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Protest of Contract Nurses: आंदोलनरत अनुबंधित नर्सों ने रक्तदान कर सरकार से की सेवा स्थायीकरण की मांग, 24 जनवरी से आमरण अनशन की घोषणा

झारखंड में अनुबंध पर काम कर रही नर्सों और पारा मेडिकल कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. आंदोलन के आठवें दिन अनुबंध कर्मियों ने अनोखा प्रदर्शन किया. अनुबंध कर्मियों ने एक तरफ जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को लेकर मानव सेवा का भाव दिखाते हुए रक्तदान किया, वहीं सरकार की अनदेखी को लेकर आक्रोश प्रकट किया.

Protest Of Contract Nurses
Contract Nurse Donating Blood
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Published : Jan 23, 2023, 10:07 PM IST

रांचीः सेवा स्थायीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवा देने वाली अनुबंधित नर्सो और पारा मेडिकल कर्मियों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके नारे "तुम मुझे खून तो मैं तुम्हें आजादी दूंगा" से प्रेरणा लेकर सोमवार को रांची और धनबाद में रक्तदान शिविर में खून देकर अपने लिए सरकार से सेवा स्थायी करने की मांग की. झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम-जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वावधान में राज्य के समस्त पारा मेडिकल कर्मी, एएनएम, जीएनएम, नर्सें, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, ऑप्थलमिक असिस्टेंट, फिजियोथेरेपिस्ट ने सरकार पर उपेक्षा करने के विरोध में और अपनी मांग को लेकर ब्लड डोनेट किया.

ये भी पढे़ं-स्वास्थ्य विभाग के अनुबंधकर्मियों की हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था चरमराई, रिम्स और सदर अस्पताल पर बढ़ा मरीजों का दबाव

कुल 34 यूनिट रक्त संग्रहः नियमितीकरण की मांग पर 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव के बाद से लगातार राज्य के आठ-साढ़े आठ हजार नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं. इसी क्रम में अनुबंध कर्मियों ने मानव सेवा के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए सोमवार को धनबाद और रांची जिले में धरनास्थल पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया. जिसमें कुल 34 यूनिट रक्त संग्रह किया गया. अब तक विभाग के द्वारा और न ही सरकार के तरफ से किसी प्रकार की कोई वार्ता की पहल की गई है.

24 जनवरी से आमरण अनशनः पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 24 जनवरी से अनुबंध कर्मी आमरण अनशन करेंगे. वहीं अनुबंध कर्मियों की हड़ताल से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गई है. रूटीन टीकाकरण भी नहीं हो रहा है. जिसका खामियाजा मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में और जिला स्तरीय संस्थानों में देखा जा रहा है. टीकाकरण, प्रसव, लैब, फार्मेसी आदि कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन सरकार सदर अस्पतालों में अन्य क्षेत्रों के कर्मियों को बुलाकर कार्य करा रही है और दिखाना चाह रही है कि हमारा सिस्टम पूरी तरह से चल रहा है.

अनुबंधित नर्सो की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराईः अनुबंध कर्मियों ने कहा कि हमारी एक ही मांग है बस अनुबंध कर्मियों को 2014 नियमावली के आधार रखते हुए सीधा नियमितीकरण किया जाए. झारखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवा दे रही अनुबंधित नर्सो की हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवा पर पड़ रहा है. रूटीन टीकाकरण, स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र पर नर्सो की कमी का असर दिख रहा है तो वहीं इस बार आंदोलनरत नर्से भी आरपार के मूड में हैं.

रांचीः सेवा स्थायीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवा देने वाली अनुबंधित नर्सो और पारा मेडिकल कर्मियों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके नारे "तुम मुझे खून तो मैं तुम्हें आजादी दूंगा" से प्रेरणा लेकर सोमवार को रांची और धनबाद में रक्तदान शिविर में खून देकर अपने लिए सरकार से सेवा स्थायी करने की मांग की. झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम-जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वावधान में राज्य के समस्त पारा मेडिकल कर्मी, एएनएम, जीएनएम, नर्सें, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, ऑप्थलमिक असिस्टेंट, फिजियोथेरेपिस्ट ने सरकार पर उपेक्षा करने के विरोध में और अपनी मांग को लेकर ब्लड डोनेट किया.

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कुल 34 यूनिट रक्त संग्रहः नियमितीकरण की मांग पर 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव के बाद से लगातार राज्य के आठ-साढ़े आठ हजार नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं. इसी क्रम में अनुबंध कर्मियों ने मानव सेवा के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए सोमवार को धनबाद और रांची जिले में धरनास्थल पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया. जिसमें कुल 34 यूनिट रक्त संग्रह किया गया. अब तक विभाग के द्वारा और न ही सरकार के तरफ से किसी प्रकार की कोई वार्ता की पहल की गई है.

24 जनवरी से आमरण अनशनः पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 24 जनवरी से अनुबंध कर्मी आमरण अनशन करेंगे. वहीं अनुबंध कर्मियों की हड़ताल से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गई है. रूटीन टीकाकरण भी नहीं हो रहा है. जिसका खामियाजा मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में और जिला स्तरीय संस्थानों में देखा जा रहा है. टीकाकरण, प्रसव, लैब, फार्मेसी आदि कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन सरकार सदर अस्पतालों में अन्य क्षेत्रों के कर्मियों को बुलाकर कार्य करा रही है और दिखाना चाह रही है कि हमारा सिस्टम पूरी तरह से चल रहा है.

अनुबंधित नर्सो की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराईः अनुबंध कर्मियों ने कहा कि हमारी एक ही मांग है बस अनुबंध कर्मियों को 2014 नियमावली के आधार रखते हुए सीधा नियमितीकरण किया जाए. झारखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवा दे रही अनुबंधित नर्सो की हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवा पर पड़ रहा है. रूटीन टीकाकरण, स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र पर नर्सो की कमी का असर दिख रहा है तो वहीं इस बार आंदोलनरत नर्से भी आरपार के मूड में हैं.

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