोका गया. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों का दूसरा जत्था सीएम हाउस के करीब पहुंच गया है. जहां पर सुरक्षाकर्मियों ने उनको रोका है.
मोरहाबादी में ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर वहीं सभा करने की पुलिस अधिकारियों द्वारा मांग को NHM अनुबंधित नर्से और पारा मेडिकलकर्मी संघ के नेताओं ने अस्वीकार कर दिया है. राजभवन पर रोके जाने से आक्रोशित नर्सों की पुलिस से झड़प हुई और प्रदर्शनकारी मेडिकल स्टाफ बैरिकेडिंग तोड़ कर आगे निकल गयी हैं. आंदोलनरत अनुबंधित नर्सों का कहना है कि अब निर्णायक आंदोलन होगा. मंगलवार को 17 जनवरी 2023 से राजभवन के पास अनिश्चितकालीन धरना, हड़ताल और 24 जनवरी से वो आमरण अनशन करेंगे.
स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असरः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़ी नर्स और पारा मेडिकलकर्मियों के आंदोलन की वजह से राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था पर खासा असर पड़ रहा है. खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने गयी है. वहीं टीकाकरण सहित कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम पर भी इसका असर पड़ा है.
2015 से लगातार आंदोलनरत हैं NHM की अनुबंधित नर्सेः 2015-17 वर्ष से भी अधिक समय से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुबंध पर सेवा दे रहीं नर्सें वर्ष 2015 से ही सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन करता आ रही हैं. हर बार विभाग और सरकार से आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन स्थगित होता रहा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अनुबंधित ANM-GNM नर्स ने निर्णायक आंदोलन की घोषणा करते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री आवास घेराव और हड़ताल कर सरकार से तत्काल सेवा स्थायी करने की मांग कर रही हैं.
मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोपः नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों का आरोप है कि 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य से अनुबंध शब्द को ही समाप्त कर देना है और 03 महीने में उनकी सेवा नियमित होगी. लेकिन 03 माह की जगह 03 साल हो गए लेकिन उनकी मांग पर सरकार अब कुछ नहीं कर रही है. पिछले दिनों जब आंदोलन किया तो नियमितीकरण के नाम पर एक कमिटी बना दी गयी. लेकिन उस कमिटी की एक भी बैठक कभी नहीं हुई है यानी सरकार और स्वास्थ्य महकमा उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. इसलिए निराश होकर चरणबद्ध और निर्णायक आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया गया है.
अनुबंधित नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों की मांगः पारा मेडिकल नियमावली 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सभी पारा मेडिकलकर्मियों का वर्ष 2014 की तरह विभागीय नियमितीकरण की प्रकिया अविलंब शुरू करने की मुख्य मांग है. राज्य में NHM के तहत करीब 4 हजार 600 ANM नर्स, 1 हजार GNM नर्स और 2 हजार 400 के करीब अनुबंधित पारा मेडिकल स्टाफ हैं जो 10 वर्ष से अधिक समय से अनुबंध पर सेवा दे रहे हैं, उनकी सेवा अब स्थायी की जाए.