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विश्वविद्यालयों के अनुबंधित शिक्षकों को जल्द मिलेगा मानदेय, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र

विश्वविद्यालयों के अनुबंधित शिक्षकों को मानदेय भुगतान का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों के मानदेय का भुगतान करने के लिए पत्र जारी कर दिया है. इससे राज्य भर के 930 शिक्षकों को लाभ मिलेगा. इनमें से कई का मानदेय भुगतान वर्ष 2020 से लंबित है.

higher education department has decided to pay the honorarium of the teachers
उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षकों का मानदेय भुगतान करने का निर्णय लिया
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Published : Jun 19, 2021, 7:44 AM IST

रांची: विश्वविद्यालयों के अनुबंधित शिक्षकों को मानदेय भुगतान का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों के मानदेय भुगतान को लेकर पत्र जारी कर दिया है. बताते चलें कि राज्य भर में विभिन्न विश्वविद्यालयों में लगभग 930 अनुबंधित शिक्षक हैं. जिनका का मानदेय काफी समय से रूका हुआ है.

ये भी पढ़ें- पुरानी पेंशन को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई, सरकार से 2 सप्ताह में मांगा जवाब

2020 से अब तक पेंडिंग

गौरतलब है कि राज्य के विश्वविद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है. इस कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने रांची विश्वविद्यालय समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अनुबंध पर शिक्षकों की बहाली की है. लेकिन इनको समय पर मानदेय दिए जाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है. लगातार वर्ष 2020 के कोरोना काल से कई शिक्षकों का मानदेय अब तक पेंडिंग है.

राज्यपाल से भी लगा चुके हैं गुहार

इस मामले को लेकर अनुबंधित शिक्षक आंदोलन भी कर चुके हैं. शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग और यहां तक की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से भी मानदेय भुगतान को लेकर गुहार लगाई थी. अब राज्य सरकार ने इन शिक्षकों को मानदेय भुगतान करने को लेकर स्वीकृति प्रदान कर दी है और इसे लेकर एक पत्र भी जारी कर दिया गया है.

पीजी कैंपस में अवैध निर्माण हटाने के लिए मोहलत

रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने मोरहाबादी स्थित अपने पीजी कैंपस में अवैध निर्माण करनेवालों को नोटिस जारी किया है. आरोप है कि यहां देवी दयाल मुंडा, शंकर प्रसाद और संतोष प्रसाद आदि अवैध रूप से दुकान चला रहे हैं. इन्हें सात दिनों के भीतर परिसर खाली करने का आदेश दिया गया है.उन्हें नोटिस भी दे दिया गया है.

एफआईआर दर्ज

विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से वहां गुमटी और एसटीडी बूथ खोलने की अनुमति दी गई थी. इसके उलट वहां अवैध निर्माण कर लिया गया. जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे सेवा शर्तों का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की है. इस मामले में अवैध निर्माण करनेवालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.

रांची: विश्वविद्यालयों के अनुबंधित शिक्षकों को मानदेय भुगतान का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों के मानदेय भुगतान को लेकर पत्र जारी कर दिया है. बताते चलें कि राज्य भर में विभिन्न विश्वविद्यालयों में लगभग 930 अनुबंधित शिक्षक हैं. जिनका का मानदेय काफी समय से रूका हुआ है.

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2020 से अब तक पेंडिंग

गौरतलब है कि राज्य के विश्वविद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है. इस कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने रांची विश्वविद्यालय समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अनुबंध पर शिक्षकों की बहाली की है. लेकिन इनको समय पर मानदेय दिए जाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है. लगातार वर्ष 2020 के कोरोना काल से कई शिक्षकों का मानदेय अब तक पेंडिंग है.

राज्यपाल से भी लगा चुके हैं गुहार

इस मामले को लेकर अनुबंधित शिक्षक आंदोलन भी कर चुके हैं. शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग और यहां तक की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से भी मानदेय भुगतान को लेकर गुहार लगाई थी. अब राज्य सरकार ने इन शिक्षकों को मानदेय भुगतान करने को लेकर स्वीकृति प्रदान कर दी है और इसे लेकर एक पत्र भी जारी कर दिया गया है.

पीजी कैंपस में अवैध निर्माण हटाने के लिए मोहलत

रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने मोरहाबादी स्थित अपने पीजी कैंपस में अवैध निर्माण करनेवालों को नोटिस जारी किया है. आरोप है कि यहां देवी दयाल मुंडा, शंकर प्रसाद और संतोष प्रसाद आदि अवैध रूप से दुकान चला रहे हैं. इन्हें सात दिनों के भीतर परिसर खाली करने का आदेश दिया गया है.उन्हें नोटिस भी दे दिया गया है.

एफआईआर दर्ज

विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से वहां गुमटी और एसटीडी बूथ खोलने की अनुमति दी गई थी. इसके उलट वहां अवैध निर्माण कर लिया गया. जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे सेवा शर्तों का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की है. इस मामले में अवैध निर्माण करनेवालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.

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